राज्य आरोग्य निधि ने आसान की गरीबों के इलाज की डगर -जटिल व असाध्य रोगों के मुफ्त इलाज में मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा कोष बना मददगार



  • मरीजों के इलाज के लिए हर साल मुख्यमंत्री द्वारा दिए जाते हैं पांच करोड़ रूपये

लखनऊ, 19 मार्च-2020 । समाज के कमजोर वर्ग के लोगों को इलाज पर अपनी गाढ़ी कमाई न खर्च करनी पड़े इस पर सरकार का पूरा ध्यान है । इसके साथ ही बगैर इलाज कोई असमय काल के गाल में न समाने पाए इसकी चिंता भी बखूबी है। इसे देखते हुए कमजोर तबके के लोगों के लिए जहाँ आयुष्मान योजना के तहत पांच लाख रूपये तक के मुफ्त उपचार की सुविधा उपलब्ध है वहीँ राज्य आरोग्य निधि की भी स्थापना की गयी है । इसके जरिये मेडिकल कालेजों और चिकित्सा संस्थानों में मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा कोष के तहत गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों का मुफ्त इलाज किया जाता है ।

महानिदेशक-परिवार कल्याण डॉ. बद्री विशाल का कहना है कि गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधीन सभी अस्पतालों में मुफ्त इलाज की सुविधा उपलब्ध है परन्तु असाध्य व जटिल रोगों की जाँच और इलाज वहां संभव नहीं है। इस स्थिति में ऐसे लोगों के विशिष्ट उपचार के लिए मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा कोष (राज्य आरोग्य निधि) की स्थापना की गयी है । इसके लिए पहले रोगियों को प्राथमिक/सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर इलाज किया जाता है, वहां इलाज की सुविधा न होने पर जिला अस्पताल रेफर किया जाता है और वहां भी इलाज संभव न होने पर प्रदेश के मेडिकल कालेज व चिकित्सा संस्थानों में इलाज के लिए रेफर किया जाता है । ऐसे मरीजों के इलाज के लिए हर साल मुख्यमंत्री द्वारा अलग से पांच करोड़ रूपये दिए जाते हैं, इसी के तहत कमजोर वर्ग के लोगों का मुफ्त इलाज किया जाता है । इसके लिए सरकार की तरफ से अस्पतालों के लिए विधिवत दिशा निर्देश भी जारी किये गए हैं । प्रदेश में इस योजना के तहत इलाज कराकर बहुत से लोग अपने परिवार के साथ खुशहाल जीवन व्यतीत कर रहे हैं । स्वास्थ्य के क्षेत्र में यह योजना एक तरह से मील का पत्थर साबित हुई है । जानकारी के अभाव में बहुत से लोग इस योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं  । सरकार का अब पूरा जोर है कि इस योजना का ज्यादा से ज्यादा प्रचार-प्रसार किया जाए ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस योजना का लाभ उठा सकें । वर्ष 2008 से चल रही इस योजना का लाभ अभी तक प्रदेश के तमाम ऐसे लोग उठा चुके हैं जो कि गंभीर बीमारी से पीड़ित थे किन्तु पैसे के आभाव में इलाज नहीं करा पा रहे थे । इस योजना के तहत वर्ष 2017-18 में 1.37 करोड़, 2018-19 में 40.59 लाख और 2019-20 में अब तक 40.21 लाख रूपये कमजोर वर्ग के लोगों के इलाज पर खर्च किये गए हैं ।    

किसको मिलता है लाभ :आरोग्य निधि के तहत मुफ्त इलाज के आवेदन पत्र मुख्य चिकित्सा अधिकारियों/ प्रमुख चिकित्सालयों में गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल कार्ड धारक की सीमा के बराबर आय वाले ) जीवन यापन करने वाले परिवारों को नि:शुल्क दिए जाते हैं ।

कौन-कौन सी बीमारियों का होता है इलाज : मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा कोष ( राज्य आरोग्य निधि ) के तहत कई असाध्य व जटिल बीमारियों का इलाज मुफ्त किया जाता है, जिसमें प्रमुख हैं- हृदय रोग व हृदय शल्य चिकित्सा, कैंसर, गुर्दा व मूत्र रोग, अस्थि रोग, थैलेसीमिया आदि । इन बीमारियों के सम्बन्ध में जरूरी जाँच भी मुफ्त की जाती हैं, जिसमें प्रमुख हैं- अल्ट्रासाउंड, रेडियो न्युक्लोपोलाईड स्कैंस, विभिन्न आर्गन्स की एंजियोग्राफी, ईईजी, यूरो डायनेमिक स्टडीज, डाप्लरराइडिस, सीटी स्कैन, एमआरआई, ईएमजी आदि । इन बीमारियों के उपचार पर खर्च होने वाली डेढ़ लाख तक की राशि की स्वीकृति जिलाधिकारी के स्तर पर गठित समिति कर सकती है, इससे अधिक की राशि की स्वीकृति राज्य स्तर पर गठित समिति करती है ।