नियमित टीकाकरण के सफल संचालन के लिए माइक्रोप्लान का होना बेहद आवश्यक : सीएमओ



  • माइक्रोप्लान के अनुसार करें टीकाकरण सत्रों का आयोजन

लखनऊ - बच्चों व गर्भवती के नियमित टीकाकरण कार्यक्रम को सुदृढ़ करने और इसके माइक्रोप्लान को समय से तैयार कर टीकाकरण सत्रों का संचालन सफलतापूर्वक किया जा सकता है, जिससे जनपद में नियमित टीकाकरण की शत-प्रतिशत उपलब्धि हासिल की जा सके। इसके लिए जरूरी है आबादी के अनुसार संबन्धित क्षेत्र का सर्वे करना, आशा कार्यकर्ता द्वारा हेड काउंट सर्वे कर ड्यू लिस्ट तैयार करना, माइक्रोप्लान तैयार करना, कोल्ड चेन प्वाइंट की व्यवस्था को जाँचना, टीकाकरण सत्र के लिए वैक्सीन की पर्याप्त मात्रा की उपलब्धता सुनिश्चित करना एवं समुदाय को मोबिलाइज कर टीकाकरण सत्र का संचालन करना। यह बातें मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ मनोज अग्रवाल ने सोमवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में आयोजित नियमित टीकाकरण के माइक्रोप्लान के नवीनीकरण पर प्रशिक्षण कार्यशाला में कहीं।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि माइक्रोप्लान से जुड़ी जो भी दिक्कतें हैं उन्हें पूरी तरह से दूर किया जाए । सभी ग्रामीण व शहरी पीएचसी एवं सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी समस्त स्टाफ के साथ चर्चा करें। उन्होंने प्रशिक्षण में मौजूद सभी चिकित्सा अधिकारियों, एचईओ, बीपीएम और एआरओ से कार्यशाला में बताई गयी सभी जानकारी का उचित अनुपालन करने को कहा ।

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी (डीआईओ) डा. एम. के.  सिंह ने जनपद के सभी अधीक्षक, ब्लाक स्तरीय प्रभारी चिकित्साधिकारियों (एमओआईसी)/कोल्ड चेन इकाई प्रभारी, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी (एचईओ), एआरओ, ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर (बीपीएम) एवं कोल्ड चेन हैण्डलर को प्रशिक्षण दिया। उन्हें वर्ष 2022-23 के नियमित टीकाकरण के माइक्रोप्लान के नवीनीकरण के बारे में विस्तार से बताया । नियमित टीकाकरण, कोल्ड चेन प्वाइंट रख-रखाव, वैक्सीन की पर्याप्त उपलब्धता, ई-विन पोर्टल पर वैक्सीन की सूचना नियमित रूप से अपडेट करते रहने, टीकाकरण के प्रतिकूल प्रभावों आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होने बताया कि नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के तहत वर्ष 2022-23 के लिए शत-प्रतिशत उपलब्धि हासिल करने की योजना तैयार की गई है। मॉनिटरिंग का कार्य डब्ल्यूएचओ और यूनिसेफ द्वारा किया जाएगा।  
इस दौरान डब्ल्यूएचओ एसआरटीएल डा. पारूल एवं एसएमओ डॉ सुरभि त्रिपाठी ने माइक्रोप्लान को कैसे विकसित करें और टीकाकरण सत्र का आयोजन किस तरह से किया जाए, इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी। यूनीसेफ के क्षेत्रीय समन्वयक डा. संदीप शाही एवं डीएमसी डा. सुजीत सिंह ने सामुदायिक मोबिलाइज़ेशन और प्रतिभागिता एवं कम्युनिकेशन प्लान के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

कार्यशाला में उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. मिलिन्द वर्द्धन, जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी योगेश रघुवंशी,  जनपद के ग्रामीण एवं नगरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के अधीक्षक, कोल्ड चेन इकाई के प्रभारी, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी, एआरओ एवं अन्य अधिकारी व स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित रहे।