डाक्टर की सलाह, योगा व भाप से थमती साँसों को मिली रफ़्तार - होम आइसोलेशन में पूर्व विधायक की हिम्मत के आगे कोरोना पस्त - प्लाज्मा डोनेट कर अब दूसरों की भी जिन्दगी बचाने को तैयार



- होम आइसोलेशन एप व आयुष कवच एप बने मददगार
- परिवार व जनता को सुरक्षित रखने के लिए बनाये रखी दूरी
- कोविड-19 के प्रोटोकाल का पालन करने की सभी से अपील

प्रतापगढ़, 07 सितम्बर ( आईएनआईएस )-  कोरोना को अपनी हिम्मत से घर में रहकर (होम आइसोलेशन) मात देने वाले जनपद के पूर्व विधायक बृजेश मिश्र “सौरभ” (इनसेट में ) की अब सभी से यही अपील है कि कोरोना से घबराने नहीं बल्कि सावधानी बरतने की सख्त जरूरत है । उनका कहना है कि – सभी को सुरक्षा मानकों का पालन करना चाहिए, उसके बाद भी अगर किसी कारणवश इसकी चपेट में आ जाते हैं और पहले से कोई गंभीर बीमारी नहीं है तो होम आइसोलेशन में रहकर और स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों का ईमानदारी से पालन करते हुए और हिम्मत बनाये रखते हुए कोरोना को हराया जा सकता है । कोरोना को परास्त कर अब वह प्लाज्मा डोनेट करने को भी सहर्ष तैयार हैं ताकि दूसरों की जिन्दगी बचाने के काम आ सकें ।

​कोरोना की रिपोर्ट के पाजिटिव से निगेटिव होने तक के अपने करीब 15 दिन के अनुभवों को साझा करते हुए 54 वर्षीय श्री सौरभ कहते हैं कि इस दौरान कई बार ऐसा लगा कि अब साँसें साथ छोड़ने वाली हैं किन्तु हिम्मत नहीं हारी और योग, प्राणायाम, भाप, गर्म पानी, काढ़ा और अपने आराध्य में ध्यान लगाने के साथ ही दवाओं का सेवन करते हुए उस पर विजय पायी । वह बताते हैं कि 19 अगस्त को क्षेत्रीय जनता के बीच था, उस दौरान कुछ बेचैनी सी महसूस हो रही थी । जीवन में कभी किसी के काम से झुंझलाहट नहीं होती थी किन्तु उस दिन स्वाभाव के विपरीत आचरण करते हुए अपने को पाया । गले में खराश, शरीर में दर्द और बुखार की आहट के बीच लोगों से मेल-मुलाकात को तत्काल विराम देकर सीधे जिला अस्पताल पहुँचा और जांच करायी तो रिपोर्ट पाजिटिव आई । रिपोर्ट को देखकर तत्काल थोडा विचलित हुआ किन्तु फिर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. ए.के. श्रीवास्तव के पूछने पर कि यहाँ भर्ती होंगे या बाहर कहीं इलाज कराएँगे के सवाल पर विचार किया और घर पर रहकर ही कोरोना को मात देने की ठान ली । परिवार और क्षेत्रीय जनता इसकी चपेट में न आये, इसलिए लखनऊ और गांव के घर न जाकर प्रतापगढ़ शहर के आवास पर आकर डाक्टर द्वारा दी गयीं दवाओं और जरूरी एप जैसे-होम आइसोलेशन एप व आयुष कवच एप डाऊनलोड किया । 19 और 20 अगस्त तो हल्का बुखार, खांसी और बदन दर्द के साथ बीत गए । 21 और 22 अगस्त को कोरोना ने साँसों पर कब्ज़ा जमाना शुरू कर दिया और तकलीफ बढ़ती गयी । 23 अगस्त की आपबीती बताते हुए वह अब भी थोडा सहम जाते हैं और कहते हैं यह वही रात थी जिसने मेरी हिम्मत के आगे हार मानकर नया जीवन दी । वह बताते हैं कि रात करीब दो-ढाई बजे ऐसा लगा कि जैसे अब साँसें उखड़ रहीं हैं, मुंह से आवाज भी नहीं निकल पा रही थी कि किसी को आवाज दूँ, हिम्मत कर कमरे की लाइट जलाई और बिस्तर पर बैठकर ही प्राणायाम, अनुलोम-विलोम, कपालभाती, उज्जायी, भ्रामरी प्राणायाम शुरू किया तो बिस्तर से उठने की शक्ति आई और इलेक्ट्रिक केतली में पानी गरम कर भाप लेना शुरू किया तो साँसों को थोड़ी गति मिली । इस दौरान अपने साथियों और डाक्टर की यह बात बराबर याद आ रही थी कि वायरस को गले से नीचे नहीं उतरने देना है, अगर फेफड़ों तक पहुँच गया तो खतरा बढ़ सकता है । उसी को ध्यान में रखते हुए बराबर भाप लेता रहा, गरम पानी का सेवन किया और काढ़ा पिया तो पांच घंटे बाद थोडा आराम मिला और नींद आई । अभी आँख खुली भी न थी कि सहायक ने आकर बताया कि सुरक्षाकर्मी और रसोइया की भी रिपोर्ट पाजिटिव आ गयी है । तत्काल उन लोगों के लिए अलग कमरे और दवा की व्यवस्था कर होम क्वेरेंटाइन कराया । कष्ट का यह दौर 25 अगस्त तक बना रहा । उसके बाद आराम मिलना शुरू हुआ । तीन दिन बाद बाद जाँच हुई तो रिपोर्ट निगेटिव आई तो राहत मिली । इसबीच पांच सितम्बर को जब तीसरी जांच रिपोर्ट निगेटिव आ गयी तो सीएमओ ने कह दिया कि अब आप पूरी तरह कोरोना वायरस को परास्त कर चुके हैं ।

