लखनऊ - क्षय रोगियों को बेहतर इलाज के साथ पोषणयुक्त आहार उपलब्ध कराने के लिए राज्यपाल ने गोद लेने की पहल की है | इसी क्रम में मंगलवार को राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत प्रभारी जिला क्षय रोग अधिकारी डा. आर.वी.सिंह के नेतृत्व में छावनी परिषद स्थित अस्पताल में क्षय रोगियों के "गोद लिए जाने" का कार्यक्रम आयोजित किया गया | पावर विंग्स फाउण्डेशन द्वारा छह मरीजों को गोद लिया गया एवं पोषण किट प्रदान की गयी। इस किट में चना, सत्तू, फल, गुड, मूंगफली और दलिया इत्यादि शामिल हैं।
जिला क्षय रोग केंद्र के सीनियर ट्रीटमेंट प्रयोगशाला पर्यवेक्षक लोकेश कुमार वर्मा ने बताया कि प्रधानमंत्री ने देश को वर्ष 2025 तक क्षय रोग से मुक्त करने का लक्ष्य रखा है | इसी के मद्देनजर प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान की शुरुआत हुई है | क्षय रोगियों को गोद लेने की मुहिम इस लक्ष्य को प्राप्त करने के अभियान में एक प्रयास है, जिसमें विभिन्न व्यक्तियों, संस्थाओं द्वारा क्षय रोगियों को गोद लिया जा रहा है |
टीबी का पोषण से गहरा नाता है | यदि व्यक्ति कुपोषित है तो प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण उसे टीबी का संक्रमण होने का खतरा रहेगा | यदि व्यक्ति टीबी से ग्रसित है तो उसे दवाओं के सेवन के साथ प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फैटी एसिड, विटामिन और खनिज से भरपूर खाने का सेवन करना चाहिये | संतुलित और पौष्टिक भोजन का सेवन करने से इलाज के पूरा होने के बाद भी दोबारा टीबी होने की संभावना नहीं होती है | आहार में मूंगफली, दालें, अंडा, दही, दूध, मट्ठा, मांस-मछली आदि को जरूर शामिल करें | इसके साथ ही अनाज, हरी सब्जियां, फलों का स नियमित रूप से सेवन करना चाहिए |
क्षय रोगियों की जांच और इलाज निशुल्क सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध है | इसके साथ ही उन्हें पोषण के लिए निक्षय पोषण योजना के तहत इलाज के दौरान हर माह 500 रुपये की धनराशि सीधे उनके खाते में भेजी जा रही है |
सदर टीबी युनिट एमओटीसी डॉं. कीर्ती सक्सेना ने कहा कि टीबी के मरीजों को पौष्टिक आहार की जरूरत होती है | गंभीर या मध्यम रूप से कुपोषित या इलाज के दौरान वजन के लगातार कम होने से दवा का शरीर पर सही तरह से असर नहीं होता है | ऐसे में इलाज लंबा चलता है और दोबारा टीबी होने का खतरा होता है | इसलिए इलाज के दौरान कुपोषण को दूर करने और सही तरह से वजन बढ़ाने से रोगी के तेजी से ठीक होने और पूरी तरह से टीबी मुक्त होने में मदद मिलेगी |
सदर अस्पताल के वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक राजीव कुमार ने बताया कि इस समय अस्पताल में 577 मरीजों का इलाज चल रहा है। जिला क्षय रोग केन्द्र के जिला पब्लिक प्राइवेट मैनेजर समन्वयक सौमित्र मिश्रा ने बताया कि विगत सप्ताह 30 मरीजों को राज्यपाल भवन के विभिन्न अधिकारियों द्वारा एवं 5 क्षयरोगी उप मुख्यमंत्री तथा स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक द्वारा गोद लिए गए | विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं ने साल 2022 में अभी तक 3931 मरीज को गोद लिए है।
पावर विंग्स फाउण्डेशन में परिवर्तन मुहिम की अध्यक्ष प्राची श्रीवास्तव ने कहा कि साल 2019 से अभी तक 173 टीबी मरीजों को गोद लिया है | पावर विंग्स फाउण्डेशन की संस्थापक सुमन रावत ने कहा कि परिवर्तन मुहिम के तहत हम टीबी मरीजों को पोषण किट वितरण कर रहे हैं और सदर अस्पताल में पहले भी टीबी मरीजों को गोद लिया था। यह जब तक ठीक नहीं हो जाते तब तक इनका सहयोग किया जाएगा। इस मौके पर सदर अस्पताल में स्थित टीबी केंद्र के राजेश शर्मा, अजीत शुक्ला एवं पावरविंग्स संस्था से राजेन्द्र त्रिपाठी, सोनिया टंडन, नमिता पांडे और राधा अवस्थी मौजूद रहे |