- प्रदेश में 'वाहन फेसलेस सर्विसेस' व 'सारथी फेसलेस सर्विसेस' को तेजी से आगे बढ़ाने पर हो रहा कार्य, जल्द ही कई अन्य सुविधाएं भी होंगी उपलब्ध
- उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग द्वारा आईटीएमएस व ई-चालान के साथ जोड़कर विभिन्न शहरों में प्रदान की जा रही सेवाओं में विस्तार पर हो रहा कार्य
लखनऊ। उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के लिए प्रयासरत योगी सरकार प्रदेश में आधुनिक ई-ट्रांसपोर्ट सिस्टम की सेवाओं को विस्तार देने जा रही है। सीएम योगी के विजन अनुसार, यह सेवाएं पूरी तरह फेसलेस व कॉन्टैक्टलेस होने के साथ ही ऑनलाइन माध्यम के जरिए विभिन्न सेवाओं को उपलब्ध कराने का आधार बनेंगी। इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है की आम नागरिकों को सरकारी दफ्तरों का चक्कर नहीं काटना पड़ेगा, बल्कि ऑनलाइन माध्यम से ही उन्हें 'वन स्टॉप सॉल्यूशन' उपलब्ध हो सकेगा। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में परिवहन विभाग इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) व ई-चालान जैसी सुविधाएं पहले से ही उपलब्ध करा रहा है और अब इसी कड़ी में प्रदेश में आधार ऑथेंटिकेशन आधारित 'वाहन फेसलेस सर्विसेस' व 'सारथी फेसलेस सर्विसेस' को तेजी से आगे बढ़ाने पर कार्य हो रहा है।
राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र द्वारा शुरू की गई है परियोजना : ई-ट्रांसपोर्ट मिशन दरअसल राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) द्वारा शुरू की गई एक परियोजना है, जिसका उद्देश्य परिवहन क्षेत्र में आईटी अवसंरचना और सेवा वितरण मॉडल का आधुनिकीकरण करना है। इस मिशन का उद्देश्य सेवाओं की दक्षता, पारदर्शिता, जवाबदेही और विश्वसनीयता में सुधार करना है। नागरिकों के लिए उपलब्ध ऑनलाइन सेवाओं की संख्या बढ़ाकर क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) पर निर्भरता कम करना भी इसका एक उद्देश्य है।
परिवहन से जुड़ी कई प्रकार की सेवाओं का आधार है ई-ट्रांसपोर्ट मिशन : ई-ट्रांसपोर्ट मिशन प्रोजेक्ट देश में ऑटोमेटेड आरटीओ ऑपरेशंस, नेशनवाइड ट्रांसपोर्ट डाटाबेस व 150 से ज्यादा सिटिजन व ट्रेड सेंट्रिक सर्विसेस उपलब्ध कराता है। इसमें वाहन, सारथी, ई-चालान व पॉल्यूशन सर्टिफिकेट जैसी फ्लैगशिप ऑपरेशंस संचालित होती हैं। परियोजना के अंतर्गत वाहन ई-सर्विसेस के माध्यम से होमोलोगेशन, व्हीकल रजिस्ट्रेशन, व्हीकल फिटनेस व इंस्पेक्शन, व्हीकल कॉन्वर्जन व ऑल्टरेशन, टैक्सेशन मॉड्यूल, कॉन्ट्रैक्ट, नेशनल परमिट, स्मार्ट कार्ड, ऑनलाइन फैंसी नंबर चेक पोस्ट, अन्य राज्यों के वाहनों का चेकपोस्ट, पेमेंट गेटवे इंटरफेस, आरसी के नेशनल रजिस्टर का डाटाबेस और 100 से ज्यादा सिटिजन व ट्रेड सर्विसेस को इस माध्यम से उपलब्ध कराया जाता है। जबकि, सारथी लाइसेंस रिलेटेड