- प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आए सामुदायिक रेडियो के प्रतिनिधियों का स्वास्थ्य विभाग के मुखिया ने किया मार्गदर्शन
- नई विकसित हो रहीं बीमारियों और वर्षों से चली आ रही भ्रांतियों को दूर करने में अपनी भूमिका तय करने को कहा
लखनऊ - स्वास्थ्य घर से शुरू होना चाहिए, अस्पताल से नहीं और इस उद्देश्य को पूरा करने में सामुदायिक रेडियो अहम भूमिका निभा सकते हैं। नई विकसित हो रहीं बीमारियों और वर्षों से चली आ रही भ्रांतियों को दूर करने में सामुदायिक रेडियो की बड़ी भूमिका हो सकती है। इसलिए सामुदायिक रेडियो स्टेशन को मनोरंजन के साथ-साथ नए मुद्दों पर अपने समुदाय को उनकी स्थानीय भाषा में बताना चाहिए। प्रमुख सचिव चिकित्सा व स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने यह बात प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आए 33 सामुदायिक रेडियो के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कही।
बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन के सहयोग से ‘स्मार्ट’ संस्था द्वारा एक स्थानीय होटल में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में प्रमुख सचिव ने कहा कि सामुदायिक रेडियो अगर अपने समुदाय की समस्याओं पर बात करेंगे और जागरूक करने वाले कार्यक्रम करेंगे तो ही उपयोगी रहेंगे। उन्होंने कहा कि समस्त आयुष्मान आरोग्य मंदिर व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अगर सक्रिय हो गए तो मेडिकल कालेजों व जिला अस्पताल पर लोड घट जाएगा और उनको सक्रिय करने में सामुदायिक भागीदारी आवश्यक है और इसमें सामुदायिक रेडियो से सहयोग अपेक्षित है।
प्रमुख सचिव ने कहा कि कम उम्र में शादी न होना, परिवार नियोजन, टीकाकरण, 102/108 एंबुलेंस, आयुष्मान भारत योजना, ई रूपी बाउचर, संस्थागत प्रसव, स्तनपान और पूरक आहार,टीबी, डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, माहवारी स्वच्छता, पोषण जैसे मुद्दों पर सामुदायिक रेडियो को बार-बार बात करनी चाहिए। साल भर में विशेष दिवस पर खासतौर पर बात करनी चाहिए।
हम खुद बना सकते हैं आयुष्मान कार्ड : स्टेट एजेंसी फार काम्प्रेहेंसिव हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज (साचीज) की सीईओ संगीता सिंह ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत प्रदेश मे 5800 सरकारी व प्राइवेट अस्पताल सूचिबद्ध हैं। सूबे में पांच करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं। इस योजना के तहत 26 विभिन्न प्रकार की बीमारियों का इलाज निःशुल्क कराया जा सकता है। उन्होंने रेडियो प्रतिनिधियों को बताया कि आयुष्मान कार्ड बनाने को लेकर आप लोगों को जनता को जागरूक करना चाहिए। लोग सर्विस आपरेटर के पास जाते हैं और पैसा देते हैं लेकिन वह खुद अपने मोबाइल पर आयुष्मान कार्ड बना सकते हैं। वर्तमान में 70 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों को आयुष्मान कार्ड बनाने के अभियान में युवा उनकी मदद कर सकते हैं। मोबाइल पर प्ले स्टोर से Ayushman app डाउनलोड करें और आसानी से आयुष्मान कार्ड बनाएं।
यूपी में 12.5 करोड़ से अधिक आभा आईडी बनीं : आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के संयुक्त निदेशक डॉ. मोहित सिंह ने बताया कि प्रदेश के सभी नागरिकों का हेल्थ रिकार्ड डिटिजल एक्सेस पर रखने के लिए एबीडीएम योजना अक्टूबर 2022 में शुरू हुई थी। दो साल के अंदर हम प्रदेश के 12.5 करोड़ से अधिक लोगों का आभा आईडी बना चुके हैं। यानी 50 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या को कवर कर चुके हैं। यूपी के बाद महाराष्ट्र दूसरे नंबर पर है। वहां अब तक साढ़े पांच करोड़ आभा आईडी बनाई गईं हैं। उन्होंने बताया कि एबीडीएम में 61075 प्राइवेट व सरकारी अस्पताल पंजीकृत हैं। 5.27 करोड़ लोगों के हेल्थ रिकार्ड भी एबीडीएम में दर्ज हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि सभी सामुदायिक रेडियो को आभा आईडी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए कार्यक्रम करना चाहिए।
इस मौके पर बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन की कंट्री लीड- हेल्थ एवं जेंडर कम्युनिकेशन पूजा सहगल ने बताया कि” किसी क्षेत्र विशेष के लिए बनाए गए संचार माध्यम जैसे ‘सामुदायिक रेडियो’ सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले लोगों तक स्थानीय और प्रासंगिक संदेश प्रभावी तरीके से पहुँचाने में सक्षम होते हैं जिन्हें श्रोता सहजता से समझ पाते हैं। हमें उम्मीद है कि इस तरह के माध्यम को बढ़ावा और सहयोग देने से राज्य में महत्वपूर्ण स्वास्थ्य पहलों की पहुंच और प्रभाव को मजबूत करने में मदद मिलेगी।
स्मार्ट संस्था, सामुदायिक रेडियो के साथ उनकी सस्टेनेबिलिटी एंड कैपेसिटी बिल्डिंग पर काम करती है। सामुदायिक रेडियो एक हाइपर लोकल मीडिया है, जो एक निश्चित समुदाय के साथ काम करते है, और विकास में लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करते हैं। इस मौके पर स्मार्ट की संस्थापक निदेशक अर्चना कपूर, यूपीटीएसयू, सीफार, जीएचएस, पाथ, टोर्क व सीएस बीएससी संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद रहे।