फ़ाइलेरियारोधी दवा सेवन कर फ़ाइलेरिया उन्मूलन में करें सहयोग



  • प्रदेश में अब तक 2.84 करोड़ लोगों ने किया फ़ाइलेरियारोधी दवा का सेवन

लखनऊ - सर्वजन दवा सेवन अभियान शुरू हुए पांच दिन बीत चुके हैं और इन पांच दिनों में 2.84 करोड़ लोगों ने फ़ाइलेरियारोधी दवा का सेवन किया है । बताते चलें कि 10 अगस्त से सूबे के 27 जनपदों में फ़ाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाये जाने का अभियान-सर्वजन दवा सेवन (एमडीए /आईडीए) अभियान  चल रहा है। जिसके तहत लक्षित आबादी को सप्ताह में चार दिन यानी सोमवार, मंगलवार, बृहस्पतिवार और शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा घर-घर जाकर फ़ाइलेरिया से बचाव की दवा  खिलाई जा रही है।

राज्य कार्यक्रम अधिकारी, फ़ाइलेरिया डा.ए.के.चौधरी ने बताया कि 10 अगस्त से दो सितम्बर तक चलने वाले एमडीए/आईडीए अभियान के दौरान 7.69 करोड़ लोगों को फ़ाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाने का लक्ष्य है जिसके सापेक्ष अभी तक कुल 2.84 करोड़ लोगों को फ़ाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाई जा चुकी है।

कानपुर देहात, कौशाम्बी और औरैया में लोगों की  भागीदारी अच्छी है । कानपुर में  44 फीसद, कौशाम्बी में 41 और औरैया में 40 फीसद लोगों ने अब तक फ़ाइलेरियारोधी दवा का सेवन किया है जबकि गोंडा,  फतेहपुर एवं  महाराजगंज में वर्षा एवं  जलभराव के कारण अभियान में बाधा है। हमारी कोशिश है कि अधिक से अधिक लोग फ़ाइलेरिया रोधी दवा का सेवन करें।

कुछ लोग दवा को लेकर भ्रम में हैं कि वह दवा क्यों खाएं जब उनको कोई रोग नहीं है। उनको यह जानना जरुरी है कि फाइलेरिया  लाइलाज बीमारी है और संक्रमण होने के पांच से 15 साल बाद इसके लक्षण प्रकट होते हैं । तब तक लसिका तंत्र खराब हो जाता है और न चाहते हुये भी जीवन उसी स्थिति में जीने को मजबूर होते हैं जबकि यदि साल में एक बार और लगातार पांच साल तक फ़ाइलेरियारोधी दवा  का सेवन कर लेते हैं तो इस लाइलाज बीमारी से सुरक्षित रह सकते हैं । अभियान में दी जाने वाली दवाएं पूरी तरह से सुरक्षित हैं। इसलिए कोई बहाना न बनायें और दवा का सेवन जरुर करें व खुद को, अपने परिवार को तथा समुदाय को फाइलेरिया मुक्त बनाने में सहयोग करें।

सभी लक्षित लाभार्थियों को फ़ाइलेरिया रोधी दवा खिलाना सुनिश्चित करने के लिए पंचायती राज, आईसीडीएस, शिक्षा विभाग और स्वयंसेवी संस्थाओं का सहयोग लिया जा रहा है । बेहतर कवरेज, निगरानी और रिपोर्टिंग के लिए सीएस-प्रो एप का इस्तेमाल किया जा रहा है । इस अभियान को सफल बनाने के लिए हमने आशा कार्यकर्ता के साथ एक पुरुष को भी ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर के रूप में रखा है जिससे कि यदि लाभार्थी शाम को या रात को घर पर मिलते हैं तो वह जाकर दवा खिलाना सुनिश्चित करें ।
 
उन्होंने कहा कि अभियान तभी सफल होगा जब कम से कम 90 फीसद आबादी  फाइलेरियारोधी दवा का सेवन करे। उन्होंने कहा कि सरकार ने तो साल 2027 तक फ़ाइलेरिया उन्मूलन का लक्ष्य रखा है लेकिन यदि लोग जागरूक हों और साफ-सफाई रखें तो इस बीमारी से उससे पहले ही  मुक्ति पाई जा सकती है । फ़ाइलेरिया से बचाव तभी हो सकता है जब मच्छरों के काटने से बचें और एमडीए/ आईडीए अभियान के दौरान फ़ाइलेरिया रोधी दवा का सेवन करें।