मलेरिया के हर मरीज के पूर्ण इलाज व जांच पर ज़ोर



  • प्रदेश में मनाया जा रहा मलेरिया माह

लखनऊ । राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत जून माह को मलेरियारोधी माह के तौर पर मनाया जा रहा है।|मलेरिया उन्मूलन का लक्ष्य साल 2027 तय किया गया है।

मलेरिया उन्मूलन की दिशा में आ रही चुनौतियों को दूर करने के लिए भारत ने देश के विभिन्न हिस्सों में बेहतर केस रिपोर्टिंग और और प्रबंधन पर ज़ोर दिया है । वेक्टर नियंत्रण प्रक्रिया मे तेजी लाते हुये निरंतर महामारी विज्ञान और कीट विज्ञान निगरानी को बढ़ाया है साथ ही सामुदायिक भागीदारी, प्रशिक्षण, और क्षमता विकास पर बल दिया है और क्षेत्रीय  रणनीति तैयार कर उन्मूलन हेतु प्रतिबद्धता दर्शायी है ।

राज्य मलेरिया अधिकारी डा. विकास सिंघल बताते  हैं कि मलेरिया मामलो की रिपोर्टिंग और पूर्ण उपचार सुनिश्चित करने पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है । हर मामले की जांच और पूरा इलाज किया जाता है, सभी जिला मलेरिया अधिकारियों, संबन्धित कर्मचारियों और प्रथम पंक्ति के कार्यक्रताओं को प्रशिक्षित किया गया है और सभी जिलों मे मलेरिया की जांच के लिए रैपिड डायगनोस्टिक टेस्ट किट उपलब्ध कराई गई है।स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा अधिक से अधिक सर्वेक्षण कर बुखार पीड़ितों की मलेरिया की जांच की जा रही है| समुदाय में लोगों को मलेरिया से बचाव एवं लक्षणों के बारे में जागरूक किया जा रहा है।

डा. सिंघल बताते हैं कि जून के आखिरी या जुलाई के पहले सप्ताह में मानसून आता है इस दौरान मच्छरजनित बीमारियाँ पनपती हैं। इनसे बचाव की व्यापक तैयारियों के मद्देनजर  जून माह को मलेरिया माह के रूप मनाया जाता है।इसको लेकर शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है ।  

मलेरिया एक मच्छरजनित बीमारी है जो की मादा एनाफिलीज मच्छर  के काटने से होती है इसके  परजीवी के शरीर में प्रवेश करने के बाद 14 से 21 दिन के अंदर बुखार आता है| इससे बचाव के लिए सबसे जरूरी है कि इसके लक्षणों को पहचान कर इसका समय से इलाज किया जाए | इसका पूर्ण इलाज और रोकथाम किया जा सकता है ।

राजधानी की जिला मलेरिया अधिकारी डा. रितु श्रीवास्तव बताती हैं कि मच्छर नियत्रंण  के लिए इंसेक्टिसाइड का छिडकाव और फोगिंग की जा रहा है । समुदाय को जागरूक करने के लिए गोष्ठियां की जा रही हैं । शहरी क्षेत्र में इन्सेक्ट कलेक्टर द्वारा उन क्षेत्रों की पहचान की जा रही है जहाँ पर मच्छरों का घनत्व  अधिक है और वहां पर प्रायरटी के आधार पर इंसेक्टिसाइड का  छिड़काव किया जा रहा है । शहरी क्षेत्र में यह काम नगर निगम द्वारा तथा  ग्रामीण क्षेत्र में पंचायत द्वारा किया जा रहा है ।