पर्यटन और आयुर्वेद का संगम : उत्तर प्रदेश में खुलेगा वेलनेस टूरिज्म का नया अध्याय



लखनऊ । उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने पर्यटन नीति-2022 के तहत राज्यभर में वेलनेस सेंटर स्थापित करने के लिए व्यक्तियों, संस्थाओं और उद्यमियों को आमंत्रित किया है। इस पहल का उद्देश्य योग, प्राकृतिक चिकित्सा और पारंपरिक भारतीय उपचार पद्धतियों के माध्यम से पर्यटन को आध्यात्मिकता और स्वास्थ्य से जोड़ना है। यह प्रयास प्रदेश में रोजगार, निवेश और स्थानीय उद्यमिता के नए अवसर खोलेगा तथा उत्तर प्रदेश को वेलनेस टूरिज्म के वैश्विक मानचित्र पर एक सशक्त पहचान दिलाएगा। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि वर्तमान समय में लोग वेलनेस आधारित जीवनशैली और प्राकृतिक चिकित्सा की ओर तेजी से आकर्षित हो रहे हैं। ऐसे में उत्तर प्रदेश, अपनी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत के कारण, वेलनेस टूरिज्म के लिए सबसे उपयुक्त गंतव्य बन सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य योग, आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी और होम्योपैथी जैसी पारंपरिक आयुष विधाओं को बढ़ावा देकर प्रदेश को वेलनेस पर्यटन का केंद्र बनाना है।

उत्तर प्रदेश पर्यटन नीति-2022 में वेलनेस सेंटरों को अनुभव आधारित पर्यटन (एक्सपीरियंस बेस्ड टूरिज्म) का अभिन्न हिस्सा माना गया है। नीति के अनुसार, प्रत्येक वेलनेस सेंटर में कम से कम पाँच थेरेपी कक्ष अनिवार्य होंगे, जहाँ आयुष पद्धतियों के माध्यम से उपचार और थेरेपी सेवाएँ प्रदान की जाएँगी। वहीं, वेलनेस रिज़ॉर्ट के लिए न्यूनतम एक एकड़ भूमि और बीस कमरों की व्यवस्था आवश्यक होगी, ताकि पर्यटकों को समग्र स्वास्थ्य और विश्राम का अनुभव मिल सके। पर्यटन विभाग का मानना है कि ऐसे वेलनेस सेंटर विशेष रूप से उन यात्रियों को आकर्षित करेंगे, जो मानसिक शांति, शारीरिक उपचार और आत्मिक संतुलन की तलाश में हैं। साथ ही, यह पहल प्रदेश के पर्यटन को नया आयाम देगी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्तर प्रदेश की पहचान को मजबूत करेगी। 

श्री सिंह ने कहा कि योग और आयुर्वेद के प्रति बढ़ती वैश्विक रुचि भारत को वेलनेस टूरिज्म का स्वाभाविक केंद्र बना रही है। वाराणसी, अयोध्या, चित्रकूट, प्रयागराज और गोरखपुर जैसे धार्मिक-आध्यात्मिक स्थल वेलनेस डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किए जा सकते हैं। इन स्थानों पर स्थापित होने वाले वेलनेस सेंटर देश-विदेश के उन पर्यटकों को आकर्षित करेंगे, जो यात्रा के साथ स्वास्थ्य और उपचार का अनुभव प्राप्त करना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि पर्यटन नीति-2022 के अंतर्गत उद्यमियों को वेलनेस सेंटर स्थापित करने पर कई आकर्षक प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं। नीति के अनुसार, परियोजना लागत का 30 प्रतिशत तक पूंजी निवेश सब्सिडी अथवा पाँच करोड़ रुपये तक के बैंक ऋण पर पाँच प्रतिशत ब्याज सब्सिडी पाँच वर्षों के लिए उपलब्ध होगी। इसके अतिरिक्त, प्रथम लेन-देन पर 100 प्रतिशत स्टांप शुल्क माफी तथा भूमि परिवर्तन और विकास शुल्क में पूर्ण छूट का भी प्रावधान किया गया है। जयवीर सिंह ने कहा कि यह कदम न केवल प्रदेश के पर्यटन परिदृश्य को समृद्ध करेगा, बल्कि स्वास्थ्य, रोजगार और उद्यमिता के क्षेत्र में भी उत्तर प्रदेश को नई दिशा देगा।