- योगी सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश के समृद्ध ग्रामीण परिवेश को भी अब घरेलू व विदेशी पर्यटकों में प्रसिद्ध करने का मार्ग किया जा रहा प्रशस्त
- सीएम योगी के विजन अनुसार, प्रदेश के प्रमुख टूरिस्ट डेस्टिनेशंस के समीप ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए होम स्टे के विकास की प्रक्रिया होगी पूरी
- इस प्रक्रिया के अंतर्गत देवीपाटन मंडल, चित्रकूट मंडल, अयोध्या मंडल, लखनऊ तथा वाराणसी मंडल के 93 गांवों में पर्यटन को समृद्ध करने पर किया जा रहा फोकस
- प्रदेश में टूरिस्ट गाइडों की ट्रेनिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास और विस्तार पर भी योगी सरकार का फोकस, उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने शुरू की तैयारी
लखनऊ । उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में पर्यटन के क्षेत्र में व्यापक प्रसार किया है। आज प्रदेश घरेलू पर्यटकों के लिहाज से देश का नंबर वन टूरिस्ट डेस्टिनेशन है और इसमें आध्यात्मिक पर्यटन का सबसे बड़ा योगदान है। मगर, प्रदेश में प्राकृतिक, वन्य व लोक पारंपरिक कलाओं को देखने और उसे अनभूत करने की ललक न केवल देसी बल्कि विदेशी पर्यटकों में भी बहुत है। यही कारण है कि प्रदेश में ग्रामीण पर्यटन की अपार संभावनाओं को भी व्यापक स्तर पर जागृत करने की दिशा में योगी सरकार ने कदम बढ़ा दिए हैं। सीएम योगी के विजन अनुसार, प्रदेश में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की है, जिस पर कार्य भी शुरू हो गया है। इस क्रम में, प्रदेश के प्रमुख टूरिस्ट डेस्टिनेशंस के समीप ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 93 गांवों में होम स्टे समेत पर्यटन विकास की प्रक्रिया पर फोकस किया जा रहा है। साथ ही, ग्रामीण, वन समेत पर्यटन के लिहाज से प्रमुख टूरिस्ट सर्किट में टूर गाइड्स व ऑपरेटर्स की ट्रेनिंग प्रक्रिया को भी बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में विस्तृत फ्रेमवर्क पर काम जारी है। इस क्रम में, लखनऊ में स्थापित मान्यवर कांशीराम इंस्टीट्यूट ऑफ टूरिज्म मैनेजमेंट के कायाकल्प प्रक्रिया को भी जल्द पूरा करने पर फोकस किया जा रहा है।
पांच मंडलों में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने पर सबसे ज्यादा फोकस : उत्तर प्रदेश में सीएम योगी की मंशा अनुरूप 12 मेगा टूरिज्म सर्किट चिह्नित किए गए हैं। उत्तर प्रदेश टूरिज्म पॉलिसी 2022 के अनुसार, इनमें रामायण सर्किट, सूफ़ी-कबीर सर्किट, बुंदेलखंड सर्किट, जैन सर्किट, कृष्ण-ब्रज सर्किट, शक्ति-पीठ सर्किट, महाभारत सर्किट, वाइल्ड लाइफ़-ईको पर्यटन सर्किट, स्वतंत्रता संग्राम सर्किट, आध्यात्मिक सर्किट, बौद्ध सर्किट तथा शिल्प सर्किट प्रमुख हैं। ऐसे में, इन सभी सर्किट्स में ग्रामीण पर्यटन की अपार संभावनाओं को विकसित करने की दिशा में कार्य जारी हैं। इसी क्रम में, देवीपाटन मंडल, चित्रकूट मंडल, अयोध्या मंडल, लखनऊ मंडल तथा वाराणसी मंडल में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए होम स्टे के निर्माण व विकास प्रक्रियाओं को गति दी जा रही है। उल्लेखनीय है कि यह सभी मंडल प्राकृतिक छटाओं, लोक कलाओं, ग्रामीण संस्कृति तथा आध्यात्मिक, ऐतिहासिक व पारंपरिक मूल्यों के लिहाज से बेहद समृद्ध हैं। ऐसे में, इन सभी मंडलों के ग्रामीण परिवेश को लक्षित कर घरेलू व विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने की योजना पर कार्य करना शुरू कर दिया है।
