- अब तक 36 मरीज़ो का पंजीकरण, 31 अगस्त 2022 तक करा सकते हैं पंजीकरण
- आरबीएसके के तहत स्माइल ट्रेन संस्था, हेल्थ सिटी ट्रामा सेंटर एवं सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल द्वारा किया जाता है निःशुल्क इलाज
बाराबंकी - राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के अन्तर्गत जन्मजात कटे होंठ व तालू वाले बच्चों का निःशुल्क पंजीकरण स्माइल ट्रेन प्रोजेक्ट के तहत किया जा रहा है | इसके लिए 31 अगस्त तक निःशुल्क पंजीकरण शिविर का आयोजन मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय बाराबंकी में किया जा रहा है | शिविर में पंजीकृत बच्चों का सम्पूर्ण इलाज पूर्णतया निःशुल्क किया जाता है । अभी तक 36 मरीजों का पंजीकरण किया जा चुका है । 16 अगस्त से शुरू हुई पंजीकरण की प्रक्रिया 31 अगस्त तक जारी रहेगी। अधिक जानकारी के लिए स्माइल ट्रेन संस्था के प्रतिनिधि नीरज कुमार शर्मा के हेल्पलाइन नं. 9454159999, 9565437056 पर संपर्क किया जा सकता है। यह सुविधा प्रत्येक दिन व निरन्तर जारी रहेगी। निःशुल्क पंजीकरण के लिए सीएमओ कार्यालय में कक्ष संख्या 19 में संपर्क किया जा सकता है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 रामजी वर्मा ने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम से सम्बद्ध स्माइल ट्रेन प्रोजेक्ट के बारे में बताते हुए कहा कि कई बच्चों के होठ व तालू जन्मजात कटे होते हैं और पूर्ण रूप से स्वस्थ बच्चे की मुस्कान ही उसका आत्मविश्वास जगाती है | इसी आत्मविश्वास को वापस लाने में अमेरिका की स्माइल ट्रेन प्रोजेक्ट के निदेशक डा0 वैभव खन्ना और अस्पताल हेल्थ सिटी ट्रामा सेन्टर एवं सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल सार्थक भूमिका निभा रहे हैं। जन्मजात कटे होठ व कटे तालू के मरीजों की समस्या व उनके निदान के लिये निःशुल्क सुविधा को प्रदेश में प्रसारित करने की आवश्यकता है। जन्मजात कटे होठ व तालू की समस्या लगभग 3000 से 5000 जीवित शिशुओं में से एक को हो सकती है। यह होठ के दोनो तरफ अथवा एक ही तरफ सम्भव है। सामान्यतः तालू के साथ होठ भी कटा होता है परन्तु कभी-कभी अकेले तालू के कटे होने की सम्भावना भी रहती है। इसके कारणों में किसी भी चीज की स्पष्ट भूमिका अभी तक नहीं प्रमाणित है।
नोडल अधिकारी, आर0बी0एस0के0 डा0 डी0 के0 श्रीवास्तव ने प्रोजेक्ट के बारे में बताते हुए कहा कि यह बीमारी बच्चों में जन्मजात होती है तथा प्लास्टिक सर्जरी द्वारा बच्चों के चेहरे पर मुस्कान वापस लाई जा सकती है। इस संस्था द्वारा किसी भी उम्र के लोगों का इलाज पूर्णतया निःशुल्क है।
डा0 खन्ना ने बताया- “स्माइल ट्रेन प्रोजेक्ट” के तहत जन्मजात कटे होठ व तालू की समस्या का समाधान पूर्णतया निशुल्क किया जाता है। यह जन्मजात विकार अन्य विकारों की अपेक्षा बहुतायत में पायी जाती है। माता-पिता शुरूआती दौर में इस बीमारी को समझ नहीं पाते हैं। समय से उचित चिकित्सीय परामर्श न मिलने से इस बीमारी का इलाज मुश्किल हो जाता है। उन्होंने बताया - *जन्म से कटे होंठ -5 माह के बाद, कटा तालू - 9 माह के बाद, आवाज़ के लिये- 5 से 7 वर्ष, मसूढ़े की हड्डी -8 से 9 वर्ष ,एवं चेहरे की बनावट -18 वर्ष पर की जानी चाहिए। पाँच महीने से कम के बच्चे भी अपना पंजीकरण करवा कर इस सुविधा का लाभ उठा सकते है। हेल्थ सिटी ट्रामा सेन्टर एवं सुपर स्पेशियालटी हास्पिटल में संचालित स्माइल ट्रेन प्रोजेक्ट का यही वास्तविक उद्देश्य है। यदि आपके बच्चे की उम्र उसके आगे निकल गयी है तो भी सर्जरी हो सकती है पर सही समय पर सर्जरी कराने से नतीजा सामान्य से ज्यादा अच्छा होता है। यह सर्जरी किसी भी उम्र के रोगियों के लिये निःशुल्क उपलब्ध है।
डॉ अवधेश सिंह आर0बी0एस0के0 डी ई आई सी मैनेजर ने बताया कि जन्मजात कटे होठ व तालू की विकृति सर्जरी व अन्य उपचारों से पूरी तरह ठीक हो सकती है। इसके सम्पूर्ण इलाज में क्रेनियोफेशियल व आर्थोग्नैतिक सर्जरी जैसी प्रक्रियाओं का भी इस्तेमाल होता है। इस बात को प्रमुखता के साथ उल्लेखित किया गया कि बच्चों का सही समय पर इलाज कराने से यह जन्मजात विकृति पूर्णतयः सही हो सकती है। जब यह सुविधा निःशुल्क उपलब्ध हो गयी है तो किसी भी गरीब मरीज के बच्चे को इस विकृति के साथ रहने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि पूर्ण रूप से ठीक बच्चे की मुस्कान ही उसको आत्मविश्वास दिलाती है और इस आत्मविश्वास को वापस दिलाना ही स्माइल ट्रेन प्रोजेक्ट का मुख्य ध्येय है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने यह भी बताया कि इस निःशुल्क परीक्षण एवं पंजीकरण शिविर को सफल बनाने में डॉ अवधेश सिंह आर बी एस के मैनेजर, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम ,समस्त आर0बी0एस0के0 टीमें व कार्यरत मोबाइल हेल्थ टीमों तथा आशा एच0बी0एन0सी0,समस्त ग्राम प्रधान , समस्त आगनबाड़ी कार्यकर्ता, स्वास्थ्य विभाग के समस्त कर्मचारियों और हेल्थ सिटी हास्पिटल लखनऊ - स्माइल ट्रेन प्रोजेक्ट के प्रोजेक्ट अवेयरनेस असिस्टेन्ट नीरज कुमार शर्मा, विनीत शर्मा,विशाल कश्यप,धर्मपाल यादव आदि सकारात्मक भूमिका निभा रहे है।