- जिले में 2.51 लाख बच्चों को दी जाएगी विटामिन ए की डोज
- विटामिन की खुराक देने के लिए लगाए जाएंगे 2070 सत्र
संतकबीरनगर - मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अनिरुद्ध कुमार सिंह ने कहा कि विटामिन ए वसा में घुलनशील विटामिन है। यह बच्चों को रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करता है। यह बच्चों को कोविड – 19 से बचाव के लिए भी लाभकारी है। आगामी तीन अगस्त से जिले में बिटामिन ए सम्पूर्णन कार्यक्रम चलाया जाएगा । इसके तहत नौ माह से पांच वर्ष तक के 2.51 लाख बच्चों को आच्छादित किया जाएगा। बच्चों को बिटामिन ए की खुराक देने के लिए डिस्पोजेबल चम्मच का ही प्रयोग करें। विटामिन ए की खुराक देने के लिए कुल 2070 सत्रों का आयोजन किया जाएगा।
यह बातें उन्होने बाल स्वास्थ्य पोषण माह विटामिन ए सम्पूर्णन कार्यक्रम के तहत आयोजित अर्न्तर्विभागीय समन्वय समिति की बैठक के दौरान कहीं। उन्होने आगे कहा कि बाल स्वास्थ्य पोषण माह के तहत बच्चों को बिटामिन ए की खुराक दी जाती है। सीएनएनएस ( 2016 −18) की रिपोर्ट के अनुसार एक से चार वर्ष के 16.9 प्रतिशत बच्चे विटामिन ए की कमी से ग्रसित हैं। इसलिए हर बच्चे को विटामिन ए की कुल नौ खुराक दिए जाने का प्रावधान है। यह खुराक छाया ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस (वीएचएनडी) सत्र के दौरान दी जाएगी। कोविड को देखते हुए विटामिन ए देने के दौरान आशा कार्यकर्ता को इस बात का ध्यान देना होगा कि सत्र पर एक समय में 10 से अधिक बच्चे एकत्र न हों। किसी को भी बुखार या खांसी तथा सांस लेने में तकलीफ हो तो वह सत्र पर न आए। वहीं हर ब्लॉक में 20 सत्रों का चिकित्सा अधिकारियों के द्वारा अनुश्रवण भी किया जाएगा। जनपद में दिसम्बर 2021 में चलाए गए अभियान के दौरान जिले की उपलब्धि 95.65 प्रतिशत रही है। इस बात को ध्यान देने की आवश्यकता है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सभी विभाग तत्पर रहें ।
इस अवसर पर एसीएमओ डॉ मोहन झा, जिला कार्यक्रम अधिकारी विजयश्री, जिला कार्यक्रम प्रबन्धक विनीत श्रीवास्तव, जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ आर पी मौर्या , सीडीपीओ राधा कृष्ण त्रिपाठी, गरिमा पाण्डेय, अनुज, वीरेन्द्र तिवारी के साथ ही साथ सभी ब्लॉक के बीसीपीएम, बीपीएम, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी तथा अन्य संबंधित लोग मौजूद रहे।
यह होगी विटामिन ए की डोज : जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ एस रहमान ने बताया कि विटामिन ए की खुराक जिले के नौ माह से पांच साल तक के बच्चों को दी जाएगी। इनमें से नौ माह से 12 माह तक के 15 हजार बच्चे हैं, इन्हें आधा चम्मच अर्थात एक मिली लीटर घोल दिया जाएगा। जबकि एक से दो वर्ष के कुल 56000 बच्चे हैं, जिन्हें दो एमएल अर्थात एक चम्मच बिटामिन का घोल दिया जाएगा। वहीं दो वर्ष से पांच वर्ष तक के कुल 1.8 लाख बच्चे हैं, जिन्हें एक पूरा चम्मच अर्थात 2 एमएल का घोल दिया जाएगा।
विटामिन ए से होता है यह लाभ : बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. आर. पी. राय ने बताया कि विटामिन ए से बच्चों में रोगों से लड़ने की क्षमता में वृद्धि होती है, रतौंधी रोग से बचाव होता है, कुपोषण से बचाव होता है। मानसिक दिव्यांगता में कमी आती है। एक साल में दो बार विटामिन ए की खुराक लेने से सभी कारणों से होने वाली मृत्यु में 23 प्रतिशत कमी, खसरे के कारण होने वाली मृत्यु में 50 प्रतिशत कमी तथा अतिसार रोग के कारण होने वाली मृत्यु में 33 प्रतिशत की कमी आती है।