तीन अगस्त से मनेगा बाल स्वास्थ्य पोषण माह, 4.19 लाख बच्चे पीएंगे विटामिन ए की खुराक



बाराबंकी - जनपद में बच्चों को कुपोषण से दूर रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से तीन अगस्त से तीन सितम्बर तक बच्चों को विटामिन ए की खुराक देने के लिए विशेष अभियान चलया जायेगा। इस बार जिले में 4.19 लाख से अधिक बच्चों को विटामिन ‘ए’ की खुराक पिलाए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यह अभियान के रूप में जिले के सभी सीएचसी, पीएचसी, और उपकेन्द्रों पर विटामिन ए की खुराक पिलायी जाएगी।

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ राजीव सिंह ने बताया कि जनपद में बाल स्वास्थ्य पोषण माह के रूप में आगामी 3 सितंबर तक मनाया जाएगा। अभियान के तहत 9 से 5 वर्ष तक के बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाई जाएगी। इस अभियान के तहत 9 माह से पांच वर्ष तक के बच्चों के मृत्यु दर मे कमी, बीमारी की दर में कमी व कुपोषण से बचाव के लिए बाल स्वास्थ्य पोषण माह पर जोर दिया जाएगा। जिले में कार्यक्रम के अंतर्गत विटामिन ए की खुराक पिलाने और टीकाकरण करने वाले 9 माह से 5 वर्ष तक के कुल 401967 हजार से अधिक चिन्हित किये गये है। इसके लिए 8928 बोतल प्राप्त हो चुकी है। यह खुराक सिरप के रूप में होगी। उन्होने बताया कि इस अभियान में समेकित बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग आईसीडीएस का सहयोग लिया जाएगा। सत्र के दौरान सभी लोग मॉस्क लगा कर आएंगे और शारीरिक दूरी का पालन भी करेंगे।

विटामिन-ए की कमी के लक्षण : जिला प्रशिक्षण अधिकारी ने बताया कि यह कार्यक्रम स्वास्थ्य विभाग के साथ ही बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा 3051 आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से गांव गांव अभियान चलाया जायेगा। ताकि इसका लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाया जा सके। विटामिन ए की कमी से अंधापन, आंखों में सूखापन, रूखे बाल, सूखी त्‍वचा, बार-बार सर्दी-जुकाम, थकान, कमजोरी, नींद न आना, रतोंधी, निमोनिया और वजन में कमी होने जैसी कई परेशानियां झेलनी पड़ जाती हैं। ऐसे में इन रोगों से ग्रस्त रहने से बचने के लिए शरीर में विटामिन ए की कमी की पूर्ति करना काफी आवश्यक हो जाता है। सब्जियों और फलों के सेवन से आसानी से विटामिन ए की पूर्ति की जा सकती है। शरीर में विटामिन ए की भरपाई करने के लिए अंडा, दूध, गाजर, पीली या नारंगी सब्जियां, पालक, स्वीट पोटेटो, पपीता, दही, सोयाबीन और दूसरी पत्तेदार हरी सब्जियां का सेवन किया जा सकता है।

इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है : नौ माह से पाँच वर्ष तक के बच्चों में विटामिन ए को बढ़ावा देना, सभी कुपोषित बच्चों का पुनः वजन, प्रबंधन व संदर्भन करना, नियमित टीकाकरण के दौरान लक्षित बच्चों के साथ आंशिक रूप से प्रतिरक्षित बच्चों को प्रतिरक्षण करते हुये शत-प्रतिशत टीकाकरण करना, शिशु रोगों की रोकथाम करते हुये स्तनपान, व ऊपरी आहार, को बढ़ावा देते हुये कुपोषण से बचाव करना, आयोडीन युक्त नमक के प्रयोग को बढ़ावा देना।