लखनऊ। भारतीय सेना के मुख्यालय मध्य कमान और दूरसंचार उत्कृष्टता केंद्र (टीसीओई) इंडिया के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस समझौते का उद्देश्य भारतीय नक्षत्र एकीकृत हवाई वितरण प्रणाली के साथ नेविगेशन के अनुसंधान और विकास में सहयोग करना है। यह पहल भारतीय सेना की सटीक हवाई वितरण क्षमताओं को उन्नत करने और स्वदेशी तकनीक को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
यह समझौता आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी तकनीक के विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया है। इस अनुसंधान एवं विकास परियोजना की संकल्पना और मार्गदर्शन लखनऊ स्थित सूर्या कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता द्वारा किया गया। इस अवसर पर टीसीओई इंडिया के वरिष्ठ प्रतिनिधियों और मुख्यालय मध्य कमान के चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल मुकेश चड्ढा की उपस्थिति में समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता भारतीय सेना की नवाचार और आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
मुख्यालय मध्य कमान ने 50 (इंडिपेंडेंट) पैराशूट ब्रिगेड समूह को इस परियोजना की निगरानी और मार्गदर्शन करने के लिए नामित किया है। इस सहयोग के तहत टीसीओई इंडिया सैटेलाइट नेविगेशन, दूरसंचार एकीकरण और निर्देशित प्रणालियों में विशेषज्ञता प्रदान करेगा, जबकि भारतीय सेना इस तकनीक की व्यावहारिक और प्रभावी तैनाती सुनिश्चित करने के लिए अपनी परिचालन अंतर्दृष्टि और आवश्यकताओं का योगदान देगी।
परियोजना का मुख्य उद्देश्य भारत के स्वदेशी नेविगेशन प्रणाली एनएवीआईसी के उपयोग से एक मजबूत और सटीक हवाई वितरण प्रणाली विकसित करना है, जिससे परिचालन रसद, मानवीय सहायता वितरण और सामरिक पुनः आपूर्ति अभियानों को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके।इस अवसर पर बोलते हुए लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता ने कहा, "टीसीओई इंडिया के साथ यह सहयोग हवाई वितरण मिशनों के लिए स्वदेशी तकनीक के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। यह हमारी सेना की परिचालन तत्परता को और अधिक मजबूत बनाएगा, विशेष रूप से दूरस्थ और उच्च ऊंचाई वाले इलाकों में।"
वहीं, सूर्या कमान के चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल मुकेश चड्ढा ने कहा कि यह पहल भारतीय सेना और टीसीओई इंडिया की स्वदेशी तकनीक के विकास और आत्मनिर्भरता की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।टीसीओई इंडिया के प्रोग्राम मैनेजर पंकज यादव ने इस समझौते को भारतीय सेना की क्षमताओं को सशक्त करने में घरेलू अनुसंधान एवं विकास एजेंसियों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर बताया। यह परियोजना सूर्या कमान द्वारा संचालित कई अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाओं में से एक है, जो रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी तकनीकी प्रगति को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य कर रही है।भारतीय सेना और टीसीओई इंडिया का यह संयुक्त प्रयास रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा मजबूत होगी, बल्कि अत्याधुनिक तकनीक के उपयोग से भारतीय सेना की परिचालन प्रभावशीलता में भी वृद्धि होगी।