सॉल्यूशंस द्वारा न्यू लर्निंग लाइसेंस, ऑनलाइन टेस्ट, इंटरनेशनल परमिट, अप्वॉइंटमेंट मैनेजमेंट मॉड्यूल, ड्राइवर ट्रेनिंग एनरोलमेंट व अटेंडेंस, कंडक्टर लाइसेंस, ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक, डीएल के नेशनल रजिस्टर समेत विभिन्न प्रकार की सिटिजन व ट्रेड सर्विसेस को उपलब्ध कराता है। इन दोनों ही सॉल्यूशंस को उत्तर प्रदेश में वृहद स्तर पर लागू करने की दिशा में सीएम योगी की मंशा अनुसार प्रदेश सरकार कार्य कर रही है।
उत्तर प्रदेश में जल्द ही कई नई सुविधाओं को बढ़ाने पर फोकस : उत्तर प्रदेश में ई-ट्रांसपोर्ट मिशन प्रोजेक्ट के जरिए कई प्रकार की परियोजनाएं संचालित हैं। स्मार्ट सिटीज जैसे सहारनपुर, फिरोजाबाद, शाहजहांपुर, मुरादाबाद, झांसी, गोरखपुर और अयोध्या का आईटीएमएस और ई-चालान पोर्टल के साथ एकीकरण, नोएडा, आगरा और मथुरा जैसे स्थानों पर आईटीएमएस आधारित ओवरलोडिंग चालान, पूर्वांचल और लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर सीसीटीवी आधारित चालान प्रणाली की शुरुआत इसमें शामिल है। इसके अतिरिक्त, वाहन स्क्रैपिंग सुविधाओं, स्वचालित वाहन फिटनेस केंद्रों, स्वचालित ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक का कार्यान्वयन, विशेष परमिट की स्वचालित स्वीकृति, राज्य परिवहन प्राधिकरण के डिजिटल हस्ताक्षरित स्टेज कैरिज परमिट जारी करना और लर्निंग लाइसेंस सेवा में आधार आधारित प्रमाणीकरण (फेसलेस सेवा) और फेस रिकग्निशन तकनीक का कार्यान्वयन किया जा रहा है।
एम परिवहन ऐप के जरिए प्रदान की जाने वाली सेवाओं का बढ़ेगा दायरा : प्रोजेक्ट के अंतर्गत वाहन ग्रीन सेवा पोर्टल का कार्यान्वयन, बिजनेस रिफॉर्म्स एक्शन प्लान के तहत ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल के साथ सारथी से संबंधित ड्राइविंग लाइसेंस सेवा का एकीकरण, उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग के इलेक्ट्रिक वाहन सब्सिडी पोर्टल का एकीकरण, ईवी टैक्स और शुल्क छूट का कार्यान्वयन तथा उत्तर प्रदेश में पंजीकृत वाणिज्यिक वाहनों के देय कर/जुर्माने के एकमुश्त निपटान की सुविधा उपलब्ध कराती है। वाहन मॉडलों के अनुमोदन प्रमाण पत्रों का एंड टू एंड ऑटोमेशन के साथ ही एआरटीओ को प्रमाण पत्रों तक तत्काल पहुंच प्रदान करना जैसी सुविधाएं संचालित हैं। वहीं, फेसलेस मोड में अतिरिक्त सेवाओं से जोड़ने, ऑटो-अप्रूवल मोड पर विचार करने, एम परिवहन ऐप के जरिए सेवाएं प्रदान करने, सीएससी व ई-डिस्ट्रक्ट पर उपलब्ध ई-ट्रांसपोर्ट सेवाओं को मजबूत बनाने, प्रयुक्त वाहनों के लिए डीलर प्राधिकरण, सारथी के माध्यम से ड्राइवरों के लिए रिफ्रेशर कोर्स, स्वचालित ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक समेत बेहतर सेवा वितरण के लिए पुनर्रचना जैसी प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा।