नई दिल्ली। भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री ने गुरुवार को संन्यास लेने का ऐलान किया है। वह कुवैत के खिलाफ फीफा विश्व कप क्वालीफायर के बाद अंतर्राष्ट्रीय फुटबॉल को अलविदा कह देंगे।
39 वर्षीय स्ट्राइकर ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक वीडियो साझा किया। लगभग 10 मिनट के इस वीडियो में सुनील छेत्री ने अपने सफर को याद किया।
सुनील छेत्री ने कहा, मैं उस फीलिंग को बयां नहीं कर सकता हूं, जब मैंने देश के लिए अपना डेब्यू मैच खेला था। जब टीम की जर्सी पहनी, तो वो एक अलग ही फीलिंग थी। डेब्यू वाले दिन को मैं कभी भी नहीं भूल सकता। अपने पिछले 19 वर्षों के सफर को याद करना शानदार था। यह मेरे कर्तव्य, दबाव और अपार खुशी का एक बहुत अच्छा संयोजन है। मैंने व्यक्तिगत रूप से कभी नहीं सोचा था कि मैं देश के लिए इतने सारे मैच खेलूंगा।
मैंने अपने माता-पिता और पत्नी को सबसे पहले इस फैसले के बारे में बताया। मेरे पिता खुश थे लेकिन मेरी मां और पत्नी रोने लगी। मैंने उनसे कहा कि आप मुझे हमेशा कहते थे कि मुझे खेलते हुए देखकर आप बहुत दबाव महसूस करते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
इस स्टार स्ट्राइकर ने 12 जून 2005 को पाकिस्तान के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर डेब्यू किया। वह 2008 में एएफसी चैलेंज कप, 2011 और 2015 में सैफ चैंपियनशिप... 2007, 2009 और 2012 में नेहरू कप में खिताब जीतने वाली भारतीय टीमों का हिस्सा रहे हैं। साथ ही 2017 और 2018 में इंटरकांटिनेंटल कप में वो भारतीय टीम का हिस्सा रहे।
इसके अलावा, छेत्री 150 मैचों में 94 के साथ सर्वाधिक अंतर्राष्ट्रीय गोल की सूची में अर्जेंटीना के स्टार लियोनेल मेसी (180 मैचों में 106) और पुर्तगाल के महान क्रिस्टियानो रोनाल्डो (205 मैचों में 128) के बाद तीसरे स्थान पर हैं।