परिवार कल्याण कार्यक्रमों को सुदृढ़ बनाने पर कार्यशाला में मंथन



  • पीएसआई इंडिया के सहयोग से अभिमुखीकरण कार्यशाला आयोजित
  • चिकित्सा अधिकारियों व स्वास्थ्य कर्मियों ने कार्यशाला में लिया भाग  

संभल । प्रसव पश्चात और गर्भ समापन पश्चात परिवार नियोजन सेवा प्रदान करने, संक्रमण नियन्त्रण व सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने पर सोमवार को जिला संयुक्त चिकित्सालय में स्वास्थ्य विभाग के नेतृत्व में पापुलेशन सर्विसेज इंटरनेशनल-इंडिया (पीएसआई-इंडिया) के सहयोग से अभिमुखीकरण (ओरिएंटेशन) कार्यशाला आयोजित की गयी। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में आयोजित कार्यशाला में चिकित्सा अधिकारियों समेत फार्मासिस्ट, स्टाफ नर्स और अस्पताल से जुड़े अन्य स्वास्थ्य कर्मचारी उपस्थित रहे। महिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. स्वाति रस्तोगी और डॉ. आंचल मल्होत्रा ने प्रतिभागियों का अभिमुखीकरण करने के साथ ही मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने व प्रसव पश्चात गर्भ निरोधक सेवाओं को प्रदान करने के बारे में विस्तार से चर्चा की।

इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने कहा कि नगरीय क्षेत्रों में परिवार कल्याण कार्यक्रमों को  सुदृढ़ करने के हरसम्भव प्रयास किए जाएं। इसके साथ ही प्रदान की जाने वाली परिवार नियोजन सेवाओं की रिपोर्ट भी समय से हेल्थ मैनेजमेंट एंड इन्फॉर्मेशन सिस्टम (एचएमआईएस) पोर्टल पर अपलोड की जाए। कार्यशाला में सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने परिवार नियोजन सेवाओं को और बेहतर बनाने के अहम सुझाव दिए, जिसमें स्थाई व अस्थाई गर्भनिरोधक साधनों को बढ़ावा देने के लिए काउंसलिंग पर जोर दिया। इसके साथ ही हेल्थ मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम (एचएमआईएस) को वैलीडेट करने के लिए डाटा वैलीडेशन कमेटी की मासिक बैठक करने पर भी चर्चा की गयी।

बैठक में पीएसआई इंडिया की मैनेजर प्रोग्राम इंप्लीमेंटेशन डॉ. गीतिका ने जिले में चल रहे परिवार नियोजन कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों (यूपीएचसी) के अनुसार एएनएम और आशा का मासिक अनुमानित उपलब्धि स्तर (ईएलए) निर्धारित करने की बात कही। उन्होंने बताया कि शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के साथ प्राइवेट अस्पतालों में भी परिवार नियोजन कार्यक्रम को सुदृढ़ किये जाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके साथ ही अप्रैल 2024 से अगस्त 2024 तक का पोस्टपार्टम एवं पोस्ट अबॉर्शन परिवार नियोजन सेवाओं का आंकड़ा भी प्रस्तुत किया गया।

इस मौके पर जिला नगरीय स्वास्थ्य समन्वयक मुकेश शर्मा ने परिवार नियोजन कार्यक्रम में आशा, एएनएम व स्टाफ नर्स की जिम्मेदारी निर्धारित किये जाने पर जोर दिया। बैठक में इस बात पर भी चर्चा की गयी कि मास्टर कोचेच द्वारा एचआईए टूल्स के माध्यम से कैसे कोचिंग एवं मेन्टरिंग की जा सकती है और समुदाय स्तर पर कैसे परिवार नियोजन कार्यक्रम के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सकती है। बैठक में सभी नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों ने भी अपने विचार रखे। बैठक में जिला संयुक्त चिकित्सालय से चिकित्सा अधिकारी, स्टाफ नर्स, हॉस्पिटल मैनेजर डॉ. जाया कौशल, हेल्प डेस्क मैनेजर पारुल गुप्ता, पीएसआई इंडिया से मो. रिजवान आदि उपस्थित रहे।