- जिले के 163 ईएमटी को दी गयी रिफ्रेशर ट्रेनिंग
- खोराबार पीएचसी पर एक अगस्त से 20 अगस्त तक चला प्रशिक्षण
गोरखपुर - जिले के 102 व 108 नंबर सेवा से जुड़े 163 इमर्जेंसी मेडिकल टेक्निशियन (ईएमटी) को गुणवत्तापूर्ण सेवा के लिए रिफ्रेशर ट्रेनिंग दी गयी । खोराबार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) पर एक अगस्त से 20 अगस्त तक अलग-अलग बैच में उन्हें दक्ष किया गया । जीवीके-ईएमआरआई संस्था से जुड़े इमर्जेंसी मेडिकल लर्निंग सेंटर (ईएमएलसी) धर्मेंद्र ने सभी ईएमटी को प्रशिक्षित किया ।
प्रशिक्षण के दौरान ईएमटी को बताया गया कि किसी भी आपात स्थिति में पहुंचने पर मरीज को प्राथमिक चिकित्सा अवश्य दे दें। मरीज को अस्पताल लाने के दौरान उसकी बीपी, पल्स, स्किन, ऑक्सीजन लेवल, रेंडम ब्लड शुगर, चेतना, तापमान और सांस संबंधित वाइटल्स की जांच कर लें और अगर कुछ दिक्कत दिखे तो जीवीके ईएमआरआई के चिकित्सकों के बोर्ड को सूचित कर आवश्यक प्राथमिक इलाज परिवहन के दौरान ही दे दें । मरीज के सभी वाइटल्स का रिकॉर्ड संबंधित अस्पताल को भी दें ताकि लक्षणों के आधार पर त्वरित इलाज शुरू किया जा सके। इससे समय का बचाव होता है और मरीज के जीवन की रक्षा आसान हो जाती है ।
प्रशिक्षु राधेश्याम शुक्ला (26) ने बताया कि वह वर्ष 2019 में एंबुलेंस सेवा से जुड़े । उन्हें हैदराबाद में वृहद प्रशिक्षण दिया गया था। बीच-बीच में रिफ्रेशर ट्रेनिंग भी दी जाती है। उन्हें प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि 108 और 102 एंबुलेंस में बेसिक लाइफ सपोर्ट के लिए उपलब्ध दवाओं और उपकरणों का सही समय पर समुचित परामर्श के अनुसार इस्तेमाल करना है । मरीज और उनके परिजनों के साथ अच्छा व्यवहार करना है और मरीज के जीवन की रक्षा को अपना पहला कर्तव्य मानना है। दुर्घटना के मामलों में ब्लीडिंग को रोकना पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।
छह बार होगा प्रशिक्षण : जीवीके ईएमआरआई संस्था के प्रोग्राम मैनेजर प्रवीण कुमार द्विवेद्वी ने बताया कि साल भर में छह बार सभी ईएमटी को गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि अच्छी सेवा दी जा सके। जिले में 108 नंबर की 46 और 102 नंबर की 50 एंबुलेंस क्रियाशील हैं । इन एंबुलेंस की सेवा निःशुल्क है । किसी भी प्रकार की दुर्घटना, एनीमल बाइट, इन्सैक्ट बाइट, गंभीर बीमारी और आकस्मिक स्थिति के लिए 108 नंबर एंबुलेंस को कॉल करना चाहिए। गर्भवती, प्रसूता, धात्री और नवजात को फोन करने पर 102 नंबर एंबुलेंस की सुविधा निःशुल्क उपलब्ध कराई जाती है।
सुरक्षित है सरकारी एंबुलेंस : किसी भी आपात स्थिति में सरकारी एंबुलेंस का इस्तेमाल सबसे ज्यादा सुरक्षित है। इसमें बेसिक लाइफ सपोर्ट की पूरी व्यवस्था के साथ-साथ प्रशिक्षित ईएमटी होते हैं। अति गंभीर मामलों में गोरखपुर शहर में सरकारी एंबुलेंस के लिए ग्रीन कॉरिडोर भी बनाया जाता है। गर्भवती, धात्री व नवजात के लिए एंबुलेंस की तरफ से पिक एंड ड्रॉप दोनों सुविधा दी जा रही है।