- डीएम, सीडीओ, डीपीओ, सीएमओ सहित अन्य अधिकारियों ने गोद लिए तीन-तीन आंगनबाड़ी केंद्र
- उद्देश्य - बच्चों को कुपोषण मुक्त करना, अर्ली चाइल्ड शिक्षा स्तर में सुधार लाना और आधारभूत सुविधाओं का सुदृढ़ीकरण
- विकसित करने की समयावधि छह माह, इसके बाद मिलेगा ‘आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र’ का प्रमाण पत्र
कानपुर नगर - बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के तहत संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों के सुदृढ़ीकरण के लिए सरकार पूरा ज़ोर दे रही है। इसी कड़ी में जिले के हर ब्लाक में आंगनबाड़ी केंद्रों को ‘आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र’ बनाने की योजना तैयार की गई है। योजना के तहत अधिकारियों की मदद से केंद्रों पर कुर्सियां, मेज, खिलौने, वजन मशीन आदि की व्यवस्था की जाएगी।
जिला कार्यक्रम अधिकारी दुर्गेश प्रताप सिंह ने कहा कि जनपद में 2134 आंगनबाड़ी केन्द्र हैं इसके तहत पहले चरण में जिले के 139 आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद लेकर वहाँ पंजीकृत बच्चों को कुपोषण मुक्त करने के साथ केंद्रों को आधुनिक बनाया जाएगा। ‘आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र’ योजना का मुख्य उद्देश्य बच्चों को कुपोषण मुक्त करना, साथ ही आंगनबाड़ी केन्द्रों में पंजीकृत तीन से छह वर्ष के बच्चों के लिए अर्ली चाइल्ड केयर एजुकेशन (ईसीसीई) स्तर में सुधार लाना एवं आधारभूत सुविधाओं का सुदृढ़ीकरण करना है। उन्होने बताया कि पहले चरण में 36 अधिकारियों द्वारा 105 और 13 जनप्रतिनिधियों द्वारा 34 आंगनबाड़ी केन्द्रों को गोद लिया गया है।
इस क्रम में जिलाधिकारी विशाख जी ने कल्याणपुर ब्लॉक के तीन आंगनबाड़ी केन्द्रों को गोद लिया है। मुख्य विकास अधिकारी डॉ महेंद्र कुमार ने कल्याणपुर ब्लॉक के ही दो आंगनबाड़ी केन्द्रों और जिला प्रोबेशन अधिकारी जयदीप कल्याणपुर ब्लॉक के तीन आंगनबाड़ी केन्द्रों को ,जिला कार्यक्रम अधिकारी दुर्गेश प्रताप सिंह ने ब्लॉक बिधनू के तीन आंगनबाड़ी केन्द्रों को और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ नैपाल सिंह ने ब्लॉक सरसौल के तीन आंगनबाड़ी केन्द्रों को गोद लिया है।
छह माह में करना है विकसित : डीपीओ ने बताया कि गोद लिए गए आंगनबाड़ी केन्द्रों को छह माह की समयावधि (30 सितम्बर 2022) तक विकसित किए जाने के लिए शासन की ओर से दिशा – निर्देश दिये गए हैं। अधिकारी गोद लिए गए केन्द्रों का निरीक्षण हर माह विभिन्न बिन्दुओं पर करेंगे। इन केन्द्रों पर अधिकारियों की ओर से आधारभूत सुविधाएं जैसे स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था, बाल मैत्री शौचालय की उपलब्धता, आंगनबाड़ी केन्द्रों पर विद्युतीकरण, पोषण वाटिका, रंगाई-पुताई, भवन की भौतिक स्थिति, ग्रोथ मॉनिटरिंग डिवाइस की उपलब्धता, स्मार्ट फोन की उपलब्धता, बच्चों के बैठने के कुर्सी-मेज, खिलौने व अन्य सामाग्री उपलब्ध कराई जाएंगी। उन्होने कहा कि गोद लिए गए केन्द्रों को तय अवधि में उक्त मानकों की पूर्ति होने पर जिला पोषण समिति ‘आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र’ घोषित कर प्रमाण पत्र देगी।