लखनऊ - नेशनल प्रोग्राम फॉर प्रीवेंशन एण्ड कंट्रोल ऑफ कैंसर, डायबिटीज, कार्डियोवस्कुलर डिजीज एंड स्ट्रोक के तहत स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में गैर सरकारी संगठन वात्सल्य और एचसीएल के सहयोग से शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (यूसीएचसी) अलीगंज में स्तन कैंसर स्क्रीनिंग शिविर का आयोजन किया गया । इसमें स्तन कैंसर की जांच के लिए “थर्मोलिटिक्सन्न्’ मशीन का उपयोग किया गया | शिविर का उद्घाटन लखनऊ उत्तर से विधायक डॉ. नीरज बोरा ने किया |
डा. बोरा ने कहा - आज की भागदौड़ वाली जिंदगी में हमें अपने खान-पान और स्वास्थ्य का विशेष ध्यान देने की जरूरत है | नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच करानी चाहिए | अब सीएचसी पर भी स्तन कैंसर की जांच नई तकनीक से हो सकेगी | इस मौके पर गैर संचारी रोग के नोडल अधिकारी डा. राजेन्द्र कुमार चौधरी ने कहा- महिलाओं में स्तन कैंसर सर्वाधिक देखा जाता है | जितनी जल्दी कैंसर का पता चल जाता है उसी के मुताबिक शत-प्रतिशत सफल इलाज होने की संभावना बढ़ जाती है |
स्तन में गांठ पड़ना, स्तन में दर्द एवं खुजली होना, स्तन की त्वचा में गड्ढे पड़ना, त्वचा पर नारंगी रंग के चकत्ते पड़ना आदि स्तन कैंसर के प्रमुख लक्षण हैं | समय-समय पर स्तनों की खुद से जांच कर स्तन कैंसर से बच सकते हैं | अल्ट्रासाउंड या मैमोग्राम के द्वारा इस बीमारी का पता लगाया जाता है |
कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ विभोर महेंद्रू ने बताया कि वात्सल्य ने अलीगंज सीएचसी को ‘‘थर्मोलिटिक्सन्न्’’ के रूप में तकनीक दी है, जो टेंडरपाम अस्पताल, लखनऊ द्वारा प्रदान की गई है | यह एक नई स्क्रीनिंग तकनीक है। इससे ब्रेस्ट कैंसर का जल्द पता लगाने में काफी मदद मिलेगी जिससे शुरुआती दौर में पूरी तरह से इलाज किया जा सकता है।
स्वास्थ्य शिविर में रक्तचाप, मधुमेह की जांच और स्तन कैंसर की जांच के साथ ही इसके बारे में लोगों को जागरूक किया गया | इस अवसर पर वात्सल्य से डॉ. नीलम सिंह, सीएचसी अलीगंज की चिकित्सा अधीक्षिका डॉ अनामिका गुप्ता, एचसीएल फाउंडेशन से विनीत सिंह, सीएचसी का स्टाफ और बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे |