भारत वर्तमान में दुनिया के लिए उच्च विकास और निम्न मुद्रास्फीति का एक आदर्श मॉडल है: प्रधानमंत्री मोदी



नई दिल्ली(डेस्क) - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि भारत वर्तमान में दुनिया के लिए उच्च विकास दर और निम्न मुद्रास्फीति का एक आदर्श मॉडल है। आज नई दिल्ली में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के दौरान सकल घरेलू उत्‍पाद- जी.डी.पी दर में 8 प्रतिशत की वृद्धि देश की बढ़ती प्रगति का प्रतिबिंब है। उन्होंने कहा कि यह केवल एक संख्या नहीं, बल्कि एक मजबूत आर्थिक प्रतीक है जो वैश्विक अर्थव्यवस्था के विकास के रूप में भारत की स्थिति को दर्शाता है।

प्रधानमंत्री ने वैश्विक मंच पर भारत की भूमिका की चर्चा करते हुए कहा कि चुनौतियों और अनिश्चितताओं से ग्रस्त दुनिया में भारत की अपनी अलग पहचान है। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब लोग आर्थिक मंदी की बात कर रहे हैं, भारत अपनी विकास गाथा गढ़ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि विश्वास के संकट से भरी दुनिया में भारत विश्वास के स्तंभ और एक सेतु निर्माता के रूप में खड़ा है, जबकि दुनिया बिखर रही है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आने वाला परिवर्तन आज रखी जा रही मज़बूत नींव में निहित है। उन्होंने कहा कि देश का पूर्वोत्तर क्षेत्र, गांव, छोटे शहर, महिलाएं और युवा, समुद्री अर्थव्यवस्था तथा अंतरिक्ष जैसे पारंपरिक रूप से अविकसित क्षेत्र अब अपनी पूरी क्षमता का एहसास करा रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने 2025 को प्रत्यक्ष कर प्रणाली से लेकर जीएसटी तक सुधारों का वर्ष बताया।

प्रधानमंत्री ने मानसिक गुलामी और औपनिवेशिक मानसिकता को विकसित भारत के लक्ष्य में प्रमुख बाधा बताया। उन्होंने कहा कि कोई भी राष्ट्र आत्मविश्वास के बिना आगे नहीं बढ़ सकता। श्री मोदी ने कहा कि चाहे जहाज निर्माण हो या रक्षा निर्माण, गुलाम मानसिकता और हीन भावना को पीछे छोड़कर गर्व की एक नई भावना के साथ आगे बढ़ने का प्रयास किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जनता और सरकार के बीच विश्वास अब और मज़बूत हुआ है। उन्होंने कहा कि नागरिक-केंद्रित दृष्टिकोण से शासन सुव्यवस्थित हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश को औपनिवेशिक मानसिकता से मुक्त कराने के लिए आने वाले दस वर्षों को एक स्पष्ट समय-सीमा के रूप में देखा जाए।