उन्नाव - जनपद में प्रत्येक बुधवार व शनिवार को मनाया जाने वाला ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस (वीएचएनडी) अब छाया ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इस बारे में अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने परिवार कल्याण विभाग के महानिदेशक सहित राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक व प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों व मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र लिखकर इस बारे में निर्देश जारी किए हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सत्यप्रकाश ने बताया कि एएनएम, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के सहयोग से आयोजित होने वाला वीएचएनडीग्रामीण क्षेत्रों में जरूरतमंदों को घर के समीप ही निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से माह में एक बार आयोजित किया जाता है। हर माह के पहले बुधवार को स्वास्थ्य उपकेंद्र पर यह आयोजन किया जाता है। इसके अलावा अन्य आयोजन रोस्टर के अनुसार होते हैं।
साप्ताहिक गर्भनिरोधक गोली छाया एक नॉन हार्मोनल दवा है। महिलाओं के स्वास्थ्य पर इसका कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है। जनसंख्या स्थिरीकरण एवं परिवार नियोजन कार्यक्रम, टीकाकरण, पोषण एवं परिवार नियोजन के सभी साधनों के प्रति लोगों को जानकारी देकर उनके उपयोग पर बल देने के उद्देश्य से प्रत्येक बुधवार व शनिवार को मनाए जाने वाले वीएचएनडी में अब गर्भ निरोधक छाया गोली को जोड़ते हुए इसे छाया ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
परिवार कल्याण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. विवेक गुप्ता ने बताया- इस दिवस के माध्यम से गर्भवती का पंजीकरण, समय से प्रसवपूर्व जांच, गर्भवती एवं शून्य से पाँच वर्ष तक की आयु के बच्चों का टीकाकरण, किया जाता है। अल्प वजन के बच्चों,कुपोषित एवं अति कुपोषित बच्चों की पहचान के लिए उनका वजन लिया जाता है और चिन्हित अति कुपोषित बच्चों को रेफर किया जाता है।लक्षित दंपति को उनकी पसंद के अनुसार परिवार नियोजन के साधन उपलब्ध कराए जाते हैं और आवश्यक होने पर उच्च स्वास्थ्य केंद पर परिवार नियोजन के अन्य सेवाओं हेतु रेफर किया जाता है । दस से 19 साल तक की आयुवर्ग के किशोर-किशोरियों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें आवश्यकतानुसार कैल्शियम और आयरन की गोलियां दी जाती हैं।
इसके साथ ही एएनएम द्वारा गृह आधारित नवजात देखभाल(एचबीएनसी) का फालोअप भी किया जाता है। वीएचएनडी में गर्भावस्था के दौरान जोखिम के लक्षण को पहचानना, पौष्टिक आहार का सेवन सहित गर्भावस्था के दौरान देखभाल, संस्थागत प्रसव को प्रोत्साहन देने के लिए चलाई जा रही जननी सुरक्षा योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना , जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य को लेकर चलाये जा रहे जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम व प्रसव पश्चात देखभाल के बारे में जानकारी दी जाती है। इसके साथ ही नवजात की देखभाल, शीघ्र स्तनपान , छह माह तक बच्चे को केवल स्तनपान कराना, छह माह के बाद ऊपरी आहार शुरू करना, दो साल तक बच्चे को स्तनपान के साथ-साथ ऊपरी आहार देना, घर पर बच्चों में डायरिया के दौरान देखभाल एवं प्रबंधन, परिवार नियोजन संबंधी परामर्श, निमोनिया का प्रबंधन, एचआईवी एवं एड्स से बचाव, यौन संचारित रोगों से बचाव के साथ -साथ, साफ पीने के पानी के लाभ, बच्चों की शिक्षा, व्यक्तिगत साफ सफाई, सही उम्र में शादी के बारे में, वीएचएनडी पर आने वाले लोगों को जानकारी दी जाती है।
इस दिवस के माध्यम से गर्भवती, धात्री महिलाओं, बच्चों और किशोरियों में एनीमिया प्रबंधन, अति कुपोषित और मध्यम कुपोषित बच्चों की पहचान और रेफरल, बच्चों में दिव्यांगता की पहचान करना, उच्च खतरे की गर्भावस्था की पहचान करना, मलेरिया, क्षय , कुष्ठ और कालाजार के रोगियों की पहचान की जाती है। इसके अलावा वृद्धों और निराश्रितों की समस्या की पहचान की जाती है।