लखनऊ, 13 अप्रैल 2020 - डा. जायसवाल के अनुसार - आज हम सब जिस रोग कोविड-19 से लड़ रहे हैं उसका पहला कदम बचाव करना है, जैसे कि स्वच्छता एवं सोशल डिस्टन्सिंग रख कर इससे आसानी से बच सकते हैं। इसके अलावा मुख्य रूप से जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा होती है, उनके संक्रमित होने का खतरा सबसे कम होता है। इसीलिए आयुर्वेद में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली विभिन्न औषधि, योगों एवं आहार (खानपान )- और विहार (दिनचर्या ) बताये गए हैं। इन्हें रसायन भी कहा जाता है- यह कहना है राज्य आयुर्वेद कॉलेज एवं अस्पताल के सहायक प्रोफ़ेसर डा. मनदीप जायसवाल का |
आहार-
- मौसमी हरी सब्जियों का सेवन करें
- मौसमी फलों का ही प्रयोग करें
- दूध एवं घी का नियमित सेवन करें , यह नियमित लिए जाने वाले रसायन हैं, कुछ लोग दही का नियमित सेवन करते हैं । दही का सामान्य सेवन वसंत एवं ग्रीष्म ऋतु में मना है, क्योंकि दही उष्ण-अभिष्यंदि गुण के कारण कफ ज्यादा बनाता है। यदि सेवन करना हो तो दिन में ही अल्प मात्रा में करें और मिश्री- आमल का चूर्ण मिलाकर ही करें ।
- ताजे बने मट्ठे का सेवन हमेशा लाभकारी होगा-
- आधे पेट ही भोजन करें शेष आधा भाग खाली रखना चाहिए जिससे पेट कभी खराब नही होता भोजन अच्छा पचता है और भोजन का सार शरीर को पोषण और रोगों से लड़ने की शक्ति देता है।
- खाने के आधे घंटे बाद गुनगुने या सादे पानी का सेवन करें। ठंडे पानी (फ्रिज) के सेवन से बचें ।
- फलों / सलाद का सेवन यथासंभव खाने से आधे घंटे पहले करें ।
विहार (दिनचर्या) - जैसा कि आजकल बाहर जाना नुकसानदायक होगा, इसलिए घर के अंदर ही या छत पर खुले में कम से कम आधे घंटे सुबह- शाम योग एवं आसनों का प्रयोग करें।
औषधि -
मुख्यतः स्वस्थ व्यक्ति एवं बच्चो में स्वस्थ आहार - विहार का नियमित प्रयोग ही काफी है। फिर भी आवश्यकता अनुसार कुछ औषधि योग सेवन कर सकते हैं जैसे कि-
- त्रिफला, गिलोय व अश्वगंधा का चूर्ण गुनगुने पानी से खाली पेट सेवन करें
- च्यवनप्राश एवं गिलोय क्वाथ/गिलोय घन वटी का सेवन
- सामान्य सर्दी खांसी में- सितोपलादि चूर्ण - 3-5 ग्राम मधु व देशी घी के साथ दिन में 3-4 बार
- यदि कफ ज्यादा बन रहा हो तो इसमे 500 मि ग्रा शुद्ध टंकण और पिप्पली चूर्ण 500 मि ग्रा के साथ ले सकते हैं
- गोजिह्वादी क्वाथ का नियमित सेवन करें
- सामान्य बुखार में- सुदर्शन घन वटी/महा सुदर्शन चूर्ण का सेवन
- मधुमेह के रोगी- नियमित हल्दी और आमलकी चूर्ण का सेवन करें दिन में दो बार भोजन से आधे घंटे पहले
- हृदय रोगी- अर्जुन क्वाथ /अर्जुन क्षीर पाक का (अर्जुन छाल को 200 मिली. पानी मे उबाल कर 50मिली. बचे तो 50 मिली. दूध के साथ उक्त क्वाथ को पकाएं , 50मिली. बचने पर छान कर) नियमित सेवन करें
- कब्जियत के रोगी- हिंगवस्टक चूर्ण का नियमित सेवन करें
- अनिद्रा रोगी- अश्वगंधा, मुलेठी व शतावरी चूर्ण का सेवन करें
उक्त औषधि योग सामान्य अवस्था हेतु वर्णित हैं विशेष परिस्थिति में चिकित्सक की सलाह अवश्य लें ।
*उपर्युक्त बताये गए टिप्स एवं औषधियां अपने चिकित्सक से परामर्श के बाद ही लें | समस्त मत लेखक के हैं -कृपया अधिक जानकारी के लिए लेखक से संपर्क करें | ख़ुशी समय इस सम्बन्ध में कोई जिम्मेदारी नहीं लेता है |