कन्टेनमेंट जोन में गृह आधारित नवजात देखभाल का फालोअप अब फोन के जरिये



लखनऊ, 26 जुलाई 2020 - कन्टेनमेंट जोन में गृह आधारित नवजात देखभाल (एचबीएनसी) का फॉलोअप अब आशा कार्यकर्ताओं द्वारा फोन के माध्यम से किया जायेगा |  यह निर्देश परिवार कल्याण महानिदेशक डा. मिथिलेश चतुर्वेदी ने प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को जारी एक पत्र में दिये हैं |

पत्र में कहा गया है – फोन के मध्यम से फॉलोअप में आशा स्वयं कम वजन वाले बच्चों या समय से पूर्व जन्मे बच्चों या सिक न्यू बोर्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) से डिस्चार्ज हुए  बच्चों या घरेलू प्रसव को प्राथमिकता देते हुए सभी नवजात शिशुओं के परिवारों को परामर्श देंगी  | वह  शिशु के स्वास्थ्य (खतरे के लक्षण) जैसे- सुस्ती,बेहोशी, छूने पर ठंडा-गर्म, स्तनपान आदि के बारे में पूछेंगी | यदि प्रसव अस्पताल में हुआ है तो जन्म के समय बच्चे के वजन के बारे में भी पूछेंगी | इस दौरान वह माँ और परिवार को प्रसव के बाद महिला व शिशु में होने वाले खतरे के लक्षणों के बारे में बतायेंगी, उनसे पूछेंगी और इस बात का आंकलन करेंगी कि नवजात को संदर्भन की जरूरत तो नहीं है | वह माँ और परिवार को केवल स्तनपान, कपड़े में लपेट कर कंगारू मदर केयर के बारे में सलाह देंगी साथ ही में वह यह भी सलाह देंगी कि यदि नवजात में किसी तरह के खतरे के लक्षण दिखें तो वह आशा और ब्लाक कम्युनिटी प्रोसेस मैनजर ( बीसीपीएम) को सूचित करें  और 102 एम्बुलेंस द्वारा वह बच्चे को संदर्भित कर आवश्यक सेवाएं दें  |

नॉन कंटेन्मेंट जोन में  एचबीएनसी  का गृह भ्रमण आशाओं द्वारा सामाजिक दूरी रखते हुए बिना स्पर्श किये हुए मास्क पहन कर एवं हाथों को उचित तरीके से साबुन व् पानी से  धोने से किया जाएगा |  इस  दौरान वह माँ और शिशु को नहीं छुएंगी | वह माँ और परिवार से ही  शिशु के स्वास्थ्य (खतरे के लक्षण) जैसे- सुस्ती /बेहोशी/ छूने पर ठंडा/गर्म/स्तनपान आदि के बारे में पूछेंगी | साथ ही उपरोक्त बताई गयी सलाह को माँ और परिवार वालों को देंगी |