हरदोई - हरियावाँ सामुदायिक स्वस्थ्य केंद्र( सीएचसी) पर शनिवार को नियत सेवा दिवस के माध्यम से 10 महिलाओं एवं 6 पुरुषों को नसबंदी की सेवा प्रदान की गई | सीएचसी के अधीक्षक डा. राजीव रंजन ने बताया कि लखनऊ से आए वरिष्ठ चिकित्सक डा. एन.एस.दर्शीला के नेतृत्व में डा. एच.के. फुलेरिया और क्लिनिकल आउटरीच टीम(कॉट) द्वारा यह सेवा दी गई |
अप्रैल 2022 से अभी तक जनपद में कुल 22 पुरुष नसबंदी हुई हैं | जिसमें 11 पुरुष नसबंदी हरियावाँ ब्लॉक में हुई हैं | डा. राजीव ने बताया कि वह समय-समय पर आशा कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करते हैं और समुदाय में लोगों से मिलकर उन्हें नसबंदी सेवा लेने के लिए प्रेरित करते हैं और उनकी भ्रांतियों को दूर करने का प्रयास करते हैं |
डा. दर्शीला ने बताया कि पुरुष नसबंदी सुरक्षित है | नसबंदी के बाद किसी भी तरह की कोई समस्या नहीं होती है | पुरुषों को भी अपनी जिम्मेदारी समझते हुए परिवार नियोजन में आगे आना चाहिए | केवल महिलाओं पर ही जिम्मेदारी नहीं छोड़नी चाहिए | नसबंदी की सेवा ले चुके ग्राम बूढ़ा निवासी राजीव बताते हैं कि उनके दो बच्चे हैं और वह आगे बच्चा नहीं चाहते हैं | डाक्टर राजीव और आशा दीदी ने उन्हें जब नसबंदी के बारे में बताया तो उन्होंने स्वयं ही इस सेवा को लेने का निर्णय लिया | आशा दीदी ने बताया था कि पुरुष नसबंदी महिला नसबंदी की अपेक्षा ज्यादा आसान है | इस मौके पर उत्तर प्रदेश तकनीकि सहयोग इकाई के जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ, ब्लॉक समुदाय प्रक्रिया प्रबंधक रामसजीवन और सीएचसी के कर्मचारी उपस्थित रहे |
क्या है पुरुष नसबंदी ?
पुरुष नसबंदी परिवार नियोजन का एक स्थायी साधन है | यह बिना चीरा टांका वाली एक आसान प्रक्रिया है और पुरुष नसबंदी वह सभी पुरुष करवा सकते हैं जो 60 वर्ष से कम आयु के हैं और जिनका कम से कम एक साल का बच्चा हो और जिनका परिवार पूरा हो गया हो | पुरुष नसबंदी कराने पर पुरुष को 3000 रुपये की प्रोत्साहन राशि तथा प्रेरक को 400 रुपये की धनराशि दी जाती है |