वैक्‍सीन की गुणवत्‍ता बनाए रखने के साथ बर्बादी भी रोकते हैं सुशील



  • जिला वैक्‍सीन मैनेजर सुशील मौर्या की बहुमुखी प्रतिभा के सभी हैं कायल
  • निरन्‍तर रहती है जिले के 10 कोल्‍ड चेन प्‍वाइण्‍ट के तापमान पर नजर

संतकबीरनगर - बीमारियों से जनसामान्‍य को बचाने वाली वैक्‍सीन की गुणवत्‍ता को बनाए रखने के लिए वह  जिले के 10 कोल्‍ड चेन प्‍वाइंट ( जहां वैक्‍सीन रखी जाती है ) पर उनकी निरन्‍तर नजर रहती है। वह वैक्‍सीन की गुणवत्‍ता बनाए रखने के साथ ही उसकी बर्बादी को रोकने के लिए भी निरन्‍तर प्रयत्‍नशील रहते हैं। हम बात कर रहे हैं यूएनडीपी संस्था से जुड़े ड्रिस्ट्रिक्ट वैक्सीन कोल्ड चेन मैनेजर सुशील कुमार मौर्या की जो दिसम्‍बर 2015 से ही जिले की वैक्‍सीन नियन्‍त्रण प्रणाली को देख रहे हैं।

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ एस रहमान बताते हैं कि खतरनाक बीमारियों से बचाव के लिए बच्‍चों, महिलाओं के साथ ही हर आयु वर्ग के लोगों को वैक्‍सीन लगाई जाती है। इसमें खतरनाक बीमारी हेपेटाइटिस बी, पोलियो, रोटावायरस, जापानी इंसेफेलाइटिस के साथ ही कोविड – 19 की वैक्‍सीन भी शामिल है। वैक्‍सीन तकरीबन 13 तरह की होती है। इन्‍हे 2 से लेकर 8 डिग्री सेल्सियस के बीच रखा जाता है तभी इनकी गुणवत्‍ता बनी रहती है। इसी को मेण्‍टेन करना सबसे बड़ी चुनौती है। इस चुनौती को सुशील बखूबी देखते हैं। सीएमओ डॉ इन्‍द्र विजय विश्‍वकर्मा बताते हैं कि वैक्‍सीन मैनेजमेण्‍ट के साथ ही कोविन पोर्टल पर सुशील की अच्‍छी पकड़ के चलते ही कोविड वैक्‍सीनेशन में सफल परिणाम मिले हैं। किस आईएलआर में कितनी वैक्‍सीन है तथा उनकी इक्‍सपायरी डेट क्‍या है, इसकी भी जानकारी उनके पास मिल जाती है।  

अधिकारियों का मिलता है निरन्‍तर सहयोग – सुशील

सुशील बताते हैं कि उनको जिले के मुख्‍य चिकित्‍सा अधि‍कारी, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी का निरन्‍तर सहयोग मिलता रहता है। गत 29 अप्रैल को ही जिला वैक्‍सीन स्‍टोर की पावर सप्‍लाई जल गयी थी। सीएमओ से बात की गयी तो उन्‍होने तुरन्‍त ही इसे ठीक कराया। जिससे वैक्‍सीन खराब होने से बच गयी। पारिवारिक दायित्यों का विशेष अवरोध नहीं होता है, जिसके चलते चुनौतियों के साथ वे बखूबी निबटते हैं।

कोल्‍ड चेन हैंण्‍डलर्स व अधिकारी भी करते हैं तारीफ : सुशील अधिकारियों के साथ ही जिले के कोल्‍ड चेन हैण्‍डलर में भी लोकप्रिय हैं। सीएचसी खलीलाबाद के अधीक्षक डॉ आर एस यादव कहते हैं कि कभी अगर कोल्‍ड चेन का तापमान गिरता है तो तुरन्‍त उनका फोन सीएचसी खलीलाबाद स्थित कोल्‍ड चेन हैंडलर के पास पहुंच जाता है। विषम परिस्थितियों में वह मौके पर पहुंच भी जाते हैं। सांथा में कोल्‍ड चेन के हैण्‍डलर बृजेश कुमार प्रजापति बताते हैं कि वह निरन्‍तर कोल्‍ड चेन पर नजर रखते हैं, तकनीकी व वैक्‍सीन मैनेजमेण्‍ट के बारे में उन्‍हें बेहतर जानकारी  है।उनके बेहतर प्रशिक्षण का ही नतीजा है कि कोल्‍ड चेन अच्‍छी तरह से काम करता है।

और बचा ली 7 लाख की वैक्‍सीन : सीएचसी पौली के कोल्‍ड चेन में ग‍त फरवरी माह में अचानक बिजली खराब हो गई। इसके चलते आईएलआर का तापमान धीरे धीरे बढ़ने लगा। जब जिला वैक्‍सीन मैनेजर ने अपने ऐप में देखा तो उन्‍हें तापमान बढ़ा दिखाई मिला। इसके बाद उन्‍होने तुरन्‍त ही वहां के चिकित्‍सा प्रभारी व कोल्‍ड चेन हैंडलर से बात की तो पता चला कि बिजली खराब हो गई है। जनरेटर की व्‍यवस्‍था हो नहीं पाई तो तुरन्‍त ही आईएलआर की तकरीबन 7 लाख की वैक्‍सीन को कंडीशनिंग आइस पैक में शिफ्ट करवाया और केन्‍द्र पर जेनरेटर की व्‍यवस्‍था देर रात करवाई।

वैक्‍सीन व पोर्टल मैनेजमेंट के लिए हुए सम्‍मानित : सुशील को कोविड काल के दौरान वैक्‍सीन तथा कोविन पोर्टल के बेहतर मैनेजमेण्‍ट के लिए स्‍वास्‍थ्‍य विभाग द्वारा गत 23 मई को लखनऊ में सम्‍मानित भी किया गया। इसके साथ ही जनपदीय वैक्‍सीन स्‍टोर के कोल्‍ड चेन हैंडलर बृजेश को भी सम्‍मानित किया गया।