- सीएम योगी की मंशा अनुसार, 152 करोड़ रुपए की लागत से मेडिकल कॉलेज के नए भवन, लाइब्रेरी व हॉस्टल समेत विभिन्न प्रकार की निर्माण व विकास प्रक्रिया पर फोकस
- नियोजन विभाग को सौंपा गया है गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस में विकास कार्यों को पूर्ण करने का जिम्मा, ईपीसी मोड पर होंगे सभी निर्माण कार्य
- वर्षा अवधि के अतिरिक्त 18 महीनों में सभी निर्माण व विकास कार्यों को पूरा करने का रखा गया है लक्ष्य
- इन विकास कार्यों के पूरा होने से ग्रेटर नोएडा समेत आसपास के क्षेत्रों में उत्तम स्वाथ्य सेवाएं प्रदान करने का मार्ग होगा प्रशस्त
- प्रदेश के विभिन्न मेडिकल फेसिलिटीज के उच्चीकरण व आधुनीकिकरण के लिए बनी विस्तृत कार्ययोजना पर हो रहा काम
ग्रेटर नोएडा/लखनऊ । उत्तर प्रदेश को स्वास्थ्य सेवाओं के लिहाज से उत्तम प्रदेश बनाने के लिए प्रयासरत योगी सरकार प्रदेश में मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा देने पर भी फोकस कर रही है। इस क्रम में, ग्रेटर नोएडा के गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (जीआईएमएस) में नए मेडिकल कॉलेज बिल्डिंग के निर्माण व अन्य विकास कार्यों की परियोजना को गति देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। सीएम योगी के विजन अनुसार, 152 करोड़ रुपए की लागत से मेडिकल कॉलेज के नए भवन, लाइब्रेरी व हॉस्टल समेत विभिन्न प्रकार की निर्माण व विकास प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। इस परियोजना को पूरा करने की जिम्मेदारी नियोजन विभाग को दी गई है। इन विकास कार्यों के पूरा होने से ग्रेटर नोएडा समेत आसपास के क्षेत्रों में उत्तम स्वाथ्य सेवाएं प्रदान करने का भी मार्ग प्रशस्त होगा। साथ ही, प्रदेश में मेडिकल टूरिज्म को भी प्रमोट करने में मदद मिलेगी।
8992 स्क्वेयर मीटर में होगा हॉस्पिटल ब्लॉक विंग 4 का विकास : जीआईएसएल में प्रस्तावित नवनिर्माण व विकास प्रक्रिया को लेकर बनी कार्ययोजना के अनुसार पांच प्रकार के कार्यों को पूरा किया जाना है। पहले कार्य के तौर पर हॉस्पिटल ब्लॉक विंग 4 का विकास, दूसरे कार्य के तौर पर मेडिकल कॉलेज के विंग 5 में निर्माण व विकास कार्य, तीसरे कार्य के तौर पर पुरुष हॉस्टक के दो विंग का निर्माण, चौथे कार्य के तौर पर डायरेक्टर रेजिडेंस व पांचवें कार्य के तौर पर साइट डेवलपमेंट तथा एक्सटर्नल इलेक्ट्रिकल वर्क्स को पूरा किया जाएगा। पहले कार्य के तौर पर हॉस्पिटल ब्लॉक विंग 4 का विकास कुल 8992 स्क्वेयर मीटर में होगा तथा बिल्डिंग जी प्लस सिक्स पर बेस्ड होगी। ग्राउंड फ्लोर पर 1090 स्क्वेयर मीटर का वेटिंग एरिया, फर्स्ट फ्लोर पर 1317 स्क्वेयर मीटर में एडमिन ऑफिस, सेकेंड फ्लोर पर 1317 स्क्वेयर मीटर में ईएनटी का डिपार्टमेंट ऑफिस, थर्ड फ्लोर पर इमर्जेंसी व एनेस्थीसिया, चौथे फ्लोर पर टीबी व चेस्ट डिपार्टमेंट, पांचवें फ्लोर पर पिडियाट्रिक्स डिपार्टमेंट तथा छठे फ्लोर पर कम्यूनिटी मेडिसिन डिपार्टमेंट का विकास किया जाएगा।
मेडिकल कॉलेज विंग 5 का 24,317 स्क्वेयर मीटर में होगा निर्माण : परियोजना के अंतर्गत मेडिकल कॉलेज विंग 5 का 24,317 स्क्वेयर मीटर में विकास व निर्माण होगा। यह बिल्डिंग का निर्माण बी प्लस जी प्लस सिक्स के आधार पर होगा। बेसमेंट को गाड़ी पार्किंग के लिहाज से 9540 स्क्वेयर मीटर में निर्मित किया जाएगा। वहीं, ग्राउंड फ्लोर पर एनाटॉमी डिपार्टमेंट व डाइसेंक्शन हॉल, फर्स्ट फ्लोर पर रिसर्च लैब, सेकेंड फ्लोर पर बायोकेमिस्ट्री डिपार्टमेंट व लैब्स, तीसरे फ्लोर पर पैथोलॉजी डिपार्टमेंट व लैब्स, चौथे फ्लोर पर फॉरेंसिक मेडिसिन, पांचवें फ्लोर पर डर्मेटॉलोजी व साइकियाट्री डिपार्टमेंट तथा छठे फ्लोर पर कॉम्यूनिटी मेडिसिन का निर्माण व विकास किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, मेल हॉस्टल के दो ब्लॉक्स को कुल 1,680 स्क्वेयर मीटर क्षेत्र में विकसित किया जाएगा। इसके एक ब्लॉक को ट्रिपल शेयरिंग युक्त 537 कैपेसिटी व ट्विन शेयरिंग ब्लॉक को 356 कैपेसिटी युक्त किया जाएगा। वहीं, डायरेक्टर्स रेजिडेंस को डुप्लेक्स स्ट्रक्चर के अंतर्गत 300 स्क्वेयर मीटर क्षेत्र में विकसित किया जाएगा। लाइब्रेरी का भी विकास किया जाएगा। मेडिकल विंग में 13 पैसेंजर्स कैपेसिटी वाले 8 आधुनिक तथा 26 पैसेंजर्स कैपेसिटी वाले 2 आधुनिक लिफ्ट से युक्त किया जाएगा। सभी इमारतों को अग्निशम, सीसीटीवी, एसी प्लांट्स, डीजी सेट्स, रेन वॉटर हार्वेस्टिंग मॉड्यूल समेत विभिन्न सुविधाओं से लैस किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि इसी प्रकार मेडिकल कॉलेज के भवन के उच्चीकरण व आधुनीकिकरण लखनऊ, गोरखपुर, मेरठ, कानपुर समेत प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेज व यूनिवर्सिटीज में भी हो रहा है और इन्हें भविष्य की जरूरतों के हिसाब से अपडेट किया जा रहा है।