उच्‍च प्राथमिकता वाले गांवों में 34 क्‍लोरीनेशन डेमो व 72 नालियों की सफाई



  • सामुदायिक गतिविधियों का आयोजन करके दी जा रही संचारी रोग से बचाव की जानकारी
  • समन्‍वय समि‍ति के साथ ही सहयोगी संस्‍थान भी रख रहे हैं इन गांवों पर निरन्‍तर नजर

संतकबीरनगर - समुदाय को संचारी रोगों से बचाने के लिए चलाए जा रहे विशेष संचारी रोग नियंत्रण व दस्‍तक अभियान के दौरान हाई रिस्‍क गांवों में सामुदायिक गतिविधियों पर विशेष जोर दिया गया है। इस दौरान एईएस पर चर्चा के लिए कुल 783 बैठकें हुई इनमें 28 बैठकें हाई प्रियारिटी विलेज में हुई। आशा कार्यकर्ताओं के सहयोग से कुल 3484 क्‍लोरीनेशन डेमो में से 34 क्‍लोरीनेशन डेमो उच्‍च प्राथमिकता वाले गांवों में कराए गए । 27 बुखार सम्‍बन्धित रोगियों को चिन्हित किया गया। मलेरिया की 107 स्‍लाइड बनाई गयी।  सभी गांवों में एण्‍टी लार्वा का छिड़काव कराया गया तथा 54 स्‍थानों पर झाडि़यों की कटाई व 72 नालियों की सफाई की गयी।

यह जानकारी देते हुए मुख्‍य चिकित्‍सा अधिकारी डॉ अनिरुद्ध कुमार सिंह ने बताया कि जनपद में चलाए जा रहे इस अभियान के दौरान अन्‍तर्विभागीय समन्‍वय समिति के साथ संचारी रोग नियन्‍त्रण की विविध गतिविधियां चलाई जा रही हैं। इन गतिविधियों के सहयोगात्‍मक पर्यवेक्षण में लगे सहयोगी संस्‍थान पाथ, यूनीसेफ तथा विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के द्वारा भी विभागों के साथ समन्‍वय स्‍थापित करके उच्‍च प्राथमिकता वाले गांवों में अभियान के सारे इंडीकेटर पूरे कराए जा रहे हैं। अभियान की समाप्ति तक पूरे जनपद में शत प्रतिशत इंडीकेटर पूरे कर लिए जाएं। जनपद के औसत से कम औसत वाले ब्‍लॉक अपने क्षेत्र में गतिविधियां बढ़ाएं ताकि यह अभियान समुदाय के लिए उपयोगी साबित हो सके।

पाथ संस्‍था की जिला समन्‍वयक संतोषी बताती हैं कि पूरे जनपद में चल रही गतिविधियों के दौरान सारे 10 इंडीकेटर पूरे कराए जाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। हाईप्रियारिटी गांव में इन इडीकेटर्स को शत प्रतिशत पूरा कराया जा रहा है। हैसर, सेमरियांवा, खलीलाबाद व अरबन एरिया में उन्‍होने खुद इन गांवों में जाकर पंचायती राज विभाग, पशुपालन विभाग, कृषि‍ विभाग के साथ समन्‍वय बनाया तथा सारे इंडीकेटर फालो कराए।

हैसर बाजार के रामपुर दक्षिणी की आशा कार्यकर्ता पूनम बताती हैं कि हमारे गांव में नालियों की सफाई, एण्‍टी लार्वा का छिड़काव और सामुदायिक बैठक कराई गयी। गांव के लोगों को संचारी रोगों के प्रति जागरुक किया गया। स्‍कूल में भी शिक्षकों ने बच्‍चों को संचारी रोग के प्रति जागरुक किया।   नेहिया गांव के मनीष बताते हैं कि गांव में संचारी रोग के प्रति जागरुकता पैदा करने के लिए पंचायत आफिस पर बैठक किया जा रहा है। गांव के लोगों को एकत्रित करके उनको जानकारी दी जा रही है कि वह किस प्रकार से इन रोगों से बच सकते हैं। लोगों को बताया जा रहा है कि मच्छरों से बचाव के उपाय करें। किसी भी प्रकार का बुखार हो तो अस्पताल में जाएं और चिकित्सक की देखरेख में इलाज कराएं।

जिले में है उच्‍च प्राथमिकता वाले 16 गांव : जिला मलेरिया अधिकारी राम सिंह ने बताया कि जेई व एईएस से प्रभावित जिले में उच्‍च प्राथमिकता वाले  कुल 16 गांव हैं। इन गांवों पर विशेष नजर रखी जा रही है। उच्‍च प्राथमिकता वाले गांवों में खलीलाबाद ब्‍लाक के खलीलाबाद, गिरधरपुर मेंहदावल ब्‍लाक के मेंहदावल, गगनई राव नाथनगर ब्‍लाक के हरिहरपुर, महुली व नाथनगर, हैसर बाजार ब्‍लाक के हैसर बाजार, रामपुर बेलहरकला ब्‍लाक के बेलहरकला, लोहरौली, गुनाखोर, बघौली ब्‍लाक के नाऊडांड, पौली ब्‍लाक के मुठहीं कला, नारायनपुर तथा सेमरियांवा ब्‍लाक के लहुरा देवा गांव शामिल हैं।

यह हुआ उच्‍च प्राथमिकता वाले गांवों में  : एसीएमओ वेक्‍टर बार्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम डॉ. वी. पी. पाण्‍डेय बताते हैं कि  उच्‍च प्राथमिकता वाले गांवों में जिन घरों में जेई या एईएस से मौत हुई थी या फिर कोई दिव्‍यांग हुआ था उनके घरों के लोगों के बारे में विशेष जानकारी ली गयी। गांव में सफाई के साथ ही साथ एण्‍टी लार्वा का छिड़काव कराया गया । मच्‍छरों की सघनता के बारे में जानकारी प्राप्‍त की गयी। लोगों के घरों में जाकर मच्‍छरों के प्रजनन रुकने वाले स्‍थानों जैसे कूलर, टूटे बर्तन, टायर, निष्‍प्रयोज्‍य नाद इत्‍यादि की चेकिंग की गयी तथा उन्‍हें यह बताया गया कि कोई भी ऐसी जगह हो जहां पर पानी रुक सकता हो, उन स्‍थानों पर पानी जमा न होने दें।