वृक्षारोपण कर प्रकृति को संजोने की पहल



  • सीएचसी इंदिरानगर ने परिसर को हरा भरा बनाने की ठानी

लखनऊ - प्रकृति मानव साभ्यता के अस्तित्व की अभिन्य अंग है । जब तक प्रकृति का संतुलन है तभी तक मानव जीवन की कल्पना है पर मनुष्य द्वारा किए गए प्रकृति के दोहन की वजह से आज यह संतुलन बिगड़ गया है । जो हमे जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग, पेड़ - पौधों और जानवरों की प्रजातियों का विलुप्त होना, सूखा, बाढ़, भूस्खलन के रूप में देखने को मिल रहा है । अगर मनुष्य आज भी नही चेता तो महाविनाश का समय दूर नहीं होगा ।

विनाश को रोकने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने स्तर से हरसंभव प्रयास करना होगा। प्रकृति की रक्षा का संकल्प लेना होगा । प्रकति के दिये हुये वरदान को हर व्यक्ति उपयोग करता है  तो उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी भी हर एक मानव की है । इसी प्रयास में शहर के नगरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र इंदिरा नगर का परिवार लगा है ।

केन्द्र की अधीक्षिका डॉ रश्मि गुप्ता तथा अन्य सदस्यों ने प्रकृति के बचाव के लिए अधिक से अधिक वृक्ष लगाने का प्रण लिया है । उनके इसी कार्य को आगे बढ़ाने के लिए समाज के कई समाज सेवी आगे आ रहे हैं। इसी उपलक्ष्य में शुक्रवार को केन्द्र को कई पेड़ पौधे उपहार में दिए गए हैं।  आचार्य गंगेश मिश्र (सेवक मुंशीपुलिया हनुमान मंदिर ) ने कई पौधों का दान किया तथा उन्होंने केन्द्र की अधीक्षिका के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि उनका यह प्रयास समाज को एक नई दिशा देगा  तथा पेड़ पौधे हमारी हवा पानी तथा मिट्टी की सुरछा करते है।

समाजसेवी एवं साइकोलॉजिस्ट सत्येंद्र सिंह ने केन्द्र को अनेक तरह के औषधीय तथा दुर्लभ प्रजाति के पौधों का दान देते हुए कहा कि मनुष्य जाति को कई प्रकार के असाध्य रोगों से बचाने के लिए इन औषधीय पौधों का संरक्षण  जरूरी है । इस दौरान अधीक्षिका डॉ रश्मि गुप्ता ने आचार्य गणेश मिश्र तथा सत्येन्द्र को धन्यवाद दिया तथा कहा कि हमारी प्रकृति की सुरक्षा के लिए जरूरी है और जिस तरह से लोगो का साथ मिल रहा है एक दिन यह एक बड़ा उद्देश्य बन जायेगा । इस मौके पर डॉ अनिल चौधरी ने कहा कि पेड़ पौधों हमे आक्सीजन ,फल, औषधि तथा छाया प्रदान करते हैं । भविष्य में यदि इसी तरह हम पेड़ो को काटते रहे तो प्रकृति के विनाश को हम रोक नही पायेगे।
डॉ विनीता द्विवेदी ने वहाँ उपस्थित लोगों से ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने के लिए और लोगो को प्रोत्साहित करने तथा इस कार्य से जुड़ने का आग्रह किया । इस दौरान डॉ महेश ने कहा कि अगर हम चेते नही तो प्रकृति के वरदान कहीं हमारे लिए अभिशाप न बन जाये ।

केन्द्र की अधीक्षिका के प्रोत्साहन पर केन्द्र में फार्मेसी इंटर्नशिप कर रहे बच्चो ने नगरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रांगण में एक बाटेनिकल गार्डन के निमार्ण का जिम्मा लिया तथा बड़े ही उत्साह से इस गार्डन के लिए श्रम दान दिया।