मीडिया में खबर आने के बाद अपने और पराये हुए दूर : ​श्री सौरभ का कहना है कि कोरोना पाजिटिव होने की खबर मीडिया में दूसरे दिन प्रमुखता से आने के बाद अपने और पराये सभी ने एक दूरी बना ली । हालांकि इसको वह सुरक्षा के लिहाज से उचित ही मानते हैं ।

कोरोना से मौत की ख़बरें कर रहीं थीं विचलित : ​पूर्व विधायक का कहना है कि इस दौरान चैनलों पर कोरोना से मृत्यु की ख़बरें एकबारगी तो विचलित करतीं थीं किन्तु कुछ क्षणों के बाद मन को समझाता था कि जब जीवन में कभी हार नहीं मानीं तो इससे कैसे घबराना । ऐसे में वह अपने स्वर्गीय पिता जी की बातों को भी स्मरण करते थे कि वह जब मेरे हाथ की रेखाओं को देखते थे तो कहते थे- “ 80 से 90 वर्ष की उम्र देकर ईश्वर ने तुम्हें जनता की सेवा के लिए भेजा है ।” उनकी वह बातें भी ताकत देतीं थीं कि पिता की बातों को झूठी नहीं साबित होने देना है । इन्हीं ताकतों ने उन्हें नए जीवन के लिए तैयार होने में मदद कीं ।

जीवन में इनको अपनाएं-कोरोना से सुरक्षा पाएं:
- हाथों को साबुन-पानी से बार-बार अच्छी तरह से धुलें
- सार्वजानिक स्थलों पर दूसरे से दो गज दूर रहें
- बाहर निकलें तो मास्क जरूर लगायें
- नाक,मुंह और आँख को न छुएं
- खांसने, छींकने और थूकने के शिष्टाचार को समझें
- इधर-उधर पड़ी चीजों को अनावश्यक न छुएं
- ध्यान, योगा और प्राणायाम करें
- रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाये रखने के लिए पौष्टिक आहार लें
- बुजुर्ग, छोटे बच्चे व गर्भवती तभी बाहर निकलें जब बहुत जरूरी हो