हेल्थ डैशबोर्ड रैकिंग में गोरखपुर का प्रदेश में दूसरा स्थान



  • प्राथमिकता वाले स्वास्थ्य संकेतांकों के आधार पर तय होती है डैशबोर्ड की रैंकिंग
  • पिछले वित्तीय वर्ष में नौ बार टॉप टेन में रह चुका है गोरखपुर

गोरखपुर - परिवार नियोजन, मातृ शिशु स्वास्थ्य, नियमित टीकाकरण और टीबी उन्मूलन जैसे प्राथमिकता वाले स्वास्थ्य संकेतांकों पर आधारित हेल्थ डैशबोर्ड रैकिंग में गोरखपुर जिले को प्रदेश में दूसरा स्थान मिला है । यह रैकिंग मार्च माह की उपलब्धियों के आधार पर तय हुई है । वित्तीय वर्ष 2023-24 में गोरखपुर जिला नौ बार टॉप टेन में रह चुका है । मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने जिले के स्वास्थ्यकर्मियों को बधाई देते हुए और बेहतर प्रयास करने की अपील की है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि जिले को रैंकिंग दिलवाने में कैम्पियरगंज, बेलघाट और पाली ब्लॉक के प्रदर्शन का विशेष योगदान रहा है । जिले ने शून्य दशमल सात एक के कम्पोजिट स्कोर के साथ यह उपलब्धि हासिल की है। इससे पहले अप्रैल 2023 में भी जिले को प्रदेश में दूसरा स्थान मिला था। इस उपलब्धि के लिए अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी आरसीएच डॉ एके चौधरी, डीपीएम पंकज आनंद, डीपीएमयू, चिकित्सा अधिकारी, सभी स्वास्थ्यकर्मी और बीपीएमयू की अहम भूमिका है ।

डॉ दूबे ने बताया कि प्रसवपूर्व चार या उससे अधिक जांच (हीमोग्लोबिन समेत), संस्थागत प्रसव दर, नवजात के गृह आधारित देखभाल, सम्पूर्ण टीकाकरण और गर्भावस्था में एचआईवी जांच में जिले ने शत फीसदी प्रदर्शन किया है। सीएचसी श्रेणी का सी-सेक्शन डिलेवरी रेट 3.61 फीसदी, जिला स्तरीय श्रेणी के सी-सेक्शन डिलेवरी रेट 69.04 फीसदी, टीबी नोटिफिकेशन दर 84.87 फीसदी, स्टील बर्थ रेशियो 1.25, बर्थ डोज टीकाकरण 1.11, प्रति 1000 दंपति पर स्थायी परिवार नियोजन सेवा में 2.75 और प्रति 1000 दंपति पर अस्थायी परिवार नियोजन सेवा में 22.19 स्कोर मिला है। जिले की प्रत्येक आशा कार्यकर्ता को 5855 रुपये का औसत भुगतान किया गया है। इकाइयों के रिपोर्टिंग में अंतर 10.42 फीसदी मिला, जबकि 83.64 फीसदी इकाइयों द्वारा रिपोर्टिंग में ब्लैंक न छोड़ने के संकेतांक में अच्छा प्रदर्शन किया गया ।

नियमित बैठकों और समीक्षा का परिणाम : राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबन्धक पंकज आनंद ने बताया कि जिलाधिकारी कृष्णा करूणेश, मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार मीना, जिला विकास अधिकारी राज मणि वर्मा और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे  द्वारा समय समय पर बैठकें कर संकेतांकों की समीक्षा की जाती है । इन बैठकों में गैप्स को दूर करने के उपायों के बारे में चर्चा होती है । इसी कारण से गोरखपुर जनपद पिछले वित्तीय वर्ष में लगातार टॉप टेन में बना हुआ है। डेटा विश्वलेषण व संकेतांकों के सुधार में जिला डेटा प्रबन्धक पवन कुमार गुप्ता, सहयोगी मनीष त्रिपाठी और डैम पवन कुमार का विशेष सहयोग रहा है । गुणवत्तापूर्ण जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक जिले में प्रत्येक माह की जाती है। इसमें सभी सहयोगी संस्थाओं के फीडबैक के आधार पर भी समीक्षा होती है।

वित्तीय वर्ष का प्रदर्शन : सीएमओ ने बताया कि जिले को वर्ष 2023 के अप्रैल में दूसरी, जून में छठवीं, जुलाई में आठवीं, अगस्त में सातवीं, नवम्बर में पांचवी, दिसम्बर में दसवीं, जनवरी में सातवीं, फरवरी में आठवीं और मार्च में दूसरी रैंक मिली है। गोरखपुर जनपद पर मई, सितम्बर और अक्टूबर माह में टॉप ट्वैंटी में रहा है ।