पहले चरण में 93 गांवों को होम स्टे व ग्रामीण पर्यटन के लिहाज से किया जाएगा विकसित : सीएम योगी के विजन अनुसार, अयोध्या मंडल में कुल 19 गांवों का चयन ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हुआ है। इनमें फिलहाल अंबेडकर नगर चुइंटियापारा, दर्वान तथा अयोध्या के अबनपुर सरोहा, अमौनी, सेवाधाट, रामपुरवा व गौराघाट को ग्रामीण पर्यटन के लिए होम स्टे विकास के तौर पर चिह्नित हुआ है। वहीं, सुल्तानपुर, बाराबंकी व अमेठी में 12 गांवों के चिह्नांकन की प्रक्रिया जारी है। इसी प्रकार वाराणसी मंडल में वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर व चंदौली में 10 गांवों को रूरल टूरिज्म के लिए होम स्टे प्रक्रिया से विकसित किया जाएगा। लखनऊ मंडल में कुल 23 ग्रामों में होम स्टे व पर्यटन विकास किया जाएगा, जिसमें सीतापुर के कोरौना, रामकोट, सरायसानी, बीहट बीरम, उरदौली व ठाकुर नगर प्रमुख हैं। इसके अतिरिक्त लखनऊ, हरदोई, लखीमपुर खीरी, रायबरेली व उन्नाव में अन्य 17 गांवों का चिह्नांकन किया जाएगा। इसके अतिरिक्ट देवीपाटन मंडल में कुल 17 गांवों का विकास ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा। इसमें, बहराइच, बलरामपुर, गोण्डा व श्रावस्ती के गांवों को चिह्नित कर विकसित किया जाएगा। वहीं, चित्रकूट मंडल में बांदा, चित्रकूट, हमीरपुर व महोबा के 24 गावों को चिह्नित कर होम स्टे प्रक्रिया व ग्रामीण पर्यटन के लिहाज से विकसित किया जाएगा। यानी, परियोजना के अंतर्गत पहले फेज में पांच मंडल के 93 गांवों को चिह्नित कर विकसित किया जाएगा। उक्त सभी ग्रामों में टूरिस्ट गाइड, लोक कलाकार व अन्य पर्यटन स्टाफ की तैनाती भी की जाएगी जोकि स्थानीय स्तर पर ही एजेंसी के माध्यम से आबद्ध किए जाएंगे।
एमकेआईटीएम का होगा कायाकल्प, भविष्य की जरूरतों के हिसाब से होगा मेकओवर : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर में विकल्प खंड स्थित मान्यवर कांशीराम इंस्टीट्यूट ऑफ टूरिज्म मैनेजमेंट (एमकेआईटीएम) के कायाकल्प कराने पर भी योगी सरकार का फोकस है। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा एमकेआईटीएम में लैंडस्केप रेनोवेशन के कार्यों को पूरा किया जाएगा। इसके अंतर्गत, सॉफ्ट स्केपिंग, प्लांटेशन, हॉर्टीकल्चर समेत हार्ड स्केपिंग प्रक्रिया (जिसमें म्यूरल फॉर्मेशन, फाउंटेन, पाथवे, सीटिंग, बैरीकेडिंग, शेड, वॉल पेंटिंग), इलेक्ट्रिकल व प्लंबिग वर्क्स समेत विभिन्न कार्यों को पूरा किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, यहां किचन लैब को भी आधुनिक सुविधाओं से युक्त करने की प्रक्रिया को पूर्ण किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि एमकेआईटीएम में टूरिज्म से संबंधित विभिन्न ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट व डिप्लोमा कोर्सेस का संचालन किया जाता है। ऐसे में, प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में गाइड की तैनाती की जाएगी जिनका प्रशिक्षण एमकेआईटीएम में किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि प्रक्रिया के अंतर्गत योगी सरकार के मार्गदर्शन में दुधवा, कतर्नियाघाट व पीलीभीत टाइगर रिजर्व आदि स्थलों पर नेचर गाइड तैनात किए जाएंगे और इन सभी नेचर गाइड्स को भी एमकेआईटीएम में प्रशिक्षित किया जाएगा।