- यूपी एग्रीज योजना और काशी-प्रयागराज धर्म क्षेत्र बनेंगे इसका जरिया
- किसानों के लिए संजीवनी बने ओडीओपी से जुड़े कृषि उत्पाद
- विकास को गति देने के लिए योगी सरकार का कनेक्टिविटी पर खासा जोर
लखनऊ - खेतीबाड़ी और पर्यटन के जरिए योगी सरकार पूर्वांचल का कायाकल्प रही है। विश्व बैंक की मदद से चलाई जा रही यूपी एग्रीज योजना से खेती बाड़ी का कायाकल्प होगा तो नीति आयोग के सुझाव पर योगी सरकार जिस काशी और प्रयागराज धर्म क्षेत्र और राज्य राजधानी क्षेत्र (एससीआर) की तर्ज पर वाराणसी एवं विंध्य क्षेत्र का विकास करने जा रही है उससे यहां के पर्यटन को और बढ़ावा मिलेगा। साथ ही यह क्षेत्र औद्योगिकरण में भी पीछे नहीं रहेगा।
धर्म क्षेत्र पर एक नजर : इस धर्म क्षेत्र का रकबा करीब 22393 वर्ग किलोमीटर का होगा। इनमें काशी और प्रयागराज के अलावा चन्दौली, गाजीपुर, जौनपुर, मीरजापुर और भदोही भी शामिल हैं। इनकी संयुक्त आबादी करीब 2.5 करोड़ की होगी। नीति आयोग की कार्ययोजना के अनुसार इस क्षेत्र में आने वाले धार्मिक क्षेत्रों के विकास के अलावा स्थान विशेष की परंपरा और उपयोगिता के हिसाब से औद्योगिक क्षेत्र और नॉलेज पार्क भी बनने हैं। सरकार इसका फूलप्रूफ प्लान तैयार कर चुकी है। यूपी एग्रीज जैसी महत्वाकांक्षी योजना की तो शुरुआत भी हो चुकी।
विकास को गति देने के लिए कनेक्टिविटी पर खासा जोर : विकास के इन इन सभी कार्यों को गति देने के लिए कनेक्टिविटी पर भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का खासा जोर है। गोरखपुर से वाराणसी तक फोरलेन की सड़क लगभग बन चुकी है। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ने वाली गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे का काम भी पूरा है। संभव है अगले महीने इसका उद्घाटन भी हो जाए। चंदौली से गाजीपुर को जोड़ने वाला करीब 100 लंबा एक्सप्रेस वे भी पूर्वांचल के विकास की गति देगा। इस पर करीब 7000 करोड़ रुपए की लागत आएगी। गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक प्रस्तावित राष्ट्रीय राजमार्ग का भी लाभ पूर्वांचल को मिलेगा। गंगा एक्सप्रेस वे के विस्तार के क्रम में प्रयागराज को सोनभद्र को जोड़ने वाले करीब 300 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस वे का लाभ भी पूर्वांचल के कुछ जिलों को मिलेगा। उत्तर प्रदेश में देश का इकलौता अंतरराज्यीय जलमार्ग है। यह प्रयागराज को हल्दिया से जोड़ता है। इसे और विस्तार देने की घोषणा सरकार कर चुकी है।
कुशीनगर कृषि विश्वविद्यालय और गोरखपुर चिकित्सा महाविद्यालय से भी होगा किसानों को लाभ : निर्माणाधीन कुशीनगर कृषि विश्वविद्यालय, गोरखपुर के पशु चिकित्सा महाविद्यालय के बन जाने पर कृषि और पशुपालन दोनों क्षेत्रों में शोध और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा इसका भी लाभ किसानों को मिलेगा।
ओडीओपी से जुड़े कृषि उत्पाद किसानों के लिए संजीवनी बने : पूर्वांचल के एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) से जुड़े कृषि उत्पादों की ब्रांडिंग का भी किसानों को खूब लाभ मिला है। मालूम हो कि प्रतापगढ़ का आंवला, कुशीनगर का केला, अयोध्या का गुड़, सिद्धार्थनगर का काला नमक धान आदि का आज देश और दुनिया में जलवा है। इससे संबंधित जिले के किसानों को खासा लाभ हो रहा है। चूंकि यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पसंदीदा योजना है, लिहाजा। वह इसकी लगातार न केवल चर्चा करते हैं बल्कि निगरानी भी करते हैं। सरकार इन उत्पादों के लिए कॉमन फैसिलिटी सेंटर के जरिए उत्पादन, पैकेजिंग, ब्रांडिंग और मार्केटिंग के लिए ढेर सारी सुविधाएं भी देती है। इसलिए इनके और और इनसे जुड़े किसानों के विकास सिलसिला जारी रहेगा।