आपदा को अवसर में बदला - रंग लाई पहल : अब लहलहाएगी फसल



- अच्छी खेती-किसानी के लिए याद की जाएगी प्रवासी कामगारों की निशानी
- बुंदेलखंड के महोबा में चेक डैम बना फसलों के लिए पानी का किया इंतजाम

लखनऊ, 22 जुलाई-2020 -  कोविड-19 आपदा को महोबा जिला प्रशासन व प्रवासी कामगारों ने कुछ इस तरह से अवसर में बदल दिया जो कि सदियों तक लोगों की खुशहाली का जरिया बन गया । यह सब संभव हो पाया है महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के जरिये । मुश्किल वक्त में दूसरे राज्यों से अपने घर लौटे कामगारों को इससे जहाँ अपने घर-परिवार के भरण-पोषण में सहूलियत मिली वहीँ उन्होंने गाँव में खेती-किसानी के लिए चेक डैम तैयार कर पूरे साल फसलों को भरपूर पानी मिलने का प्रबंध भी कर दिया ।

​यह कहानी है- सूखे और सीमित जल संसाधनों की मार झेलने वाले प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के छोटे से जिले महोबा के कबरई ब्लाक के चांदो गाँव की । सरकार द्वारा प्रवासी कामगारों को जब रोजगार मुहैया कराने की बात आई तो जिला प्रशासन ने जरूरत के मुताबिक़ मनरेगा के तहत कार्य करने लिए गाँवों का सर्वे किया ताकि लोगों को उनके गाँव में ही काम मुहैया कराया जा सके । इसी के तहत चांदो गाँव के लोगों ने खेती के लिए पानी के संकट को दूर करने का मुद्दा उठाया । उनका कहना था कि इसके जरिये बारिश के इतने पानी का संग्रह हो जाएगा कि साल भर आराम से फसलों को पानी मिल सकेगा और इससे उनकी आमदनी भी बढ़ जाएगी । सभी की सहमति से यहाँ चेक डैम का प्रस्ताव पारित हुआ । अपने गाँव वालों को इस अनूठी निशानी देने पर प्रवासी कामगारों ने भी सहमति जताई । इसके लिए 1671 मानव दिन तय किये गए और 187 ग्रामीणों को काम पर लगाया गया । उनकी लगन व मेहनत का नतीजा रहा कि तय 19 दिनों में चेक डैम बनकर तैयार हो गया ।  

​चेक डैम बनने से चांदो गाँव के लोगों के चेहरे पर मुस्कान है । उनकी यह ख़ुशी इस बात की है कि उन्हें अब न तो बारिश में नदियों के अतिप्रवाह का सामना करना पड़ेगा और न ही सिंचाई के अभाव में फसलों के सूखने की दुश्वारी झेलनी पड़ेगी । पानी मिलने से जब फसलें लहलहाएंगी तो निश्चित रूप से परिवार में खुशहाली आएगी । इसके लिए वह प्रदेश सरकार के साथ जिला प्रशासन और प्रवासी कामगारों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हैं ।

​सहायक आयुक्त - मनरेगा एस. कृष्णा का कहना है कि मनरेगा कार्यक्रम का सबसे सकारात्मक पहलू यह है कि स्थानीय लोग अपने समुदाय या गाँव के काम में योगदान देने में ख़ुशी महसूस करते हैं । इससे गुणवत्ता वाले काम करने में मदद मिलती है और वह कार्य भी समुदाय की जरूरत के मुताबिक़ होता है । चांदो गाँव में भी लोगों ने बहुत ही उत्साह के साथ यह कार्य किया जो कि सराहनीय है । इस उपलब्धि से उत्साहित ग्रामीण भी बारिश पर नजर रखते हुए चेकडैम और तालाबों के निर्माण की योजना बना रहे हैं जो जलाशयों को भरने में मदद करेंगे