अब उचित दर की दुकान भी संभालेंगे स्वयं सहायता समूह



- आवंटन में समूहों को दी जायेगी वरीयता
- निरस्त की गयीं 2038 दुकानें हैं उपलब्ध

लखनऊ, 31 अगस्त-2020 - महिलाओं को घर बैठे रोजी- रोजगार मुहैया कराकर आत्मनिर्भर बनाने में जुटे स्वयं सहायता समूह अब सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत उचित मूल्य की दुकानों का भी संचालन करेंगे । सरकार ने इन दुकानों के आवंटन में स्वयं सहायता समूहों को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया है । इस समय प्रदेश में उचित दर की निरस्त 2038 दुकानें आवंटन के लिए उपलब्ध हैं, जिनके संचालन के लिए इन समूहों को प्राथमिकता दी जानी है ।

​इस सम्बन्ध में अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने उ.प्र. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के मिशन निदेशक को पत्र भेजा है । उन्होंने ग्राम्य विकास विभाग के अंतर्गत कार्यरत स्वयं सहायता समूहों जो प्रभावी रूप से संचालित हों और उचित दर की दुकान चलाने में सक्षम हों उनकी सूची और मोबाइल नंबर उपलब्ध कराने को कहा है । इसके साथ ही कहा गया है कि जिले के उपायुक्त (स्वतः रोजगार) जिला पूर्ति अधिकारी से संपर्क कर उचित दर की निरस्त दुकानों को समूहों को आवंटित कराये जाने के सम्बन्ध में प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करें ।  

​प्रमुख सचिव वीना कुमारी ने भी इस सम्बन्ध में आयुक्त- खाद्य एवं रसद विभाग, सभी जिलाधिकारी व समस्त जिला पूर्ति अधिकारी को पत्र भेजकर इस प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरी करने को कहा है । उनका कहना है कि शासनादेश के मुताबिक सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्र की उचित दर की दुकानों की रिक्ति, चिन्हांकन, आरक्षण और दुकान नियुक्ति के सम्बन्ध में प्रक्रिया का निर्धारण किया जा चुका है । इसमें प्रथम वरीयता स्वयं सहायता समूहों को मिलेगी और द्वितीय वरीयता मिट्टी तेल के उन फुटकर विक्रेताओं को दी जायेगी जिनके लाइसेंस निरस्त किये जा चुके हैं । एक ही दुकान के लिए एक से अधिक समूहों के आवेदन पर उस समूह को वरीयता मिलेगी जिनके सक्रिय सदस्यों की संख्या अधिक होगी ।

​दुकान के आवंटन में समूहों को अवसर दिए जाने की इस व्यवस्था के प्रचार-प्रसार, समूहों को उचित दर दुकान चलाने के लिए प्रोत्साहित करने, कार्यशील पूँजी की व्यवस्था करने और समय-समय पर दुकान के संचालन में आने वाली कठिनाइयों के निराकरण का दायित्व उपायुक्त (स्वतः रोजगार) उ.प्र. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन का होगा ।