- स्वास्थ्य विभाग व द चैलेंज इनिशिएटिव-पीएसआई इंडिया के सहयोग से बैठक आयोजित
- निजी अस्पतालों की प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञों व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों ने लिया भाग
मुजफ्फरनगर । सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के संयुक्त प्रयास से शहरी क्षेत्र में परिवार कल्याण कार्यक्रमों के साथ ही टीकाकरण व मातृ स्वास्थ्य सेवाओं को और सुदृढ़ व गुणवत्तापूर्ण बनाने के उद्देश्य से शुक्रवार की देर शाम स्वास्थ्य विभाग के नेतृत्व में द चैलेंज इनिशिएटिव (टीसीआई) व पापुलेशन सर्विसेज इंटरनेशनल इंडिया (पीएसआई इंडिया) के सहयोग से स्थानीय एक निजी होटल में बैठक हुई। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. महावीर सिंह फौजदार की अध्यक्षता में हुई बैठक में शहरी क्षेत्र में परिवार कल्याण कार्यक्रमों व अन्य स्वास्थ्य सेवाओं में निजी अस्पतालों और निजी चिकित्सकों की अहम भूमिका पर विस्तार से चर्चा हुई।
बैठक में जनपद के 38 निजी अस्पतालों से 18 चिकित्सक व प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ और 14 अन्य स्वास्थ्य कर्मियों ने भाग लिया। बैठक में प्रसूति एवं स्त्री रोग सोसायटी (फेडरेशन ऑफ़ ऑब्सटेट्रिक एंड गायनेकोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ़ इंडिया) मुजफ्फरनगर की अध्यक्ष डॉ. कविता नागर, एसीएमओ (आरसीएच) डॉ. प्रशांत कुमार और राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन (एनयूएचएम) के नोडल अधिकारी डॉ. राजीव निगम भी उपस्थित रहे।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि परिवार नियोजन (बास्केट ऑफ़ च्वाइस) से सम्बन्धित आईईसी सामग्री (पोस्टर-बैनर) को निजी चिकित्सालयों में निर्धारित स्तर पर प्रदर्शित किया जाए और काउंसिलिंग के दौरान उनका इस्तेमाल किया जाए। परिवार कल्याण सेवाओं को हेल्थ मैनेजमेंट इन्फार्मेशन सिस्टम (एचएमआईएस) पोर्टल पर हर महीने निश्चित रूप से अपलोड कराना सुनिश्चित किया जाए। पीएसआई इंडिया की कार्यक्रम प्रबन्धक कोमल ने प्रसव पश्चात परिवार नियोजन सेवाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी और कहा कि निजी अस्पतालों के उच्च प्रभावी हस्तक्षेप, प्रसवोत्तर परिवार नियोजन सेवाओं से जोड़ने, क्षमता निर्माण और आंकड़ों के संग्रह पर जोर दिया जाए ताकि योजनाओं के निर्माण में उनका सही इस्तेमाल किया जा सके। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे (एनएफएचएस) चार और पांच के आंकड़ों पर भी तुलनात्मक चर्चा की।
इस अवसर पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (आरसीएच) डॉ. प्रशांत कुमार ने कहा कि स्वास्थ्य कार्यक्रमों को समुदाय तक पहुंचाने में निजी अस्पतालों की भागीदारी बहुत जरूरी है। सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के संयुक्त प्रयास से शहरी क्षेत्र में परिवार कल्याण कार्यक्रम के साथ ही महिला एवं बाल स्वास्थ्य और टीकाकरण की सुविधाओं को भी और सुदृढ़ बनाया जाएगा। डॉ. कविता नागर ने निजी सेवा प्रदाताओं से कहा कि वह स्वास्थ्य विभाग की अपेक्षाओं पर खरा उतरने की कोशिश करें ताकि जनपद की स्वास्थ्य सेवाओं को समुदाय तक आसानी से पहुँचाया जा सके। एचएमआईएस पोर्टल पर रिपोर्टिंग सुनिश्चित करने के साथ ही आंकड़ों को सीएमओ कार्यालय से साझा करने से पहले समीक्षा जरूर कर लें। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से परिवार कल्याण कार्यक्रमों और योजनाओं को निजी अस्पतालों से साझा करने की अपेक्षा की। उन्होंने गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं की दिशा में पीएसआई इंडिया की इस पहल को सराहा।
शहरी स्वास्थ्य समन्वयक कमल कुमार ने संस्थागत प्रसव, नियमित टीकाकरण, पेंटा और एमआर की समग्र एचएमआईएस की रिपोर्टिंग स्थिति को साझा किया। डॉ. राजीव निगम ने निजी क्षेत्र की रिपोर्टिंग की स्थिति और उपलब्धि को साझा किया। उन्होंने प्रतिभागियों को स्वास्थ्य सेवाओं के संकेतकों, नियमित टीकाकरण, परिवार नियोजन सेवाओं विशेष रूप से प्रसवोत्तर और गर्भपात के बाद, मातृ स्वास्थ्य, प्रसव पूर्व जांच, एमटीपी आदि की नियमित रिपोर्टिंग की सलाह दी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्रसव पूर्व जांच के लिए आने वाली सभी महिलाओं को परिवार कल्याण कार्यक्रम के बारे में काउंसिलिंग जरूर की जाए। बैठक में शहरी स्वास्थ्य समन्वयक, यूपी टीएसयू प्रतिनिधि, एआरओ, जिला एचएमआईएस ऑपरेटर, सीएमओ कार्यालय के कर्मचारी आदि भी उपस्थित रहे ।