- जिले में 20 जुलाई को मनेगा राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस
- कृमि मुक्ति अभियान की तैयारियों को लेकर हुआ जनपद स्तरीय वर्चुअल उन्मुखीकरण
कानपुर - कृमि मुक्ति के लिए दवा सेवन कराने से बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। स्वास्थ्य और पोषण में सुधार होता है। एनीमिया को नियंत्रित किया जा सकता है। जनपद में 20 जुलाई को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जाएगा। इस अभियान में जनपद के 17.94 लाख एक से 19 साल के बालक-बालिकाओं को कृमि से मुक्ति (पेट के कीड़े निकालने) के लिए एल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जाएगी। इसके लिये मुख्य चिकित्सा अधिकारी की अध्यक्षता में शुक्रवार को सम्बंधित विभागों के अधिकारियों जनपद स्तरीय वर्चुअल उन्मुखीकरण किया गया।
नोडल आधिकारी/एसीएमओ डा.अरविन्द भूषण ने बताया कि जनपद में 20 जुलाई कोचिन्हित स्कूल-कॉलेज और आंगनबाड़ी केंद्रों में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान के तहत एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जाएगी। इसके बाद 25 से 27 जुलाई तक मॉपअप चरण आयोजित होंगे। 17 लाख 94 हज़ार 202 बालक-बालिकाओं को दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है।
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम/राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके/आरकेएसके) के डीईआईसी मैनेजर अजीत सिंह ने बताया कि एक से पांच साल तक के सभी पंजीकृत बच्चों को, छह से 19 साल तक के स्कूल न जाने वाले सभी बालक-बालिकाओं एवं ईंट-भट्ठों पर कार्य करने वाले श्रमिक व घुमंतू लाभार्थियों को आंगनबाड़ी केंद्र पर दवा खिलाई जाएगी। जबकि छह से 19 साल तक के सभी छात्र-छात्राओं को सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त, प्राइवेट स्कूलों, मदरसों में शिक्षकों के माध्यम से दवा खिलाई जाएगी।
एविडेंस एक्शन के प्रतिनिधि योगेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि बच्चों को निर्धारित डोज के अनुसार दवा दी जाएगी। इसमें एक से दे वर्ष को बच्चों के अल्बेंडाजोल 400 एमजी टैबलेट को आधा कर उसका चूरा पानी के साथ खिलाना है। दो से तीन वर्ष के बच्चों को अल्बेंडाजोल 400 एमजी का एक टैबलेट चूर्ण कर पानी के साथ खिलाना है। इसके साथ ही तीन से 19 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों और किशोरों को एक पूरा टैबलेट चबाकर खिलाना है। इसके बाद ही पानी का सेवन करना है।
कृमि संक्रमण के लक्षण :
- गंभीर कृमि संक्रमण से कई लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं जैसे दस्त, पेट में दर्द, कमजोरी, उल्टी और भूख न लगना
- बच्चे के पेट में कीड़े की मात्रा जितनी अधिक होगी, संक्रमित व्यक्ति के लक्षण उतने ही अधिक होंगे
- हल्के संक्रमण वाले बच्चों में आमतौर पर कोई लक्षण नहीं दिखते हैं
कृमि मुक्ति के फायदे :
- स्वास्थ्य और पोषण में सुधार
- रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि
- एनीमिया नियंत्रण
- सीखने की क्षमता और कक्षा में उपस्थिति में सुधार