- बलरामपुर अस्पताल में तंबाकू छोड़ चुके लाभार्थी किए गए सम्मानित
- सभी सीएचसी पर भी मना विश्व तंबाकू निषेध दिवस
लखनऊ - विश्व तंबाकू निषेध दिवस के मौके पर राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में हस्ताक्षर अभियान चलाया गया | मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बैनर पर हस्ताक्षर किए और लोगों से तंबाकू का सेवन न करने की अपील की। इस मौके पर अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. आर.एन.सिंह, जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी योगेश रघुवंशी, जिला तंबाकू प्रकोष्ठ के सदस्य, मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय के कर्मचारी मौजूद रहे।
इसके साथ ही बलरामपुर अस्पताल स्थित जिला तंबाकू उन्मूलन केंद्र पर भी कार्यक्रम आयोजित हुआ । इस कार्यक्रम में बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डा. पवन कुमार अरुण ने तंबाकू छोड़ चुके 60 वर्षीय अशोक कुमार, 30 वर्षीय राज और 28 वर्षीय अमन को सम्मानित किया और उपस्थित लोगों से कहा कि खैनी, जरदा, हुक्का, तंबाकू युक्त पान मसाला, बीड़ी , सिगरेट,मावा मिसरी, गुल एवं अन्य धुआँ रहित तंबाकू में 4000 से अधिक विषैले और कैंसर के तत्व मौजूद होते हैं जिससे मुंह का कैंसर हो सकता है | लगभग 95 फीसद मुंह का कैंसर तंबाकू का सेवन करने वाले व्यक्तियों में होता है | इसके साथ ही टीबी, डायबिटीज, दृष्टिविहीनता, लकवा, फेफड़े एवं सांस संबंधी रोग होते हैं।
जिला तंबाकू उन्मूलन केंद्र की परामर्शदाता डा. रजनीगंधा ने बताया कि बलरामपुर अस्पताल में जिला तंबाकू उन्मूलन केंद्र में परामर्श क्लिनिक है जहां पर तंबाकू का सेवन करने वालों की काउंसलिंग की जाती है । यह साल 2015 से चल रही है और अब तक 1400 लोग तंबाकू का सेवन छोड़ चुके हैं । उन्होंने बताया कि तंबाकू नियंत्रण अधिनियम, 2003 के तहत सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने पर 200 रुपये तक के आर्थिक दंड का प्रावधान है। 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति को और व्यक्ति के द्वारा तंबाकू बेचना, तंबाकू उत्पादों के प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष विज्ञापनों पर तथा शैक्षणिक संस्थानों के100 गज की परिधि में तंबाकू बेचना पूर्णतया प्रतिबंधित है। तंबाकू या तंबाकू उत्पादों पर चित्रमय स्वास्थ्य चेतावनी प्रदर्शित करना अनिवार्य है।
लाभार्थी अशोक कुमार ने बताया कि वह पिछले 25 सालों से तंबाकू का सेवन कर रहे थे। एक साल पहले उनका मुंह खुलने में दिक्कत आ रही थी तो बलरामपुर दिखाने आए | यहाँ पर तंबाकू परामर्श केंद्र पर उनकी काउंसलिंग की गई और छह माह हुए हैं उन्हें तंबाकू छोड़े हुए। वह दूसरों से अपील करते हैं कि तंबाकू या अन्य किसी भी तरह के नशीले पदार्थ का सेवन ना करें। बहुत ही तकलीफदेह होता है। लंबे समय से तंबाकू का सेवन करने से उन्हें किसी भी तरह के खाने का सही स्वाद नहीं आता था।
इस मौके पर बलरामपुर अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. एन.बी.सिंह, चिकित्सा अधीक्षक डा. हिमांशु चतुर्वेदी, बलरामपुर अस्पताल के अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।
इसी क्रम में जनपद के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी हस्ताक्षर अभियान चलाया गया और लोगों को तंबाकू का सेवन न करने की शपथ दिलाई गई।