- अधीक्षक, स्वास्थ्य पर्यवेक्षक व एलटी का हुआ प्रशिक्षण, फाइलेरिया उन्मूलन को देंगे गति
- अभियान का परिणाम तय करेगा जनपद में फाइलेरिया उन्मूलन की उपलब्धि : जिला मलेरिया अधिकारी
कानपुर नगर - जिला को फाइलेरिया मुक्त बनाने की दिशा में गंभीर प्रयास किये जा रहे हैं। फाइलेरिया उन्मूलन के तहत 26 अगस्त से 10 सितंबर तक नाइट ब्लड सर्वे जनपद में किया जाना है। इस सम्बद्ध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी सभागार में मंगलवार को जिले के सभी ब्लॉक सीएचसी से आए चिकित्सा अधीक्षक , स्वास्थ्य परवेक्षक (एमपीडब्ल्यू) व लैब टैक्निशियन (एलटी) को एक दिवसीय विशेष प्रशिक्षण दिया गया।
प्रशिक्षण में जिला मलेरिया अधिकारी अरुण कुमार सिंह ने स्वास्थ्य कर्मियों को फील्ड में मानक के अनुसार सैंपल लेने व स्लाइड बनाने से जुड़ी सावधानियों व सुरक्षा के मानक के विषय में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नाइट ब्लड सर्वे के तहत फाइलेरिया प्रभावित क्षेत्रों की पहचान कर वहां रात में लोगों के रक्त के नमूने लिये जाते हैं। फाइलेरिया का परजीवी रात में ही सक्रिय होते हैं। इसलिए नाइट ब्लड सर्वे से सही रिपोर्ट पता चल पाता है। ताकि फाइलेरिया के संभावित मरीज का समुचित इलाज किया जा सके।
प्रशिक्षण के उद्देश्य को सफल बनाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन से प्रशिक्षक डॉ नित्यानंद ठाकुर व पाथ संस्था से प्रशिक्षक डॉ मानस ने सभी अधीक्षक ,एमपीडब्ल्यू व एलटी को कहा कि “ कानपुर नगर को हम फाइलेरिया मुक्त बनाने की ओर बढ़ रहे हैं। ऐसे में जनता से समनव्य बनाते हुए उन्हें फाइलेरिया के लक्षण व प्रभाव के विषय में बताकर रक्त जांच हेतु तैयार करना है। चयनित साइट्स पर प्रशिक्षित लैब टेक्नीलशियन की टीम को जाना है व रक्त् के नमूने लेने है। कार्य क्षेत्र में प्रयोग आने वाली जांच किट व अन्य सभी आवश्यक सामग्री पर्याप्त संख्या में उपलब्ध कराया जा रहा है।
आशा निभाएंगी महत्वपूर्ण भूमिका : उन्होने कहा कि “रात्रि 8.00 बजे से रात्रि 12 बजे तक यह नाईट ब्लड सर्वे किया जाएगा। इसके लिए गठित की गई 21 टीम जो जनपद के चिह्नित किए गए फाइलेरिया रोग प्रसार के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्र (हाई रिस्क) व दूसरा चिह्नित रेंडम (सामान्य) क्षेत्र में 20 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों का ब्लड के सैंपल एकत्र करेगी। इसके लिए आशा कार्यकर्ता को महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी दी गई है जो क्षेत्र के लोगों को जांच स्थल पर एकत्र करने का कार्य करेंगी। अभियान में सहयोग प्राप्त कराने के लिए ग्राम प्रधानों व शहरी क्षेत्र के सभासदों से कहा गया है।
फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी : जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण के नोडल डॉ. सुबोध प्रकाश ने बताया फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है। यह नेगलेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीज की श्रेणी में आता है। फाइलेरिया हो जाने के बाद धीरे धीरे यह गंभीर रूप लेने लगता है। इसकी नियमित और उचित देखभाल कर जटिलताओं से बचा जा सकता है। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया से बचाव के लिए समय समय पर सरकार द्वारा सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम चलाया जाता है, जिसमें आशा कार्यकर्ता घर घर जाकर फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाते हैं।