नई दिल्ली । राष्ट्रीय प्रवेश-सह पात्रता परीक्षा (नीट) से जुड़े विवाद में दाखिल याचिकाओं पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई।न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और संदीप मेहता की पीठ ने मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि परीक्षा में ग्रेस अंक पाने वाले 1,563 छात्रों के ग्रेस अंक हटाए जाएंगे और ये छात्र दोबारा परीक्षा दे सकते हैं।पीठ ने कहा कि वह काउंसिलिंग पर रोक नहीं लगा सकते। पीठ ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) से 2 हफ्ते में जवाब भी मांगा था ।
रिपोर्ट के मुताबिक, एनटीए ने कोर्ट में कहा कि लिखने के लिए कम समय पाने वाले सभी 1,563 उम्मीदवारों के ग्रेस अंक हटाए जाएंगे और उन्हें दोबारा परीक्षा देने का विकल्प दिया जाएगा। जो छात्र फिर से परीक्षा नहीं देना चाहते, उनके ग्रेस अंक हटने के बाद वाले अंक मान्य होंगे। नीट की दोबारा परीक्षा 23 जून को होगी और परिणाम 30 जून तक आएगा। काउंसिलिंग 6 जुलाई से शुरू होगी।
सुप्रीम कोर्ट में नीट में गड़बड़ी को लेकर कई याचिकाएं दायर की गई हैं, जिसमें डॉ पाण्डेय और शिवांगी सहित 10 छात्रों ने परीक्षा की सत्यनिष्ठा पर सवाल उठाया है।उन्होंने कोर्ट से काउंसिलिंग रोकने, परीक्षा रद्द करने और दोबारा आयोजित करने की मांग की है। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला दिया है वह अभ्यर्थियों को ग्रेस अंक देने को लेकर है। आरोप है परिणाम में ग्रेस अंक देना मनमाना फैसला है।
पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट की अवकाशकालीन पीठ ने छात्रों की परीक्षा रद्द करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए एनटीए को नोटिस जारी किया था। कोर्ट ने परीक्षा की शुचिता पर सवाल उठाते हुए जवाब मांगा था।कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वह सफल उम्मीदवारों के लिए प्रवेश के लिए काउंसलिंग पर रोक नहीं लगा सकती।मामले से जुड़ी सभी याचिकाओं को 8 जुलाई को मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) की अगुवाई वाली पीठ के लिए सूचीबद्ध करने के निर्देश दिए थे।
नीट यूजी परीक्षा का आयोजन 5 मई को देशभर के 571 और विदेश के 14 शहरों में किया गया था। उस दौरान 8 फर्जी परीक्षार्थियों को पकड़ा गया था।ये आरोपी किसी अन्य परीक्षार्थी की जगह लाखों रुपये लेकर परीक्षा देने आए थे। आरोप ये था कि उनके पास पेपर में आने वाले सवालों की जानकारी पहले से थी।उसके बाद पेपर लीक होने को लेकर हंगामा भी हुआ था, लेकिन एनटीए ने उसे लीक नहीं माना था।
पेपर लीक के आरोपों के बीच एनटीए ने इस परीक्षा का परिणाम निर्धारित 14 जून की जगह 4 जून को ही जारी कर दिया।इसमें रिकॉर्ड 67 उम्मीदवारों ने ऑल इंडिया रैंकिंग (एआईआर-1) हासिल की थी। इन सभी के 720 में से 720 अंक आए थे।बड़ी बात यह रही कि एक ही परीक्षा केंद्र से 8 उम्मीदवारों ने एआईआर-1 हासिल की थी। कई उम्मीदवारों के 719 और 718 नंबर भी आए थे, उसके बाद हंगामा खड़ा हो गया था।