भय और भ्रांतियों के बीच फैल रहा कोरोना और उसका डर-सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे फर्जी मैसेज



लखनऊ,24 मार्च - जिस तेजी के साथ कोरोना अपने पांव पसार रहा है। उसी गति से भय और भ्रांतियां भी सोशल मीडिया के माध्यम से फैल रहीं हैं। इसमें से कुछ सच हैं तो कुछ कोरे अफवाह, जो इस महामारी के बीच फैले हुए डर, अनिश्चितता और उहापोह की स्थिति को और बढ़ा रहे हैं।

सोशल मीडिया पर एक मैसेज तेजी से वायरल हो रहा है कि ‘मौसम का तापमान बढ़ने के साथ ही कोराना का प्रकोप कम हो जाएगा।’ इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के महानिदेशक प्रो. बलराम भार्गव के हवाले से स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. बीके वर्मा कहते हैं कि तापमान बढ़ने का कोई असर कोरोना वायरस पर होता है अथवा नहीं इस बात का अभी कोई ठोस सबूत नहीं मिला है। संयुक्त निदेशक डॉ. बीके वर्मा कहते हैं कि कोरोनावायरस दुनिया भर में 168 देशों में फैल चुका है जिनमें ग्रीनलैंड जैसे ठंडे देश भी है तो दुबई जैसे गर्म शहर भी, मुंबई जैसे ह्यूमिड शहर भी हैं तो दिल्ली जैसे सूखे शहर भी हैं।

इसके अलावा वायरल मैसेज में यह भी दावा किया गया है कि गर्मी की मदद से कोरोना वायरस को खत्म किया जा सकता है। इसी दावे में पीने और नहाने के लिए गर्म पानी का प्रयोग करने की सलाह दी जा रही है। चर्चाओं के बीच यह भी कहा जा रहा है कि यह सलाह यूनिसेफ ने दी है। यूनिसेफ के लिए काम कर रहीं चार्लेट गोर्निज्क ने एक निजी समाचार एजेंसी को दिए अपने साक्षात्कार में इस दावे को पूरी तरह से खारिज करते हुए कहा है कि आइस्क्रीम, कोल्ड ड्रिंक और अन्य ठंडी चीजों से दूर रहकर इस वायरस से बचा जा सकता है, इस तरह का भी कोई मैसेज यूनिसेफ द्वारा नहीं जारी किया गया है, यह मैसेज पूरी तरह से झूठा है।

कैसे फैलता है कोरोना :
जब कोरोना वायरस से संक्रमित कोई व्यक्ति खांसता या छींकता है तो उसके थूक के बेहद बारीक 3,000 से अधिक कण यानी ड्रॉपलेट्स शरीर से बाहर आकर हवा में फैल जाते हैं। इन्हीं नन्हें कणों के ज़रिए कोरोना वायरस फैलता है। संक्रमित व्यक्ति के नज़दीक जाने पर ये कण सांस के रास्ते दूसरके व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। इसके अलावा कभी कभी ये कण कपड़ों, दरवाजों के हैंडल और आपके सामान पर गिरते हैं। उस जगह पर किसी का हाथ पड़े और फिर वो व्यक्ति उसी संक्रमित हाथ से अपनी आंख, नाक या मुंह छूता है तो उसे कोरोना वायरस संक्रमण हो सकता है।

यह भी जानें:
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार शरीर पर एल्कोहल अथवा क्लोरीन के स्प्रे से कोरोना वायरस मरता नहीं है। इसका प्रयोग बचाव के तौर पर किया जा सकता है। इसके अलावा हाथ को सूखाने वाली मशीन (हैंड ड्रायर) और हीटर के प्रयोग से कोरोना वायरस नहीं मरता है। लहसुन का सेवन सेहत के लिए अच्छा है, लेकिन इससे कोरोना से बचाव नहीं हो सकता है। सैलाइन से नाक साफ करने से जुकाम में जल्द आराम मिलता है, लेकिन इससे कोरोना से बचाव नहीं हो सकता है।

पालतू जानवर से रहें सावधान:
पालतू जानवरों में कोरोना फैलने की अभी तक कोई घटना सामने नहीं आई है। लेकिन सावधानी के तौर पर आाप पालतू जानवरों को छूने के बाद हाथों को अच्छी तरह से जरूर धोएं।