- मंत्री कपिल देव अग्रवाल की अध्यक्षता में हुई बैठक
- ड्रोन टेक्नोलॉजी, सिविल एबीऐशन, हॉस्पिटैलिटी, तथा रिन्यूएबल एनर्जी जैसे नए उभर रहे क्षेत्रों में अधिकाधिक लोगों को प्रशिक्षण करने हेतु प्रोत्साहित
लखनऊ - प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन कार्यालय के मुख्य सभागार में प्रशिक्षण प्रदाताओं के साथ विभागीय कार्यों की प्रगति की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। उन्होंने कहा कि प्रारम्भ से ही कौशल विकास पर प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री द्वारा बहुत बल दिया जा रहा है। कौशल विकास के सम्बन्ध में उत्तर प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता को व्यक्त करते हुए उन्होने प्रशिक्षण प्रदाताओं से अपील की कि वे अपने व्यवसायिक हितों से आगे बढकर सोचे और कौशल विकास मिशन की तरक्की में अधिकाधिक योगदान दें। उन्होंने ड्रोन टेक्नोलॉजी, सिविल एबीऐशन, हॉस्पिटैलिटी, तथा रिन्यूएबल एनर्जी जैसे नए उभर रहे क्षेत्रों में अधिकाधिक लोगों को प्रशिक्षण कराने हेतु प्रोत्साहित भी किया।
इस दौरान कौशल विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने स्कूल स्तर पर ही कौशल विकास प्रशिक्षण प्रारम्भ करने की नीति के बारे में जानकारी देते हुए माध्यमिक शिक्षा विभाग से इस सम्बन्ध में किये गये अनुबन्ध की जानकारी भी दी एवं सरकार द्वारा आगामी स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में हर घर झंडा कार्यक्रम में बढ़ चढकर हिस्सा लेने हेतु अनुरोध किया गया ।
विभाग के प्रमुख सचिव सुभाष चंद शर्मा ने समस्त प्रशिक्षण प्रदाताओं से कहा कि कोरोना वायरस के कारण कार्य की गति बाधित हुई है, अब उनको नए जोश के साथ नए केंद्र बनाने व नए बैच बनाने पर ध्यान देना चाहिए और अधिकाधिक कार्य शुरू करना चाहिए।
बैठक के प्रारंभिक उद्बोधन में उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के मिशन निदेशक आंद्रा वामसी ने समस्त उपस्थित प्रशिक्षण प्रदाताओं को संबोधित करते हुए जानकारी दी कि मिशन के कार्यों में जनपद स्तर पर अधिक गुणवत्ता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मुख्य विकास अधिकारियों को ऑनलाइन तथा ऑफलाइन प्रक्रियाओं का हिस्सा बनाया गया है। वर्तमान में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित जिला कौशल समिति की संस्तुतियों के आधार पर ही मुख्यालय से विभिन्न सेक्टरों में लक्ष्य आवंटन किया जा रहा है। यह भी स्पष्ट किया गया कि गुणवत्ता सूनिश्चित करने के उद्देश्य से जिन संस्थाओं का परफॉरमेंस पिछले वित्तीय वर्ष में 40 प्रतिशत से कम है, उनको मिशन मुख्यालय से कोई लक्ष्य आवंटन नही किया गया है। प्रशिक्षण प्रदाताओं को ट्रेनिंग के पश्चात युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए अधिकाधिक प्रयास करने पर भी जोर दिया जाय। इच्छुक व पात्र लाभार्थियों के मोबालाईजेशन हेतु अधिकाधिक प्रचार-प्रसार करने के उद्देश्य से प्रति जनपद रू0 03.00 लाख की धनराशि उपलब्ध कराये जाने के बारे में भी उनके द्वारा जानकारी दी गयी।
कार्यक्रम में विभिन्न प्रशिक्षण प्रदाताओं द्वारा अपने सुझावों व क्षेत्र में प्रशिक्षण के दौरान आने वाली समस्याओं से मिशन के अधिकारियों तथा व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) को अवगत कराया गया जिसके यथासंभव समाधान भी मिशन के अधिकारियों द्वारा सुझायें गये।
मिशन निदेशक द्वारा प्रशिक्षण प्रदाताओं को यह भी स्पष्ट किया गया कि अच्छी परफॉर्मेंस करने वाले प्रशिक्षण प्रदाताओं को आने वाले समय में प्रोत्साहित किया जाएगा तथा जो लोग गंभीरता से प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित नहीं कर रहे हैं उनको हटाया जाएगा तथा उनकी बैंक गारण्टी भी जब्त की जाएगी।
कार्यक्रम का संचालन उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के उपनिदेशक राम आसरे सिंह द्वारा किया गया। सहायक निदेशक राजीव कुमार यादव तथा एस0के0सिंह सहित मिशन के अधिकारियों द्वारा बैठक के प्रबन्धन में विशेष योगदान किया गया।