- उत्तर प्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने देश में सर्वाधिक 220 केवी या 1460 सर्किट किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइनों का किया विस्तार
- वित्तीय वर्ष 2024 में प्रदेश में 1460 सर्किट किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइनों का विस्तार
लखनऊ। उत्तर प्रदेश अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए विद्युत उत्पादन और वितरण के क्षेत्र में नित नए कीर्तमान स्थापित करते हुए आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है। पिछले वर्ष पीक आवर में देश में सर्वाधिक विद्युत आपूर्ति करने वाले राज्य का दर्जा प्रदेश को मिला, इस बार प्रदेश ट्रांसमिशन लाइनो के विस्तार में पूरे देश में शीर्ष पर काबिज हुआ है।
वित्तीय वर्ष 2024 में राज्य उपयोगिता में कुल मिलाकर 6,993 सर्किट किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइनों का विस्तार किया गया, जो कि निर्धारित लक्ष्य 11,002 सर्किट किलोमीटर के सापेक्ष लगभग 64 प्रतिशत है। अधिकांश वृद्धि 220 केवी लाइन की श्रेणी में हुई। पूरे देश में राज्य उपयोगिता द्वारा की गई कुल ट्रांसमिशन लाइनों के विस्तार में यूपीपीटीसीएल का योगदान 20 प्रतिशत से अधिक है, जो कि देश में सर्वाधिक है। इसी क्रम में दूसरे स्थान पर गुजरात की हिस्सेदारी 13 प्रतिशत है। इस कार्य में तमिलनाडु तीसरे,आंध्र प्रदेश चौथे और बिहार पांचवें स्थान पर है। केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2024 में राज्य ट्रांसमिशन उपयोगिताओं द्वारा ट्रांसमिशन लाइनों के विस्तार के मामलों में पूरे देश में उत्तर प्रदेश अग्रणी राज्य के रूप में उभरा है।
वित्तीय वर्ष 2024 में राज्य उपयोगिता में उत्तर प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने 220 केवी या उससे ऊपर की 1,460 सर्किट किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइनें विस्तारित की गई। यह किसी भी अन्य राज्य द्वारा प्रात की गई उपयोगिता की उपलब्धि से कहीं अधिक है। राज्य उपयोगिता की रैंकिंग में गुजरात एनर्जी ट्रांसमिशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड दूसरे स्थान पर है, जिसने वित्तीय वर्ष 2024 में 898 सर्किट किलोमीटर लाइन का विस्तार किया।
वित्तीय वर्ष 2024 में यूपीपीटीसीएल ने 220 केवी की डबल-सर्किट की एक महत्वपूर्ण लाइन को भी चालू किया, जो कि महाराजगंज सबस्टेशन से पीगीसीआईएल के 400 केवी गोरखपुर सबस्टेशन तक कुल 174 सर्किट किलोमीटर तक विस्तारित थी। उत्तर प्रदेश में यूपीपीटीसीएल द्वारा जल्द ही एक और महत्वपूर्ण 400 केवी की डबल-सर्किट की ट्रांसमिशन लाइन को चालू करने की संभावना है, जो कि 478 सर्किट किलोमीटर तक विस्तारित है, अर्थात् यह लाइन अलीगढ़ से शामली तक विस्तारित है। इसको मूलरूप से जुलाई 2023 तक चालू होने की उम्मीद थी। इस लाइन को बनाने के लिए सभी 737 टावर को खड़ा कर दिया गया हैं, मार्च 2024 के अंत तक स्ट्रिंगिंग का काम लगभग 90 प्रतिशत तक पूरा हो चुका है।
वित्तीय वर्ष 2023 में भी यूपीपीटीसीएल ने राज्य उपयोगिता के 1036 सर्किट किलोमीटर लाइन के लक्ष्य को पार करते हुए 1,447 सर्किट किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइनो का विस्तार कर राज्य उपयोगिता में उच्चतम स्थान प्राप्त किया था। वहीं बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड (बीएसपीटीसीएल) ने निर्धारित लक्ष्य 829 सर्किट किलोमीटर से अधिक 914 सर्किट किलोमीटर लाइन का विस्तार कर दूसरा स्थान पर रहा। इसी प्रकार कर्नाटक पावर ट्रांसमिशन ने 617 सर्किट किलोमीटर लाइन के विस्तार के साथ तीसरे स्थान पर था। वित्तीय वर्ष 2023 में राज्य उपयोगिता में कुल 6,816 सर्किट किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइनो का विस्तार किया गया था, जिनमें से लगभग 75 प्रतिशत 220 केवी श्रेणी में थीं।