सास-बहू सम्मेलन में बताये गए छोटे परिवार के बड़े फायदे, 47652 ने लिया भाग



  • जनपद के विभिन्न स्थानों पर हुए  2885 सास-बेटा -बहू सम्मेलन

बाराबंकी - छोटे परिवार के बड़े फायदे को समझाने के लिए जनपद में सोमवार को सास-बेटा-बहू सम्मेलन आयोजन किया गया। आशा और एएनएम द्वारा समुदाय के हित को ध्यान में रखते हुए सम्मेलन  को आशावार उपकेन्द्र अथवा ग्राम सभावार उपकेन्द्र पर 2885 सम्मेलन का आयोजित हुआ। इसमें 47652 लोगों ने प्रतिभाग किया। इसके अलावा परिवार नियोजन के लाभार्थियों को जागरूक कर आस्थाई साधन भी वितरित किया। इन सम्मेलनों का मुख्य उद्देश्य सास बेटा एवं बहू को एक साथ, एक मंच पर लाकर परिवार नियोजन के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं परिवार नियोजन के नोडल अधिकारी डा संजय बाबू ने बताया कि परिवार नियोजन की जब बात होती है, तब महिलाओं को ही उसकी जिम्मेदारी सौंप दी जाती है l मतलब आज भी अगर किसी भी महिला को बच्चे न हों और बच्चे अधिक हो जाएं सबकी जिम्मेदारी महिला की होती है, जबकि पति पत्नी दोनों ही बराबर के भागीदार हैं। यह सम्मेलन बीस जून से दो जुलाई के बीच स्वास्थ्य उप केन्द्र स्तर पर समुदाय के बीच आयोजित किए गया। हर सम्मेलन में प्रतिभाग किया।

नोडल अधिकारी ने बताया कि सास-बेटा-बहू सम्मेलन का उद्देश्य सास और बहू के मध्य समन्वय और संवाद को उनके पारस्परिक अनुभवों के आधार पर रूचिकर खेलों और गतिविधियों के माध्यम से बेहतर किया जा सके । जिससे वह प्रजनन स्वास्थ्य के प्रति अपनी अवधारणों, व्यवहार व विश्वास में बदलाव ला सकें। उन्होने बताया यह देखा जाता है कि परिवार में लगभग सभी निर्णय में पुरुषों या घर के बुजुर्गों की सहमति सर्वोपरि होती है। इसलिए सम्मेलन के दौरान पुरुष सहभागिता कराने के उद्देश्य से भी सास, बेटा-बहू सम्मेलन आयोजित किए जा रहे हैं।

परिवार नियोजन में जिले की स्थिति: जिला फैमिली प्लानिंग लॉजिस्टिक मैनेजर इमरान ने बताया कि  वित्तीय वर्ष 2021-22 में पुरुष नसबंदी 35, महिला नसबंदी 4604, आईयूसीडी 15750, पीपीआईयूसीडी 10211, त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन 9447, ओसीपी 64936, कंडोम 873113, छाया 35178 और ईसीपी 34759 के लाभार्थी जिले में परिवार नियोजन सेवा प्राप्त करने के लिए आगे आए हैं । जिले के सभी ब्लॉको के विभिन्न स्थानों पर 2885 सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें कुल 47652 सास- बेटा-बहू ने प्रतिभाग किया।

परिवार नियोजन विशेषज्ञ जुबेर अंसारी ने बताया कि गर्भ निरोधक साधनों को अपनाने पर लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए मिशन परिवार विकास की ओर से प्रोत्साहन राशि दी जाती है। पुरूष नसबंदी पर 3000 तथा महिला नसबंदी पर 2000 रूपये लाभार्थी को दिए जाते हैं । प्रसव के सात  दिन के अंदर नसबंदी कराने पर  महिला को 3000 तथा प्रसव के 48 घंटे के भीतर  पीपीआईयूसडी लगवाने पर महिला को 300 रूपये मिलते हैं। अंतरा इंजेक्शन लगवाने पर लाभार्थी को 100 रूपये दिए जाते हैं।

उन्होने बताया कि  सास-बेटा-बहू सम्मेलन हेतु निर्धारित गतिविधियों के आयोजन की तैयारी केंद्र की एएनएम एवं आशा द्वारा संयुक्त रूप से ब्लॉक प्रभारी चिकित्सा अधिकारी के दिशा निर्देशन में आयोजित हुई। इस सम्मेलन में परिवार नियोजन संबंधी जानकारी भी दी गयी व प्रश्नोत्तरी के माध्यम से कुछ सवाल जबाब भी किये।

इनको किया गया आमंत्रित:

-पिछले एक वर्ष के दौरान नव विवाहित दंपत्ति

-एक वर्ष के अंदर उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिला

-ऐसे दंपत्ति जिन्होंने परिवर नियोजन का कोई साधन नहीं अपनाया

-ऐसे दंपत्ति जिनके तीन या तीन से अधिक बच्चे हैं

-आदर्श दंपत्ति, जिनका विवाह से दो वर्ष के बाद पहला बच्चा हुआ। जिनके पहले बच्चे से दूसरे बच्चे में कम से कम तीन वर्ष का अंतराल हो