• प्रतिदिन 5500 से 6000 प्रसव भी कराए जा रहे
• अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य ने बताई उपलब्धि
लखनऊ, 13 अगस्त 2020 - कोविड-19 के इस बुरे दौर में भी प्रदेश में सामान्य मरीजों के आपरेशन रुके नहीं हैं। एक जून से 12 अगस्त तक प्रदेश में 87 हजार 762 छोटी-ब़ड़ी सर्जरी की गई हैं। इसके अलावा प्रतिदिन साढ़े पांच हजार से छह हजार बच्चों की डिलेवरी कराई जा रही है।
प्रदेश में कोरोना के तेजी से बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर राज्य सरकार के सामने अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं को सुचारू रूप से संचालित करने की चुनौती है। अस्पतालों में नॉन कोविड केयर के मद्देनजर भीड़ नियंत्रित करने के उद्देश्य से जहां ई-संजीवनी पोर्टल के जरिए मरीजों का घर बैठे इलाज किया जा रहा है और दवा लिखी जा रही है। वहीं जरूरी ऑपरेशन किसी भी सूरत में टाले नहीं जाएं, इस पर सरकार ध्यान दे रही है और इस मामले में प्रदेश सरकार ने दमदार प्रदर्शन किया है।
अपर मुख्य सचिव—चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने गुरुवार को बताया कि राज्य में कोविड केयर के साथ नॉन कोविड केयर पर भी पूरी तरह ध्यान दिया जा रहा है। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में ओपीडी काफी पहले ही शुरू की जा चुकी है। अनलॉक शुरू होने के बाद जून से प्रदेश में सर्जरी भी लगातार की जा रही है।
उन्होंने बताया कि राज्य में बीते वर्ष 01 जून से 12 अगस्त तक सरकारी अस्पतालों में जहां 42 हजार मेजर सर्जरी की गईं, वहीं कोरोना संक्रमण काल के बावजूद इस वर्ष इसी समयावधि में 34,139 मेजर सर्जरी की गई। इसी तरह बीते वर्ष 01 जून से 12 अगस्त तक 71,560 माइनर सर्जरी की गई, जबकि इस वर्ष इस समयावधि में यह आंकड़ा 53,623 का रहा।
अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने बताया कि इसके साथ ही सरकार की ओर से बच्चों का टीकाकरण कार्य भी लगातार जारी है। वहीं गर्भवती महिलाओं को प्रसव की सुविधा भी मिल रही है। रोजाना 5,500 से 6,000 प्रसव कराए जा रहे हैं जिनमें सीजेरियन डिलेवरी भी शामिल हैं।
इसके साथ ही ई-संजीवनी पोर्टल का प्रदेश के लोग लगातार इस्तेमाल कर रहे हैं। इस पोर्टल से घर बैठे डॉक्टरों से सलाह ले सकते हैं। अब तक प्रदेश के 25 हजार से ज्यादा लोगों को इससे लाभ मिला है। बहराइच, हरदोई और मेरठ जनपद के लोग इसका इस्तेमाल करने में सबसे आगे हैं।