- फ्रंटलाइन वर्कर्स को दें परिवार के लोगों के बारे में सही सूचनाएं
- क्षय रोग के लक्षण हों तो छिपाएं नहीं, बताएं और कराएं जांच
संतकबीरनगर - मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अनिरुद्ध सिंह ने बताया कि विशेष संचारी रोग नियन्त्रण माह के दौरान चलाए जा रहे दस्तक पखवाड़े में अभी तक चार क्षय रोगी खोजे गए हैं। इन सभी क्षय रोगियों को इलाज के साथ ही साथ अन्य सुविधाएं भी दी जा रही हैं। किसी भी व्यक्ति के अन्दर क्षय रोग के लक्षण हों तो वह छिपाएं नहीं बल्कि बताएं और जांच कराएं, ताकि समय पर पता लगने पर क्षय रोग का बेहतर इलाज हो और समाज को क्षयमुक्त करने में मदद मिले।
सीएमओ ने बताया कि वर्ष 2025 तक भारत से क्षय रोग को जड़ से समाप्त करने के लिए भारत सरकार पूरी तरह से संकल्पित है। इसके लिए समय – समय पर क्षय रोगी खोजी अभियान चलाए जा रहे हैं। विशेष संचारी रोग नियन्त्रण माह में फ्रंटलाइन वर्कर्स गत 16 जुलाई से घर घर दस्तक दे रहे हैं। इस दौरान क्षय रोगियों की भी खोज की जा रही है। अभियान के दौरान 24 संभावित क्षय रोगियों की खोज की गयी। इनके सैम्पल की जांच की गयी तो 4 लोगों के अन्दर क्षय रोग की पुष्टि हुई है। इन क्षय रोगियों के इलाज के साथ ही उन्हें निक्षय पोषण योजना के तहत 500 रुपए पोषण भत्ते के रुप में देने की प्रक्रिया शुरु कर दी गयी है।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ एस डी ओझा ने बताया कि संभावित क्षय रोगियों के सैम्पल लेने के बाद यदि व्यक्ति में रोग की पुष्टि होती है तो टीम को 600 रुपये की प्रोत्साहन राशि भी की भी व्यवस्था है। अभियान 31 जुलाई तक चलेगा इसलिए फ्रंटलाइन वर्कर्स अधिक से अधिक क्षय रोगियों को खोजकर समाज को क्षयमुक्त बनाने में अपना योगदान अवश्य दें।
यह लक्षण हों तो कराएं जांच – डीटीओ
जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि यदि किसी व्यक्ति को दो सप्ताह से अधिक समय तक खांसी रहे , बुखार रहता हो तथा शाम को बढ़ जाता हो, सीने में दर्द हो, खांसी के साथ खून आए, भूख न लगे, वजन घटता हो यह टीबी के लक्षण हैं। यदि किसी भी व्यक्ति के अन्दर क्षय रोग के यह लक्षण दिखाइ दें तो उनकी जांच कराएं। जनपद में टीबी की जांच के लिए ट्रूनाट व एक सीबीनाट मशीन है।
टीबी प्रिवेंटिव थैरेपी का करेंगे प्रयोग – अमित आनन्द
राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के जिला कार्यक्रम समन्वयक अमित आनन्द ने बताया कि जो भी क्षय रोगी खोजे गए हैं उनके परिवार के लोगों के भी सैम्पल लिए गए हैं कि उनके अन्दर भी कहीं क्षय रोग का प्रसार तो नहीं हो गया है। अगर परिवार के किसी और के अन्दर क्षय रोग पाया जाएगा तो उसका उपचार किया जाएगा अन्यथा घर के लोगों को टीपीटी ( टीबी प्रिवेंटिव थैरेपी ) के तहत दवाएं दी जाएंगी। खोजे गए क्षय रोगियों का इलाज शुरु कर दिया गया है।
निरन्तर कर रहे क्षय रोगियों की तलाश : मेंहदावल क्षेत्र के एक गांव की आशा कार्यकर्ता आशा देवी बताती हैं कि घर घर दस्तक के दौरान घर के लोगों से क्षय रोग के लक्षण वाले लोगों के बारे में पूछते हैं। इस दौरान तीन ऐसे लोग मिले जिनमें क्षय रोग के लक्षण थे। इन तीनों लोगों के सैम्पल लेकर जांच के लिए भेजा गया, इनमें से एक महिला के अन्दर क्षय रोग की पुष्टि हुई है।
परिजन बरत रहे हैं एहतियात : मेंहदावल ब्लाक के एक गांव की निवासी 45 वर्षीय क्षय रोगी निर्मला देवी जिनके अन्दर क्षय रोग की पुष्टि हुई है वह दिव्यांग हैं। उनके परिजन दवा लेकर उनका इलाज शुरु करा दिए हैं। उन्हें भावनात्मक सहयोग प्रदान कर रहे हैं। उनके परिजन बताते हैं कि क्षय रोग विभाग के निर्देशानुसार ही उनका इलाज कराया जाएगा।