ईशा वालंटियर्स ने ‘मिट्टी बचाओ’ के संदेश को फैलाने के लिए निकाली साइकिल रैली



लखनऊ - ईशा वालंटियर्स ने रविवार को सुबह मिट्टी बचाओ के संदेश को फैलाने के लिए साइकिल रैली निकाली । सैकड़ों लोगों ने साइकिल से जनेश्वर मिश्र पार्क से लोहिया पार्क तक घूमते हुए एक गोल चक्कर पूरा किया। इस अभियान को पिछले महीने सद्गुरु ने मिट्टी को नष्ट होने से बचाने के लिए तुरंत कार्यवाही किए जाने हेतु शुरू किया था। इस मकसद के लिए नागरिकों का समर्थन जुटाना और राष्ट्रीय नीति में बदलाव लाना अभियान का लक्ष्य है। साइकिल सवार अपना चक्कर पूरा करने के बाद, जनेश्वर मिश्र पार्क में इकट्ठा हुए और सेव-सॉयल गीत पर नृत्य किया, और पार्क में सुबह घूमने वालों के बीच अभियान के बारे में जागरूकता फैलाई। वालंटियर्स ने मिट्टी के बारे में लोगों के सवालों के जवाब भी दिए और उन्हें अभियान का समर्थन करने को प्रेरित किया।

उत्तर प्रदेश ओलंपिक एसोसिएशन के उप सचिव आनंद पांडे ने हरी झंडी दिखाकर साइकिलथन की शुरुआत की और इस अभियान की आवश्यकता के महत्व पर बल दिया। अभियान को अपना समर्थन देते हुए, उन्होंने कहा, ‘मिट्टी जो हमारे भोजन का स्रोत है, वह अपना उपजाऊपन खो रही है और इसे पलटने के लिए अगर हम अभी कदम नहीं उठाते, तो भविष्य में हमारे पास कृषि योग्य भूमि नहीं बचेगी। अपने साइकिल सवार मित्रों के साथ, इस अभियान को समर्थन देने में मुझे खुशी हो रही है, और मिट्टी को बचाने हेतु लोगों को जागरूक करने के लिए, मैं साइकिल चलाने को सबसे कारगर माध्यमों में से एक मानता हूँ। हमने पानी और हवा को बचाने के बारे में सुना है, अब मिट्टी को बचाने का समय आ गया है।’ 

मरुस्थलीकरण से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (यूएनसीसीडी) के पार्टियों के सम्मेलन कॉप15 (COP15) के 15वें सत्र में सद्गुरु के आगामी मुख्य भाषण की पृष्ठभूमि में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था। वह 195 देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनीतिक नेताओं से मिट्टी बचाने के लिए अपने देशों में नीतिगत सुधारों को लागू करने का आग्रह करेंगे।

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) ने चेतावनी दी है कि मरुस्थलीकरण से वर्ष 2045 तक खाद्यान्न उत्पादन में 40 प्रतिशत तक गिरावट आ सकती है, जबकि दुनिया की जनसंख्या नौ अरब पार कर जाएगी। UNCCD के मुताबिक, अगर भूमि की दुर्दशा मौजूदा गति से जारी रहती है, तो वर्ष 2050 तक 90 प्रतिशत धरती रेगिस्तान में बदल सकती है, जो अब से तीन दशक से भी कम है।

फिलहाल सद्गुरु, मिट्टी को बचाने के अभियान के एक हिस्से के रूप में, यूरोप, मध्य एशिया, और मध्य पूर्व से होकर अकेले मोटरसाइकिल पर 100 दिन तक 30,000 किमी की यात्रा कर रहे हैं। मिट्टी को विलुप्त होने से बचाने हेतु तत्काल नीति-संचालित कार्यवाही के लिए, वे वैश्विक नेताओं, वैज्ञानिकों, पर्यावरण संस्थाओं, मृदा विशेषज्ञों और दूसरे साझेदारों से मिल रहे हैं।

मिट्टी बचाओ अभियान ने दुनिया भर में व्यापक समर्थन प्राप्त किया है, अज़रबैजान ने हाल ही में उन राष्ट्रों की बढ़ती सूची में शामिल हो गया हैं जिन्होंने नीतियों को लागू करने की प्रतिबद्धता के रूप में मिट्टी बचाओ अभियान के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किया हैं। सद्गुरु कल 9 मई और 10 मई को कॉप15 (COP15) को संबोधित करेंगे। कॉप15 में सदस्य देशों से ठोस कदम लेने के लिए प्ररित होने की उम्मीद की जाती है, जबकि तेजी से हो रही भूमि की दुर्गति को रोकने और पलटने के लिए धरती के पास समय घटता जा रहा है, जिससे वैश्विक मरुस्थलीकरण और मिट्टी का विनाश हो सकता है।