टीबी मरीजों के गुणवत्तापूर्ण इलाज पर मंथन



  • सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य हेकाली झिमोमी ने वर्चुअल कार्यक्रम की अध्यक्षता की
  • राज्य क्षय रोग कार्यक्रम अधिकारी ने मरीजों को मिल रहीं सुविधाओं पर डाला प्रकाश

लखनऊ,  20 जुलाई 2020 - राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत सोमवार को राज्य टीबी सेल उत्तर प्रदेश और “द यूनियन” के सहयोग से प्रदेश के नोडल ड्रग रेसिस्टेंट टीबी ( डीआरटीबी) सेंटर की गुणवत्ता को गति प्रदान किये जाने के उद्देश्य से एक वर्चुअल कार्यक्रम का आयोजन किया गया | इस अवसर पर “ इम्प्रूवमेंट ऑफ़ क्वालिटी ऑफ़ डीआरटीबी सेंटर इन पब्लिक सेक्टर” का ई - लाँच सचिव , चिकित्सा स्वास्थ्य वी हेकाली झिमोमी की अध्यक्षता में किया गया |

कार्यक्रम के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी देते हुए  राज्य क्षय रोग कार्यक्रम अधिकारी डा. संतोष गुप्ता ने बताया - वर्तमान में लगभग 1600 डीआरटीबी के मरीज सरकारी क्षेत्र के अस्पतालों / मेडिकल कॉलेजों से इलाज करवा रहे हैं तथा पूरे प्रदेश में 22 नोडल डीआरटीबी सेंटर प्रदेश के मेडिकल कॉलेज में स्थापित हैं और क्रियाशील हैं | सूबे के 56 जिलों में डीआरटीबी सेंटर स्थापित एवं क्रियाशील हैं जिनके माध्यम से टीबी के मरीजों को इलाज मुहैया कराया जा रहा है | सभी मरीजों की जाँच निःशुल्क की जा रही है एवं उन्हें दवाएं भी निःशुल्क मुहैया करायी जा रही हैं | प्रत्येक मरीज के खाते में निक्षय पोषण योजना के तहत 500 रूपये की धनराशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रान्सफर (डीबीटी) के माध्यम से दी जा रही है | डीआरटीबी मरीजों को नयी दवा बीडाकुलीन 19 नोडल डीआरटीबी सेंटर में उपलब्ध कराई जा रही है | साथ ही एक अन्य नयी दवा डेलामेनिड की शुरुआत अगस्त-सितम्बर में किये जाने की सम्भावना है | प्रत्येक टीबी मरीज का तीन दिन के अन्दर दवा संवेदनशीलता की जांच उपलब्ध होगी | हर डीआरटीबी मरीज का चिकित्सा पूर्व मूल्यांकन तीन दिनों के अन्दर किया जाएगा | चिन्हित डीआरटीबी मरीजों के संपर्क में आये व्यक्तियों की कान्टेक्ट ट्रेसिंग (घर तथा कार्यस्थल) एक सप्ताह के भीतर की जाएगी |

प्रत्येक माह डीआरटीबी मरीजों की जाँच की सुविधा उपलब्ध होगी | यदि डीआरटीबी मरीज को किसी दवा से कोई प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है तो उसका तत्काल निदान किया जायेगा | डीआरटीबी मरीजों को परामर्श डाक्टर एवं पर्यवेक्षक के द्वारा दिया जायेगा |

इस अवसर पर महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डा. मिथिलेश चतुर्वेदी, भारत सरकार के एडिशनल डीडीजी, टीबी डा. रघुराम राव, एनआइटीआरडी दिल्ली से डा. रूपक सिंघला एवं इंटरनेशनल यूनियन ऑफ़ ट्यूबरकुलोसिस एंड लंग डिजीज के क्षेत्रीय कार्यालय साउथ एशिया नयी दिल्ली के जमोह तोनसिंह के साथ साथ प्रदेश के सभी नोडल, डीआरटीबी सेंटर के फैकल्टी/इन्चार्ज, सभी जिला क्षय रोग अधिकारी, एसटीडीसी आगरा के सलाहकार के साथ-साथ सभी जिला स्तरीय समन्वयकों ने प्रतिभाग किया |