शहरी क्षेत्र में परिवार नियोजन की समस्त सुविधाओं को सुदृढ़ करना जरूरी



  • परिवार कल्याण कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए आयोजित हुई समीक्षा बैठक
  • मातृ शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रमों को सुदढ़ बनाने के भी निर्देश

कानपुर। परिवार कल्याण कार्यक्रम के अंतर्गत शहरी क्षेत्र के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ मिल सकें, इसके लिए नियमित आकलन और समीक्षा की आवश्यकता है। इसी क्रम में मंगलवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी के एनयूएचएम सभागार में सीएमओ डॉ आलोक रंजन के निर्देशन में परिवार कल्याण कार्यक्रम की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक का आयोजन स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में ‘दी चैलेंज इनिशिएटिव’ पॉप्युलेशन सर्विसेज़ इंटरनेशनल (पीएसआई) इंडिया के सहयोग से किया गया।   

बैठक की अध्यक्षता कर रहे परिवार कल्याण कार्यक्रम के नोडल व अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ रमित रस्तोगी ने उपस्थित स्टाफ नर्सेज को निर्देशित किया कि अस्थायी साधन खासकर तिमाही गर्भनिरोधक इंजेक्शन ‘अंतरा’, साप्ताहिक गर्भ निरोधक गोली ‘छाया’ और इंट्रायूटेराइन कॉन्ट्रासेप्टिव डिवाइस (आईयूसीडी) की सेवाओं को और अधिक बढ़ाना जरूरी है। स्थायी साधन में महिला और पुरुष नसबंदी के लिए भी लक्षित दंपति को ज्यादा से ज्यादा जागरूक करें। समस्त पीएचसी पर गर्भ निरोधक के सभी साधन मौजूद हों। प्रत्येक वर्ग के लाभार्थियों के लिए ‘बास्केट ऑफ च्वॉइस ’ की सुविधा उपलब्ध हो। केंद्र पर कंडोम बॉक्स में पर्याप्त मात्रा में कंडोम उपलब्ध हों। परिवार नियोजन सेवाओं के कॉर्नर में लाभार्थियों को उचित परामर्श मिले।

उन्होंने कहा कि नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर आईयूसीडी, त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन, ओरल पिल्स, साप्ताहिक गोली छाया, कंडोम और इमर्जेंसी पिल्स की सुविधा उपलब्ध है। इन केंद्रों पर पहुंच कर दंपति चिकित्सक व स्टॉफ नर्स से परामर्श की सुविधा लेने के बाद इन साधनों का चुनाव कर सकते हैं । प्रत्येक माह की एक, नौ, सोलह और चौबीस तारीख को मनाए जाने वाले प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस कार्यक्रम के दिन ई वाउचर जेनरेट कर उन्हें सम्बद्ध सेंटर से सरकारी प्रावधानों के तहत अल्ट्रासाउंड की सुविधा प्रदान की जा रही है । बच्चों की जानलेवा बीमारियों से रक्षा के लिए पांच साल में सात बार नियमित टीकाकरण की सुविधा भी नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मौजूद है ।

बैठक में क्षेत्रीय सामुदायिक प्रक्रिया प्रबंधक जयप्रकश द्वारा बताया गया कि सभी आशा कार्यकर्ताओं के पास परिवार कल्याण कार्यक्रम के नियत सेवा दिवस (एफ़डीएस) कैलेंडर की जानकारी दें। परिवार नियोजन के सभी साधनों के बारे में सम्पूर्ण विधिवत जानकारी दें। उनका अर्बन हेल्थ इंडेक्स रजिस्टर (यूएचआईआर) समय से पूरा हो और एएनएम उसकी पुष्टि करें। इसके साथ ही परिवार नियोजन की बास्केट ऑफ च्वोइस सभी आशा कार्यकर्ताओं के पास होना चाहिए। स्वास्थ्य केन्द्रों पर मानव संसाधन, क्षेत्र वार मैपिंग और परिवार कल्याण कार्यक्रम के सभी साधनों की सूची स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करें। सभी प्रकार के रजिस्टर और डाटा फीडिंग का कार्य समय पर हो। हर माह की 25 तारीख तक सभी डाटा एचएमआईएस पोर्टल पर फीड करें।

पीएसआई इंडिया के प्रोग्राम मैनेजर अनिल द्विवेदी ने सभी से अनुरोध किया कि पीएचसी पर समस्त अस्थायी साधन पर्याप्त मात्रा में मौजूद हों। इसकी नियमित मांग भी की जानी चाहिए। सभी पीएचसी पर परिवार नियोजन की उपलब्ध सेवाओं का डिस्प्ले हो। कंडोम बॉक्स में नियमित कंडोम रखे जाएं। परिवार नियोजन की सेवाओं के लिए निर्धारित प्रारूप को समय से भरा जाए।

इस दौरान गैर संचारी रोगों सहित आभा आईडी बनाने पर भी चर्चा हुई। बैठक में शहरी स्वास्थ्य मिशन के जिला समन्वयक मिलिंद सहित पीएसआई की टीम उपस्थित रही।