बाजरा की खेती करने वाले किसानों की होगी बल्ले-बल्ले



  • चना बोने वाले किसानों को भी मिलेगा चैन
  • और बढ़ेगी गुड़ की मिठास
  • मूंगफली की भी बढ़ेगी मांग

लखनऊ। मोटे अनाजों में शामिल बाजरा बोने वाले किसानों की बल्ले बल्ले होगी। इसी तरह चना बोने वाले किसानों को भी चैन मिलेगा। साथ ही गन्ना किसानों के लिए गन्ने की मिठास और बढ़ जाएगी। साथ ही मूंगफली की मांग बढ़ने से उत्पादक क्षेत्र के किसानों को भी लाभ होगा।

योगी सरकार एक फैसले से होगा इतना सब कुछ : यह सब कुछ होगा योगी सरकार द्वारा लिए गए एक हालिया निर्णय के नाते। दरअसल उत्तर प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया है कि वह प्रदेश के 1.57 लाख परिषदीय प्राथमिक और प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले करीब 1.48 करोड़ बच्चों को मध्यान्ह भोजन के गुरुवार के मीनू में बेहतर पोषण के मद्देनजर बदलाव करेगी। इसके तहत अब बच्चों को हर गुरुवार को बाजरे/रामदाने का लड्डू देगी। अन्य विकल्प होंगे गुड़ और तिल (तिलवा), भुना चना, मूंगफली की चिक्की और गजक। सरकार फिलहाल इस पर 95 करोड़ रुपए खर्च करेगी। इसमें केंद्र और प्रदेश का हिस्सा क्रमशः 57 करोड़ और 38 करोड़ रुपए होगा।

बढ़ेगी किसानों की आय, बच्चों की सेहत बोनस में : यकीनन योगी सरकार के इस फैसले से संबंधित फसलों की मांग बढ़ेगी। मांग बढ़ने पर वाजिब दाम मिलने से उत्पादक किसानों को वाजिब दाम भी मिलेंगे। बतौर बोनस सबसे बड़ा लाभ तो इससे होने वाला बच्चों का स्वास्थ्य है।

उल्लेखनीय है कि खाद्यान्न सुरक्षा के बाद अब पोषण संबंधी सुरक्षा ही महत्वपूर्ण है। खासकर बच्चों और महिलाओं में। इसमें भी सर्वाधिक ध्यान प्रोटीन और आयरन पर देने की जरूरत है। सरकार ने योजना के तहत जिन अनाजों का चयन किया है उनमें प्रोटीन और आयरन के साथ अन्य पोषक तत्वों की उपलब्धता का भी ध्यान रखा है। मसलन मूंगफली, चना, रामदाना में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन उपलब्ध होता है। बाजरा अन्य पोषक तत्वों के साथ आयरन का अच्छा सोर्स है।

एक नजर चयनित अनाजों के पोषक तत्वों पर : मूंगफली:  इसमें प्रचुर मात्रा में प्रोटीन और फैट मिलता है। इसमें इनकी उपलब्धता क्रमशः 25 और  50 फीसद की होती है। इसके अलावा 10 फीसद फाइबर,विटामिन ई, मैग्नीशियम: मूंगफली में मैग्नीशियम, पोटैशियम,आयरन, जिंक और कॉपर भी होता है।

  • चना : अन्य दलहनी फसलों की तरह चना भी प्रोटीन का अच्छा सोर्स है। इसमें चने में लगभग 19 फीसद प्रोटीन होता है। इसके अलावा 10 फीसद फाइबर, 2 फीसद फैट, विटामिन बी 6 मैग्नीशियम, चने में मैग्नीशियम, पोटैशियम, आयरन, जिंक और कॉपर मिलता है।
  • रामदाना : में भी करीब 20 फीसद प्रोटीन होता है। प्रोटीन के अलावा इसमें, फाइबर, फैट, विटामिन बी6, मैग्नीशियम,पोटैशियम,जिंक, कॉपर और आयरन मिलता है।
  • बाजरा: इसमें भी करीब 12-15 फीसद प्रोटीन होता है। यह आयरन का अच्छा सोर्स है। उम्र, लिंग और स्वास्थ्य के अनुसार सबको प्रति दिन अलग अलग मात्रा में आयरन की जरूरत होती है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं और गर्भवती महिलाओं को अधिक आयरन की जरूरत होती है। प्रति 100 ग्राम बाजरे में लगभग 4-5 मिलीग्राम आयरन होता है। इसके अलावा बाजरे में फाइबर: बाजरे में फाइबर, फैट, विटामिन बी6, मैग्नीशियम: बाजरे में मैग्नीशियम, आयरन: बाजरे में आयरन, जिंक और कॉपर भी होता है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ :  अपोलो नवी मुंबई में कार्यरत वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर तृप्ति दूबे के अनुसार आयरन की कमी से होने वाली एनीमिया आम है। खासकर किशोर उम्र की लड़कियां और गर्भवती महिलाओं में। इनको इस तरह के अनाज और फल, सब्जियां खाने की सलाह दी जाती है। इसी तरह मांसपेशियों के निर्माण में प्रोटीन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यह शरीर में होने वाले टूट फूट को भी रिपेयर करता है। हर उम्र के लोगों के लिए यह महत्वपूर्ण है। बावजूद इसके 2020 में हुए एक सर्वे के मुताबिक करीब तीन चौथाई भारतीयों में प्रोटीन की कमी है।

योगी सरकार के इस फैसले से बच्चों और की सेहत पर दूरगामी असर पड़ेगा। साथ ही विविधिकरण के जरिए खेतीबाड़ी का भी कायाकल्प होगा।