योगी सरकार 'दस के दम' से साधेगी वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी का लक्ष्य



  • 10 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश के धरातल पर उतरने से बढ़ा योगी सरकार का आत्मविश्वास
  • वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी से भी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का मास्टर प्लान तैयार
  • सरकार 10 सेक्टर के जरिए साधेगी देश की सबसे बड़े अर्थव्यवस्था वाले राज्य का लक्ष्य
  • पीएम मोदी के संकल्पों को पूरा करने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने झोंकी ताकत
  • अनुपूरक बजट के दौरान सीएम योगी ने की थी 10 सेक्टर की संक्षिप्त चर्चा  

लखनऊ । अनुपूरक बजट के बाद प्रदेश को इस साल ऐतिहासिक साढ़े सात लाख करोड़ के बजट की सौगात देने के बाद अब योगी सरकार का लक्ष्य अगले चार कुछ साल में सूबे को देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले राज्य के रूप में स्थापित करने का है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके लिए 'दस का दम' लगाने पर जोर देते हुए विस्तार से कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिये हैं। एक दिन पहले ही सदन में प्रदेश के अनुपूरक बजट पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के लिए 10 सेक्टर में कार्य किये जाने की चर्चा की थी। प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने के बड़े लक्ष्य को साधने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन 10 सेक्टरों पर विशेष जोर देने के निर्देश सभी अधिकारियों को पहले ही दे दिये हैं। बीते फरवरी माह में आयोजित हुए ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (जीबीसी) के जरिए प्रदेश में 10 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश धरातल पर उतरने से योगी सरकार का आत्मविश्वास काफी बढ़ गया है।

दस का दम लगाएंगे ये सेक्टर : प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए योगी सरकार ने पूरी ताकत झोंकते हुए 10 सेक्टरों को चिह्नित किया है। इसमें प्रदेश के आर्थिक विकास से जुड़े सभी महत्वपूर्ण विभागों के बीच समन्वय कायम करते हुए कार्य करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये हैं। जिन 10 सेक्टर पर मुख्यमंत्री ने सबसे अधिक फोकस करने के निर्देश दिये हैं उनमें कानून व्यवस्था, कृषि उत्पादन, सामाजिक सुरक्षा, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास, नगरीय विकास, ग्राम्य विकास, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यटन एवं संस्कृति और राजस्व संग्रह को लेकर अगले तीन साल तक मिशन मोड में कार्यों को आगे बढ़ाया जाएगा। इन प्रत्येक सेक्टर की जिम्मेदारी एक-एक कैबिनेट मंत्री को दी गई है, जिन्हे अपर मुख्य सचिव स्तर के अनुभवी अधिकारी संभालेंगे। मुख्यमंत्री की ओर से निर्देश दिये गये हैं कि प्रत्येक सेक्टर के लिए अल्पकालिक और दीर्घकालिक कार्ययोजना तैयार की जाए। साथ ही कार्ययोजना के सफल क्रियान्वयन के लिए मुख्यमंत्री द्वारा स्वयं मॉनीटरिंग होगी।

बड़े लक्ष्य के लिए सरकार के पास है बड़ा आधार : योगी सरकार अपना 7 साल का कार्यकाल पूरा कर चुकी है। बीते 7 वर्षों में प्रदेश के इन्फ्रास्ट्रक्चर, कानून व्यवस्था, यातायात कनेक्टिविटी और रोजगार के मोर्चे पर उल्लेखनीय सफलता हासिल करने वाली योगी सरकार ने अब आगामी तीन साल के लिए बड़े लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित कर दिया है। प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने के विशाल लक्ष्य के लिए योगी सरकार के पास बड़ा आधार भी है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण उत्तर प्रदेश का सकल राज्य घरेलू उत्पाद में उल्लेखनीय बढ़ोतरी के रूप में देखा जा सकता है, जोकि बीते वित्तीय वर्ष 2023-24 में 25.48 लाख करोड़ रुपए रहा है। जबकि वित्तीय वर्ष 2022-23 में यह 22.58 लाख करोड़ रुपए था। वर्ष 2023-24 में उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था 8 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। राज्य सरकार के विगत सात वर्षों के नियोजित प्रयासों के परिणामस्वरूप इसमें और वृद्धि की संभावना है। इसके अलावा देश में सबसे उर्वर भूमि, प्रचुर जल संसाधन, युवा आबादी, देश का सबसे बड़ा उपभोक्ता और श्रम बाजार होने के साथ ही उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 8 प्रतिशत का योगदान देता है। यही नहीं देश की कुल 12 प्रतिशत कृषि भूमि और खाद्यान उत्पादन में यूपी करीब 20 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शब्दों में भारत अगर आज दुनिया के लिए ब्राइट स्पॉट है तो यूपी भारत के ग्रोथ को ड्राइव करने में एक अहम रोल निभाने जा रहा है।

इन 10 सेक्टर पर है फोकस :
1- कानून व्यवस्था
2- कृषि उत्पादन
3- सामाजिक सुरक्षा
4- अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास
5- नगरीय विकास
6- ग्राम्य विकास
7- चिकित्सा एवं स्वास्थ्य
8- शिक्षा
9- पर्यटन एवं संस्कृति
10- राजस्व संग्रह