- प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने जारी किये गए दिशा-निर्देश
- इस वर्ष का नारा -‘विकसित भारत की नई पहचान, परिवार नियोजन हर दंपत्ति की शान’
लखनऊ - परिवार कल्याण कार्यक्रमों को गति देने और जनसँख्या स्थिरीकरण को लेकर स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयासरत है। जनसँख्या स्थिरीकरण के प्रति समाज को जागरूक करने के लिए प्रतिवर्ष 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है। इस संबंध में पार्थ सारथी सेन शर्मा, प्रमुख सचिव चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र जारी कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन निदेशक डॉ. पिंकी जोवेल ने बताया कि जनसँख्या पखवाड़ा हर साल मनाया जाता है | जिसमें अधिकारी से लेकर स्वास्थ्य कार्यकर्ता, समुदाय सक्रिय रूप से सहयोग करते हैं। इसके साथ ही साथ परिवार कल्याण के कई कार्यक्रम भी चलाये जा रहे है। इन्ही सब का परिणाम है कि प्रदेश में सकल प्रजनन दर (टीएफआर) में कमी आई है, जो हमें राष्ट्रीय परिवार एवं स्वास्थ्य सर्वेक्षण से स्पष्ट होती है। एनएफएचस- 5 ( 2019-20 ) के अनुसार टीएफआर 2.4 है जबकि एनएफएचस-4 (2015-16) में यह आंकड़ा 2.7 था।
इसी क्रम में एक जून से 20 जून तक जनसँख्या स्थिरता पखवाड़े के प्रारंभिक चरण पर काम शुरू हो गया है। इसके अंतर्गत लक्षित दंपत्तियों को प्रेरित करने, सेवा प्रदायगी गतिविधियों को अच्छे ढंग से ज़मीन पर उतारने के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। इसमें सेवा प्रदाताओंका क्षमतावर्धन, परिवार नियोजन साधनों की आपूर्ति और विभिन्न विभागों के बीच समन्वय पर काम किया जा रहा है। इस वर्ष जनसँख्या पखवाड़ा का नारा है- ‘विकसित भारत की नई पहचान, परिवार नियोजन हर दंपत्ति की शान।' वही इस बार की थीम “मां और बच्चे की सेहत के लिए गर्भधारण का सही समय और अंतर” रखी गयी है।
जनसँख्या स्थिरता पखवाड़े का दूसरा चरण कम्युनिटी मोबिलाईजेशन 27 जून से 10 जुलाई तक चलेगा । इसमें जनसमुदाय को परिवार नियोजन के महत्त्व के प्रति जागरूक करने के लिए विभिन्न गतिविधियों जैसे सारथी वाहन, सास-बेटा- बहु सम्मलेन आदि का आयोजन किया जाएगा। वहीं पखवाड़े का तीसरा चरण सेवा प्रदायगी 11 से 24 जुलाई तक मनाया जाएगा। इस दौरान सभी स्वास्थ्य इकाईयों में परिवार नियोजन के विभिन्न साधनों (बास्केट ऑफ च्वाइस) के बारे में परामर्श दिया जायेगा और योग्य एवं इच्छुक लाभार्थियों के लिए को यह साधन उपलब्ध भी कराए जाएंगे।
डा. सूर्यांश ओझा, महाप्रबंधक परिवार कल्याण कार्यक्रम, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन बताते हैं कि कार्यक्रम का पूरा ज़ोर समुदाय को परिवार नियोजन के आधुनिक साधनों को अपनाने के लिए प्रेरित करने, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करने और फैमिली प्लानिंग लॉजिस्टिक मैनेजमेन्ट इनफॉर्मेशन सिस्टम (एफपीएलएमआईएस) पोर्टल को सुदृढ़ करने पर है क्योंकि इसके द्वारा सभी स्तरों पर परिवार नियोजन सामग्री एवं साधनों का निरीक्षण एवं प्रबंधन किया जाता है | पखवारे के दौरान यदि कोई जनपद नवाचार करना चाहते हैं तो उनका स्वागत है। जनपदों में परिवार कल्याण कार्यक्रम सुचारू रूप से चलाने के लिए यह पहल की गई है कि जिन जनपदों मे परिवार नियोजन सलाहकार(काउन्सलर) नहीं हैं वहाँ पर अन्य किसी भी कार्यक्रम के सलाहकार परिवार कल्याण काउन्सलर का भी उत्तरदायित्व निभा सकेंगे | इसके लिए उन्हें प्रशिक्षित किया गया है।
क्या है बास्केट ऑफ च्वाइस :
- परिवार नियोजन के स्थायी साधन जैसे महिला एवं पुरुष नसबंदी।
- परिवार नियोजन के अस्थायी साधन जैसे त्रैमासिक गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा, साप्ताहिक गर्भनिरोधक गोली छाया, प्रसव पश्चात इंट्रायूट्राइन कॉन्ट्रासेप्टिव डिवाइस(पीपीआईयूसीडी), गर्भपात पश्चात इंट्रायूट्राइन कॉन्सेट्राप्टिव डिवाइस(पीएआईयूसीडी), कॉपर टी, माला-एन, आकस्मिक गर्भनिरोधक गोली(ईसीपी) और कॉंडोम।