सर्विलांस के लिए रहें तत्‍पर, तभी रोका जा सकता है संक्रामक रोगों का आउट ब्रेक



  • आशा कार्यकर्ता, एएनएम व कम्‍यूनिटी हेल्‍थ ऑफिसर रहें क्रियाशील
  • सूखे व बरसात के समय में संक्रामक रोगों का होता है आउटब्रेक

संतकबीरनगर - मुख्‍य चिकित्‍सा अधिकारी डॉ अनिरुद्ध कुमार सिंह ने कहा है कि वर्तमान समय में सूखा व बरसात की स्थिति में संक्रामक रोगों के आउटब्रेक की आशंका अधिक होती है। इसके नियन्‍त्रण के लिए चिन्‍हीकरण बहुत ही आवश्‍यक है। जिले की आशा कार्यकर्ता, एएनएम व कम्‍यूनिटी हेल्‍थ ऑफिसर इन लक्षणों को पहचाने तथा सर्विलांस के लिए हर समय तत्‍पर रहें।

सीएमओ ने यह दिशा निर्देश देते हुए कहा है कि इसके नियन्‍त्रण के लिए ब्‍लॉक स्‍तरीय रैपिड रिस्‍पांस टीम ( आरआरटी ) को सक्रिय किया जाय तथा आवश्‍यक औषधियों जैसे क्‍लोरीन टैबलेट, ओआरएस, एएसबी और ब्‍लीचिंग पाउडर आदि की उपलब्‍धता हर स्‍वास्‍थ्‍य इकाई पर सुनिश्चित की जाय। जनसामान्‍य को उल्‍टी, दस्‍त, बुखार, डेंगू, मलेरिया और दिमागी बुखार आदि के लक्षणों के बारे में बताया जाय। स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के द्वारा जनसामान्‍य को पीने का पानी उबालकर अथवा पानी में क्‍लोरीन की गोली डालकर पीने के लिए प्रेरित किया जाय। बच्‍चों को पूरे आस्‍तीन के कपड़े तथा फुल पैण्‍ट व जूते पहनने के लिए प्रेरित किया जाय। चिकित्‍सालयों में आने वाले ज्‍वर के रोगियों को उपचार एवं जांच के लिए अलग से परामर्श दिया जाय। आशा संगिनी सरोज यादव ने बताया कि कलस्‍टर मीटिंग के दौरान आशा कार्यकर्ताओं को इस बात की जानकारी दी गयी है कि वह अपने क्षेत्र में बुखार से पीडि़त लोगों की देखभाल करने के साथ ही संचारी रोगों के प्रति जागरुक करें।  

जिले की सभी आरआरटी सक्रिय : जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ आर पी मौर्या ने बताया कि जिले के सभी नौ ब्‍लॉक क्षेत्र के साथ ही नगरीय क्षेत्र की आरआरटी को सक्रिय कर दिया गया है। जिला आरआरटी इनकी गतिविधियों की निगरानी करने के साथ ही इन्‍हें आवश्‍यक सहयोग भी प्रदान करेगी। एपीडेमियोलाजिस्‍ट ( जिला महामारी रोग विशेषज्ञ ) डॉ मुबारक अली ने बताया कि जिले में संक्रामक रोगों के आउटब्रेक को रोकने के लिए दिए गए निर्देशों के आधार पर काम किया जा रहा है।

संक्रामक रोगों को रोकने के लिए यह हैं सुविधाएं : एसीएमओ वेक्‍टर बार्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम डॉ वी पी पाण्‍डेय ने बताया कि जिले में संक्रामक रोगों की रोकथाम में लिए हर पीएचसी पर अर्ली ट्रीटमेंट सेंटर (ईटीसी) के साथ ही हैसरबाजार, मेंहदावल, सेमरियांवा व खलीलाबाद में पीआईसीयू वार्ड बनाए गए हैं। वहीं जिला मुख्‍यालय पर कुल 28 बेड का पीआईसीयू स्‍थापित किया गया है। हर ईटीसी पर आवश्‍यक दवाओ के साथ ही ऑक्‍सीजन की भी उपलब्‍धता है। जिले की टीम हर जगह जाकर सुनिश्चित भी कर रही है कि उपकरण चालू हालत में हैं तथा दवाओं की उपलब्‍धता के साथ ही टीम प्रशिक्षित है।

25078 लोगों की बनाई गयी स्‍लाइड : जिला मलेरिया अधिकारी राम सिंह ने बताया कि जिले में बुखार से पीडि़त कुल 25078 लोगों की स्‍लाइड बनाई गयी है। इनमें 13 मलेरिया के पॉजिटिव केस सामने आए हैं। वहीं सीधे मलेरिया की जांच के मामले में 28 केस मिले हैं। उपचार के बाद यह सभी पूरी तरह से स्‍वस्‍थ हैं। वहीं 1079 लोगों को पीआईसीयू में भर्ती किया गया। इसमें हाई ग्रेड फीवर के 308 और एईएस के 8 मामले शामिल हैं। जेई के मरीजों की संख्‍या शून्‍य रही है।

आशा कार्यकर्ताओं को दिए गए सर्विलांस के निर्देश : सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र के अधीक्षक डॉ राधेश्‍याम यादव बताते हैं कि संक्रामक रोगों के आउटब्रेक को रोकने के लिए मुख्‍य चिकित्‍सा अधिकारी ने निर्देश दिए हैं। इन निर्देशों का अनुपालन किया जा रहा है तथा कलस्‍टर मीटिंग में आशा कार्यकर्ता, एएनएम, कम्‍यूनिटी हेल्‍थ आफिसर को यह दिशा निर्देश भेजे गए हैं कि वह संक्रामक रोगों को रोकने की दिशा में कार्य करें।